राष्ट्र के नाम अपने संबोधन मे राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने किया इन बिन्दुओं का जिक्र

नई दिल्ली। स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्र को संबोधित किया। उन्होंने कोरोना महामारी का जिक्र करते हुए कहा कि महामारी की तीव्रता कम हुई है लेकिन कोरोना-वायरस का असर अभी खत्म नहीं हुआ है। हमारे डॉक्टरों, नर्सों, स्वास्थ्य कर्मियों, प्रशासकों और अन्य कोरोना योद्धाओं के प्रयासों से सभी जोखिम उठाते हुए कोरोना की दूसरी लहर पर काबू पाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे वैज्ञानिकों ने कम समय में ही कोरोना की वैक्सीन बना ली।
राष्ट्रपति ने कहा कि मैं सभी देशवासियों से आग्रह करता हूं कि प्रोटोकॉल के अनुसार जल्द से जल्द वैक्सीन लगवाएं और दूसरों को भी प्रेरित करें। टीके इस समय हम सभी के लिए विज्ञान द्वारा प्रदान की जाने वाली सबसे अच्छी सुरक्षा हैं। मैं सभी देशवासियों से आग्रह करता हूं कि प्रोटोकॉल के अनुसार जल्द से जल्द वैक्सीन लगवाएं। यह प्रसन्नता की बात है कि चिकित्सा सुविधाओं के विस्तार पर एक वर्ष की अवधि में 23,220 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि तमाम बाधाओं के बावजूद ग्रामीण क्षेत्रों में, खासकर कृषि में विकास जारी है। कृषि विपणन में किए गए कई सुधारों से हमारे अन्नदाता किसान और अधिक सशक्त होंगे और उन्हें इसके लिए बेहतर कीमत मिलेगी।
अपने संबोधन में, राष्ट्रपति ने कहा कि मैं जम्मू-कश्मीर के निवासियों, विशेषकर युवाओं से इस अवसर का लाभ उठाने और लोकतांत्रिक संस्थानों के माध्यम से उनकी आकांक्षाओं को साकार करने में सक्रिय रहने का आग्रह करता हूं। जम्मू-कश्मीर में अब एक नई जागृति दिखाई दे रही है। सरकार ने लोकतंत्र और कानून के शासन में विश्वास रखने वाले सभी हितधारकों के साथ परामर्श की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने कहा, हमारा लोकतंत्र संसदीय प्रणाली पर आधारित है, इसलिए संसद हमारे लोकतंत्र का मंदिर है। स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर इस नए भवन का उद्घाटन विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र की विकास यात्रा में एक ऐतिहासिक शुरुआत माना जाएगा। हमारा लोकतंत्र संसदीय प्रणाली पर आधारित है, इसलिए संसद हमारे लोकतंत्र का मंदिर है। यह सभी देशवासियों के लिए बड़े गर्व की बात है कि हमारे लोकतंत्र का यह मंदिर निकट भविष्य में एक नए भवन में स्थापित होने जा रहा है।
अपने संबोधन की शुरुआत में उन्होंने कहा कि देश और विदेश में रहने वाले सभी भारतीयों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं। यह दिन हम सभी के लिए बहुत खुशी और उल्लास का दिन है। इस वर्ष के स्वतंत्रता दिवस का विशेष महत्व है क्योंकि इस वर्ष से तब हम सभी अपनी आजादी की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं।
राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि कोरोना के संकट की स्थिति में, लाखों लोगों ने खुद की परवाह किए बिना, मानवता के प्रति निस्वार्थ भाव से दूसरों के स्वास्थ्य और जीवन की रक्षा के लिए भारी जोखिम उठाया है। ऐसे सभी कोविड योद्धाओं के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना है। मैं सराहना करता हूं। कई कोविद योद्धाओं ने भी अपनी जान गंवाई है। मैं उन सभी की याद में नमन करता हूं।
राष्ट्रपति ने कहा कि स्वतंत्रता का हमारा सपना ज्ञात और अज्ञात स्वतंत्रता सेनानियों की कई पीढिय़ों के संघर्ष के माध्यम से साकार हुआ। इन सभी ने त्याग और बलिदान की अनूठी मिसाल पेश की। मैं उन सभी अमर सेनानियों की पवित्र स्मृति को नमन करता हूं।
ओलंपिक खेलों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि हमारे खिलाडिय़ों ने हाल ही में संपन्न टोक्यो ओलंपिक में अपने शानदार प्रदर्शन से देश का नाम रोशन किया है। मैं हर माता-पिता से होनहार बेटियों के परिवारों से शिक्षा लेने और उनकी बेटियों को आगे बढऩे के अवसर प्रदान करने का आग्रह करता हूं।

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