जोशीमठ भू-धंसाव: डैमेज इमारतों पर लगे क्रैक मीटर, प्री-फैब्रिकेटेड घर के लिए 4 जगहों को मंजूरी
देहरादून। जोशीमठ में भू-धंसाव ये दरार वाले भवनों की संख्या बढक़र 849 हो गई। जिनमें से 165 भवन असुरक्षित क्षेत्र में स्थित है। अभी तक 237 परिवारों के 800 सदस्यों को अस्थाई राहत शिविरों में पहुंचाया जा चुका है, वहीं सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट ने जोशीमठ में कुछ क्षतिग्रस्त इमारतों पर क्रैक मीटर लगाए हैं। ये क्रैक मीटर अधिकारियों को दरारों में विस्थापन का अंदाजा देंगे। वाडिया संस्थान द्वारा तीन भूकंपीय स्टेशन भी स्थापित किए गए हैं, जिनसे आंकड़े प्राप्त किए जा रहे हैं। भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने भी सरकार द्वारा भू-धंसाव में प्रभावित लोगों के लिए पूर्वनिर्मित घरों के निर्माण के लिए प्रस्तावित पांच स्थानों में से चार को मंंजूरी दी गई है। यह जानकारी आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा ने मीडिया से बातचीत के दौरान दी।
आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा ने कहा, मैंने जिला मजिस्ट्रेट और अन्य संबंधित अधिकारियों से बात की है, और हम एक, दो और तीन बेडरूम सेट के मॉडल पूर्वनिर्मित ढांचे का निर्माण करेंगे और इसे लोगों को दिखाएंगे। अगर लोगों को यह ठीक लगता है तो वे इन जगहों पर रहना शुरू कर सकते हैं। हम पहले एक मॉडल तैयार करेंगे और संतुष्ट होने पर हम मांग के आधार पर और निर्माण करेंगे।
आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा ने इस बात पर संतोष जताया कि जोशीमठ में छह जनवरी को निकलने वाले पानी का रिसाव 540 लीटर प्रति मिनट से घटकर अब 163 लीटर प्रति मिनट रह गया है। इससे पहले भी रिसाव में कुछ कमी दर्ज की गयी थी, लेकिन रविवार को फिर इसमें बढ़ोतरी होने से प्रशासन की चिंता बढ़ गयी थी। 13 जनवरी को दर्ज 190 लीटर प्रति मिनट का जल रिसाव दो दिन तक कम रहने के बाद रविवार को बढक़र फिर 240 लीटर प्रति मिनट हो गया था। वाडिया संस्थान द्वारा जोशीमठ में तीन भूकंपीय स्टेशन लगाये गए हैं जिनसे आंकड़े भी प्राप्त किये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि विभिन्न एजेंसियां नगर में सर्वेंक्षण तथा जांच के काम में जुटी हुई हैं।
आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा ने बताया कि केंद्र सरकार के स्तर पर केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान द्वारा भवनों को हुई क्षति का आकलन करने के लिए उन पर ‘क्रेक मीटर’ लगाये गये है। उन्होंने बताया कि अभी तक 400 मकानों की क्षति का आकलन किया जा चुका है।प्रभावित परिवारों के राहत और पुनर्वास पर सिन्हा ने कहा कि जोशीमठ में अस्थायी राहत शिविरों में 2,190 लोगों की क्षमता वाले 615 कमरे, पीपलकोटी में 2,205 लोगों की क्षमता वाले 491 कमरे बनाए गए हैं।
प्रदेश के आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत सिन्हा ने यहां बताया कि उत्तराखंड सरकार की ओर से अंतरिम सहायता के रूप में 190 प्रभावित परिवारों को 2।85 करोड़ रुपये वितरित कर दिए गए हैं। उधर, भू-धंसाव के कारण उपरी हिस्से में एक दूसरे से खतरनाक रूप से जुड़ गए होटलों ‘मलारी इन’ और ‘होटल माउंट व्यू’ के ध्वस्त करने की कार्रवाई जारी है।