सीएम के अरमानों पर पानी फेर रहे कमीशनबाज अफसर, 4पीएम को मिला कमीशन डायरी का हिसाब

  • गाजियाबाद के मुरादनगर में 25 मौतों के बाद हंगामा
  • सिर्फ डीएम और कमिश्नर का जवाब-तलब कर औपचारिकता निभाने की रस्म होनी चाहिए खत्म
  • कमीशनबाजी कर रहे अफसरों को सीधे भेजा जाना चाहिये जेल
  • मुरादनगर में 25 लोगों की मौत पर विपक्ष के साथ भाजपा विधायक ने भी बोला हमला
  • यूपी में थम नहीं रहा विभागों में कमीशन का खेल
4पीएम न्यूज नेटवर्क. लखनऊ। गाजियाबाद के मुरादनगर श्मशान मामले ने तूल पकड़ लिया है। एक ओर सीएम ने जहां इस पर कड़ा रुख दिखाया है तो दूसरी ओर विपक्ष के साथ-साथ खुद भाजपा विधायक नंद किशोर ने अपनी ही सरकार पर हमला बोलते हुए नगर विकास विभाग पर भारी भ्रष्टïाचार का आरोप लगाते हुए सनसनी फैला दी है। एक पुलिस अधिकारी ने 4पीएम को एक ठेकेदार की कमीशन डायरी का स्कीन शॉट उपलब्ध कराया है जिसमें डीएम से लेकर शासन और माननीय तक का रेट शामिल है। जाहिर है नौकरशाही सीएम के अरमानों पर पानी फेरते हुए कमीशनबाजी करने में लगी है। मुरादनगर में 25 लोगों की दर्दनाक मौत इसका जीता जागता उदाहरण है।
सीएम के स्पष्टï निर्देश हैं कि पचास लाख के ऊपर के कामों का स्थलीय निरीक्षण स्वयं जिलाधिकारी और मंडलायुक्त करेंगे मगर मुरादनगर में कमीशनबाजी के चलते घटिया निर्माण होता रहा और अफसर आंखें मूंदे बैठे रहे। नतीजा 25 लोगों की मौत के रूप में सामने आया है। इस बीच अपना नाम सामने न आने की शर्त पर एक पुलिस अफसर ने एक ठेकेदार की डायरी के कुछ अंश 4पीएम को उपलब्ध कराए हैं। इस डायरी में साफ-साफ अफसरों के पदनाम के साथ-साथ कमीशन का रेट लिखा है। जिसमें डीएम का कमीशन पांच परसेंट, कमेटी का चार, माननीय का दो, टीएस को एक परसेंट और शासन को तीन परसेंंट पैसे दिए जाने का जिक्र है। जाहिर है यह सीएम के सपने को ध्वस्त करता हुआ कमीशनबाजी का खेल है। इस बीच भाजपा विधायक नंद किशोर गुर्जर की नाराजगी ने हड़कंप मचा दिया है। उन्होंने अपनी नाराजगी सीएम से जाहिर न करते हुए सीधे राज्यपाल को खत लिखा है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि गाजियाबाद सांसद वीके सिंह एवं लोकायुक्त की शिकायत को शासन में दबा दिया गया। जाहिर है भ्रष्टïाचार के खेल में सरकार पर और गहरे लाग लगना अभी बाकी हंै।
दोषियों पर रासुका, इंजीनियर-ठेकेदार से होगी नुकसान की भरपाई
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गाजियाबाद के मुरादनगर में अंत्येष्टि स्थल की गैलरी की छत गिरने से हुई 25 लोगों की मौत के मामले में बड़ी कार्रवाई का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री ने इस हादसे के सभी आरोपियों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई करने और दोषी इंजीनियर व ठेकेदार से नुकसान की वसूली करने के साथ ठेकेदार व इंजीनियर को ब्लैक लिस्ट करने का आदेश दिया है। डीएम और कमिश्नर को नोटिस जारी कर पूछा गया है कि जब सितंबर में 50 लाख के ऊपर के निर्माण कार्य का भौतिक सत्यापन का निर्देश जारी किया गया था, तब यह चूक क्यों हुई। गौरतलब है कि हादसे के बाद ईओ निहारिका चौहान, ठेकेदार अजय त्यागी, जेई चंद्रपाल व सुपरवाइजर आशीष समेत अन्य के खिलाफ गैरइरादतन हत्या की धाराओं में रविवार रात ही रिपोर्ट दर्ज कराई थी। हादसे में 25 मृतक के आश्रितों को दस-दस लाख की सहायता राशि देने का भी निर्देश दिया है।
भाजपा सरकार निरर्थक बहसबाजी में देश को न उलझाए। वह मुरादनगर श्मशान घाट हादसे में मरने वाले उन लोगों की भी जिम्मेदारी ले जो भाजपा सरकार के भ्रष्टाचारी निर्माण की भेंट चढ़ गए हैं।
अखिलेश यादव, सपा प्रमुख
मुरादनगर की घटना में साफ है कि अधिकारियों और नेताओं की मिलीभगत की वजह से भ्रष्टाचार हुआ और लोगों की जान गई। सभी के विरुद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज होना चाहिए और पीड़ित परिवारों को एक करोड़ का मुआवजा मिलना चाहिए।
संजय सिंह, सांसद, आप

 आंदोलन जारी, अब किसान करेंगे निर्णायक रणनीति का ऐलान
  • आठवें दौर की वार्ता से पहले मंथन, सुप्रीम कोर्ट पर भी टिकी नजरें
4पीएम न्यूज नेटवर्क. नई दिल्ली। आंदोलनकारी किसान संगठनों और सरकार के बीच सातवें दौर की वार्ता बेनतीजा रहने के बाद वार्ता अब निर्णायक मोड़ पर है। किसान निर्णायक रणनीति का ऐलान जल्द करेंगे। इसके लिए मंथन किया जा रहा है। वहीं आठ जनवरी को होने वाली वार्ता से पहले सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई पर सरकार के साथ किसान संगठनों की भी नजरें टिक गई हैं। आज पंजाब के किसान संगठनों की बैठक और उसके बाद संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में अगली रणनीति बनेगी। पहले से घोषित कुंडली-मानेसर-पलवल (केएमपी) एक्सप्रेस-वे पर ट्रैक्टर मार्च पर आठ जनवरी की वार्ता तक पुनर्विचार संभव है। आंदोलन पर सुप्रीम कोर्ट में जल्द सुनवाई संभव है। आठ पक्षकार किसान संगठनों भाकियू राजेवाल, भाकियू लखोवाल, भाकियू डकौंदा, जम्हूरी किसान सभा, कुलहिंद किसान, भाकियू दोआबा, भाकियू सिद्धुपुर और भाकियू टिकैत की ओर से प्रशांत भूषण और अन्य को पैरवीकार बनाकर कानूनी प्रक्रियाएं पूरी कर ली गई हैं। वार्ता के दौरान कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा था कि किसान हित में इन 40 संगठनों के अलावा अन्य राज्यों के किसान संगठनों से भी सरकार खुले मन से बातचीत जारी रखकर समाधान निकालने का प्रयास जारी रखेगी। वहीं किसान कानूनों की वापसी पर अड़े हैं।

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