सुप्रीम कोर्ट ने आसाराम की ‘आशा’ ठुकराई
नई दिल्ली। आसाराम बापू को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने आसाराम की याचिका खारिज कर दी है। जिसमें उत्तराखंड के एक आयुर्वेद केंद्र में इलाज के लिए उनकी सजा को अस्थायी रूप से निलंबित करने की मांग की गई थी, बता दें कि आसाराम ने आयुर्वेदिक इलाज के लिए कोर्ट से दो महीने की अंतरिम जमानत मांगी है। बता दें कि नाबालिग बच्चियों से रेप और यौन शोषण के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे आसाराम बापू को कोर्ट से झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी सजा को अस्थायी रूप से निलंबित करने की उनकी याचिका को खारिज कर दिया है। आपको बता दें कि 2018 में जोधपुर की एक अदालत ने आसाराम को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी। इस सजा के बाद आसाराम अपनी स्वाभाविक मौत तक जेल में ही रहेंगे। कोर्ट ने इस मामले में आसाराम आश्रम की वार्डन शिल्पी और उनके सहयोगी शरद को भी 20 साल कैद की सजा सुनाई थी।
उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर की एक लडक़ी द्वारा बलात्कार की शिकायत दर्ज कराने के बाद आसाराम को 2013 में गिरफ्तार किया गया था। किशोरी ने आरोप लगाया था कि आसाराम ने 15 अगस्त 2013 को जोधपुर के बाहरी इलाके मनाई गांव में अपने आश्रम में उसके साथ बलात्कार किया था। पीडि़ता मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा के आसाराम आश्रम में 12वीं की छात्रा थी।
इसके अलावा आसाराम पर गुजरात में दर्ज यौन उत्पीडऩ के एक और मामले का भी सामना करना पड़ रहा है। आसाराम और उनके बेटे नारायण साईं पर गुजरात के सूरत में दो बहनों के साथ रेप का आरोप है। बड़ी बहन ने आसाराम पर 1997 और 2006 में अहमदाबाद के मोटेरा आश्रम में उसका यौन शोषण करने का आरोप लगाया, जबकि छोटी बहन ने आसाराम के बेटे नारायण साई पर यही आरोप लगाया।