पश्चिम बंगाल में एक साल के लिए पान मसाले पर प्रतिबंध
नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल सरकार ने गुटखा और पान मसाला पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार ने तंबाकू या निकोटीन युक्त गुटका और पान मसाला के निर्माण पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही सरकार ने गुटखा और पान मसाला के भंडारण और बिक्री या वितरण पर भी रोक लगा दी है. फिलहाल एक साल के लिए निकोटीन युक्त गुटका और पान मसाला के निर्माण, भंडारण और बिक्री पर यह प्रतिबंध लगाया गया है.
पश्चिम बंगाल सरकार ने 25 अक्टूबर को जारी आदेश में कहा है कि तंबाकू या निकोटीन युक्त गुटका और पान मसाला के निर्माण, भंडारण, बिक्री या वितरण पर एक साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया गया है. राज्य सरकार के आदेश के मुताबिक यह प्रतिबंध 7 नवंबर 2021 से प्रभावी होगा. पश्चिम बंगाल के स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि खाद्य सुरक्षा आयुक्त को पूरे राज्य में किसी भी अनुच्छेद के निर्माण, भंडारण, वितरण या बिक्री के लिए खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 की धारा 30 के तहत प्राधिकृत किया जाएगा. प्रतिबंध लगाने का अधिकार है.
पश्चिम बंगाल के स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि लोगों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर यह निर्णय लिया गया है. भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण द्वारा किए गए खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण द्वारा किए गए विनियम 2011 के विनियम (2) उप-धारा (2) के खंड (द्ब) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण द्वारा बनाए गए विनियम 2011, खाद्य सुरक्षा और जबकि मानक अधिनियम, 2006 (2006 का केंद्रीय अधिनियम 34), धारा 26 के साथ लिया गया है. खाद्य पदार्थों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाता है जिसमें तंबाकू या निकोटीन का उपयोग अवयवों के रूप में किया जाता है, क्योंकि वे मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं.
तंबाकू और निकोटीन का व्यापक रूप से गुटखा और पान मसाला में सामग्री के रूप में उपयोग किया जाता है. हालांकि राज्य सरकारें आमतौर पर इन मदों की बिक्री से काफी कर राजस्व उत्पन्न करती हैं, सार्वजनिक स्वास्थ्य के हित में, देश भर के कई राज्यों ने धीरे-धीरे गुटका और निकोटीन युक्त अन्य उत्पादों पर प्रतिबंध लगाने के लिए कदम उठाए हैं. 2019 में पहली बार ममता बनर्जी की सरकार ने गुटखा, सुपारी और कई अन्य तंबाकू उत्पादों पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया था. इससे पहले 2013 में राज्य सरकार ने पश्चिम बंगाल में खैनी, गुटखा और पान मसाला पर एक साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया था.