दुष्यंत चौटाला का रिएक्शन, प्रदर्शन कर रहे किसानों पर
नई दिल्ली। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में शनिवार को बीजेपी की राज्य स्तरीय बैठक हुई। बैठक का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारी किसानों और पुलिस के बीच बस्तर टोल प्लाजा पर हिंसा भडक़ गई। करनाल की ओर जा रहे किसानों को रोकने और तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया। इस घटना में प्रदर्शन कर रहे 10 किसान घायल हो गए। इसी बीच करनाल के एसडीएम आयुष सिन्हा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। जिसमें वह पुलिस से किसानों के सिर फोडऩे के लिए कहते नजर आ रहे हैं। सुनियोजित तरीके से किसानों पर लाठीचार्ज करने के विपक्ष के आरोप को देख हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला डैमेज कंट्रोल में जुट गए. चौटाला ने हाल ही में घटना पर अपने पहले बयान में एसडीएम सिन्हा के खिलाफ कार्रवाई का वादा किया था।
इस घटना पर हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला का दूसरा बयान सामने आया है, जिसमें उनका कहना है कि पुलिस पर हमले का वीडियो सामने आया है। आप किसी का माला पहनाकर स्वागत नहीं करेंगे यदि वे आप पर हमला करने की कोशिश करेंगे तो उन्हें लाठीचार्ज करना होगा। पुलिस का काम कानून-व्यवस्था बनाए रखना है। हमने सुनिश्चित किया है कि पिछले 9 महीनों में अत्यधिक बल का प्रयोग न हो। इस दौरान उन्होंने प्रदर्शन कर रहे किसान नेताओं पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि अगर मंशा अराजकता पैदा करने की है तो यह अलग बात है। लेकिन अगर किसानों और कृषि कानूनों के लिए काम करने का इरादा है, तो उन्हें नियमित बातचीत करनी चाहिए। कहां हैं वो 40 लोग जिन्होंने कहा कि एमएसपी और बाजार नहीं रहेगा और जमीन पर कब्जा होगा?
बता दें कि इससे पहले रविवार को भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने विवादित बयान दिया था। राकेश टिकैत ने हरियाणा के नूंह में आयोजित महापंचायत को संबोधित करते हुए खट्टर सरकार पर निशाना साधा था। करनाल में पुलिस द्वारा किसानों पर लाठीचार्ज की घटना की निंदा करते हुए उन्होंने हरियाणा सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मियों को कल एक अधिकारी ने किसानों के सिर पर वार करने का आदेश दिया था आगे उन्होंने कहा कि वे हमें खालिस्तानी कहते हैं। अगर आप हमें खालिस्तानी और पाकिस्तानी कहते हैं, तो हम यह भी कहेंगे कि सरकार तालिबान ने देश पर कब्जा कर लिया है। वे सरकारी तालिबान हैं। इसके साथ ही उन्होंने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि सिर तोडऩे का आदेश देने वाले ऑफिसरों की पहचान करनी होगी। बता दें कि उक्त बातें रविवार को नूंह में आयोजित महापंचायत को संबोधित करते हुए भारतीय किसान संघ के नेता राकेश टिकैत ने कही।