नीति आयोग के रिकॉर्ड में यूपी सबसे फिसड्ïडी, सरकार की हुई किरकिरी
- एसडीजी रिपोर्ट के मुताबिक यूपी सबसे बुरे प्रदर्शन वाले राज्यों में शामिल
- इंडेक्स में केरल टॉप पर, यूपी 60 अंकों के साथ 25वें स्थान पर
- पड़ोसी राज्य उत्तराखंड भी शीर्ष सात राज्यों में शामिल
- विपक्ष ने सरकार को घेरा, कहा- यह है भाजपा सरकार के चार सालों का परिणाम
4पीएम न्यूज नेटवर्क. लखनऊ। भाजपा में एमएलसी एके शर्मा को लेकर जारी घमासान के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए एक और चुनौती खड़ी हो गई है। नीति आयोग ने सतत विकास लक्ष्यों के लिए सूचकांक (एसडीजी) इंडिया इंडेक्स 2020-21 की जो रिपोर्ट जारी की है, उसमें यूपी फिसड्ïडी है। ऐसे में विपक्ष ने योगी सरकार को निशाने पर ले लिया हैं। विपक्ष के लोगों का कहना है कि एसडीजी रिपोर्ट के मुताबिक यूपी सबसे बुरे प्रदर्शन वाले राज्यों में शामिल हैं जबकि पड़ोसी राज्य उत्तराखंड ने भी शीर्ष सात राज्यों में जगह बना ली। विपक्ष ने सरकार को घेरते हुए कहा यह है उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार के चार सालों का परिणाम। एसडीजी रिपोर्ट के अनुसार भारत के राज्यों में केरल ने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। जबकि बिहार ने सबसे खराब प्रदर्शन किया है। एसडीजी सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय मापदंडों पर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की प्रगति का मूल्यांकन करता है। केरल ने 75 के स्कोर के साथ टॉप राज्य के रूप में अपनी रैंक बरकरार रखी। हिमाचल प्रदेश और तमिलनाडु दोनों ने 74 के स्कोर के साथ दूसरा स्थान हासिल किया। राजस्थान (60), उत्तर प्रदेश (60), असम (57), झारखंड (56) और बिहार (52) सूचकांक में अंतिम रैंक वाले राज्यों में शामिल थे। अंडमान निकोबार केंद्र शासित प्रदेशों में 5वें स्थान पर है। भारत के एसडीजी इंडेक्स का तीसरा संस्करण नीति आयोग के वाइस चेयरमैन राजीव कुमार ने गुरुवार को ही लॉन्च किया है। इस सूचकांक की शुरुआत दिसंबर 2018 में हुई थी और यह देश में एसडीजी पर प्रगति की निगरानी के लिए प्रमुख साधन बन गया है। पहले संस्करण 2018-19 में 13 ध्येय, 39 लक्ष्यों और 62 संकेतकों को शामिल किया गया था, जबकि इस तीसरे संस्करण में 17 ध्येय, 70 लक्ष्यों और 115 संकेतकों को शामिल किया गया। यह एसडीजी इंडेक्स, भारत में संयुक्त राष्टï्र के सहयोग से विकसित किया गया है। यह ग्लोबल गोल और टारगेट को पूरा करने की दिशा में देश की यात्रा में नेशनल और सब नेशनल लेवल पर प्रगति को मापता है और साथ ही स्थिरता, लचीलापन, और भागीदारी के संदेशों को प्रचारित करने में यह टूल सफल रहा है।
नीति आयोग ने यूपी सरकार को आईना दिखाया है कि प्रदेश किस गर्त में जा रहा है। एसडीजी रिपोर्ट से साफ है कि योगी सरकार की नीतियों से प्रदेश के सिस्टम को काफी नुकसान हुआ है। अब भी वक्त है सरकार इस्तीफा दे दे।
अजय कुमार लल्लू, कांगे्रस प्रदेशाध्यक्ष
उत्तराखंड जैसे राज्य शीर्ष सात में शामिल हैं जबकि यूपी 25वें स्थान पर है। इससे शर्मनाक कुछ नहीं है। भाजपा की गलत नीतियों के चलते पूरा प्रदेश बदनाम है।
अनुपम मिश्रा, राष्टï्रीय प्रवक्ता आरएलडी
जब से यूपी में भाजपा ने सत्ता संभाली है तब से अपने प्रदेश सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय मुद्ïदों पर नाकामयाब साबित हुआ है। कोरोना की दूसरी लहर के बाद प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था जिस तरह से चरमराई है, यह सब जगजाहिर है।
अम्ब्रीश सिंह पुष्कर, विधायक सपा
बीते एक साल से सरकार का फोकस कोविड पर रहा। मुख्यमंत्री योगी को विपक्ष के द्वारा बदनाम करने की साजिश है। जबकि डब्ल्यूएचओ ने भी यूपी की तारीफ की है।
अशोक पांडेय, प्रवक्ता बीजेपी
शीर्ष पांच राज्य और उनकी रैंकिंग
केरल – 75 अंक
हिमाचल प्रदेश, तमिलनाडु – 74 अंक
आंध्र प्रदेश, गोवा, कर्नाटक, उत्तराखंड – 72 अंक
सिक्किम – 71 अंक
महाराष्टï्र – 70 अंक
सबसे बुरे प्रदर्शन वाले पांच राज्य और उनकी रैंकिंग
छत्तीसगढ़, नागालैंड, ओडिशा – 61 अंक
उत्तर प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, राजस्थान – 60 अंक
असम – 57 अंक
झारखंड – 56 अंक
बिहार – 52 अंक
यह ग्राफ वाली फोटो में लगेगा
यह इंडेक्स भारत में संयुक्त राष्टï्र के सहयोग से विकसित किया गया है।