हम बीजेपी के पास गए थे लेकिन उसने हमारी बात नहीं मानी, अगर इन बातों को मान ले तो हम गठबंधन कर सकते हैं-ओपी राजभर

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में अभी कुछ ही महीने शेष हैं, ऐसे में राज्य में तमाम तरह के सियासी समीकरण बनने शुरू हो गए हैं। कभी योगी सरकार में सहयोगी रहे सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने अब एक बार फिर से भाजपा के साथ आने के संकेत दे दिए हैं। बता दें कि ओपी राजभर ने अपनी कुछ शर्तें रखते हुए शुक्रवार को कहा कि, अगर भारतीय जनता पार्टी उनकी मांगों को मान लेती है तो वो भाजपा के साथ गठबंधन कर सकते हैं।

शुक्रवार(15 अक्टूबर) को एक प्रेस कांफ्रेंस में ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि, हमारी शर्तों को जो दल मान लेगा उसके साथ 27 अक्टूबर को मऊ में गठबंधन का ऐलान किया जाएगा। उन्होंने अपनी शर्तों को लेकर कहा कि, भागीदारी संकल्प मोर्चा को जिस उद्देश्य से हमने बनाया, उसमें सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट को लागू करना शामिल है।

ओपी राजभर की शर्तें

समान रूप से स्नातकोत्तर तक मुफ्त शिक्षा मिले, घरेलू बिजली बिल माफ हो, शराबबंदी, पुलिस की बॉर्डर सीमा समाप्त की जाये, 8 घंटे काम करने की सीमा के साथ पुलिस बल को साप्ताहिक छुट्टी मिले, पुरानी पेशन बहाल हो, होमगार्ड, पीआरडी और ग्रामीण चौकीदार को पुलिस के बराबर सुविधा मिले।उन्होंने कहा कि, सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट को लेकर हम बीजेपी  के पास गए थे लेकिन बीजेपी  ने हमारी बात नहीं मानी, अब  बीजेपी अगर इन बातों को मान ले, तो हम उसके भी साथ गठबंधन कर सकते हैं। फिलहाल ओपी राजभर गठबंधन से पहले भाजपा से इन शर्तों पर ठोस आश्वासन चाहते हैं।

ओवैसी के साथ बनाया मोर्चा

मई 2019 में ओपी राजभर ने बीजेपी से अलग होने के बाद ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी सहित कई छोटे दलों के साथ मिलकर जनाधिकार संकल्प मोर्चे का गठन किया। हालांकि इस गठबंधन में  ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन को लेकर कई दलों को आपत्ति है और वो राजभर के भागीदारी मोर्चा में शामिल होने को तैयार नहीं है। वहीं भाजपा के साथ गठबंधन पर अपनी शर्तें रखने से पहले ओपी राजभर ने पिछले दिनों लखनऊ में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह से मुलाकात की थी, जिसे उन्होंने निजी मुलाकात बताया था।

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