महिला अपराध में और कमी लाने की जरूरत : डीजीपी
सामुदायिक भागीदारी एवं जनजागरुकता कार्यक्रम का शुभारंभ
लखनऊ। वीमेन पावर लाइन का 10वां स्थापना दिवस कल मनाया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि पुलिस महानिदेशक मुकुल गोयल ने कहा कि महिआओं के प्रति अपराध में कमी नहीं आ रही है। इस दिशा में और प्रयास करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पुलिस के साथ समाज के हर वर्ग के लोगों को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। कार्यक्रम के दौरान डीजीपी ने सामुदायिक भागीदारी एवं जनजागरुकता कार्यक्रम का शुभारंभ किया। डीजीपी मुकुल गोयल ने 1090 के पंफलेट का अनावरण किया और ग्राम प्रहरियों, राष्ट्रीय सेवा योजना तथा नेहरु युवा केंद्र के सदस्यों को वितरित किया। इस दौरान 1090 के कार्ड, पोस्टर, रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन को भेजे जाने वाले मैसेज, बल्क में भेजे जाने वाले संदेश व रोडवेज बस टिकट ब्रांडिंग का अनावरण भी किया गया। अब रोडवेज बस के टिकट पर 1090 की जानकारी भी होगी।
डीजीपी ने सेफ सिटी परियोजना के तहत एलइडी वैन, रोडवेज बस और निजी वाहनों को झंडा दिखाकर रवाना किया, जिनपर जागरुकता से जुड़े स्टीकर लगाए गए हैं। एडीजी महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन नीरा रावत ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए व्यापक स्तर पर किए जा रहे जागरुकता कार्यक्रम के बारे में बताया। उन्होंने कहा व्यापार मंडल, कारपोरेट, टेली सर्विस प्रदाता, सिक्योरिटी गार्ड व ग्राम प्रहरियों समेत संगठनों के सहयोग से अलग अलग कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इनमें हम फार हर व फर्क पड़ता है मुख्य रूप से हैं।
गौरतलब है कि वीमेन पावर लाइन की स्थापना 15 नवंबर 2012 को हुई थी। फोन पर महिलाओं से अभद्रता की बढ़ती शिकायतों के निस्तारण के लिए इसकी परिकल्पना की गई थी। प्रारंभ में तीन कमरों में इसकी शुरूआत हुई और 1090 ने बड़ा रूप धारण कर लिया। वर्तमान में इसका संचालन दो मंजिला भवन में 24 घंटे हो रहा है।
19 लाख 80 हजार शिकायतें
वीमेन पावर लाइन पर तकरीबन 19 लाख 80 हजार शिकायतें दर्ज की गई हैं। एडीजी नीरा रावत के मुताबिक अधिकांश मामलों का निस्तारण किया जा चुका है। एक से दो फीसदी मामलों का निस्तारण जारी है। वीमेन पावर लाइन में सोमवार को प्रशिक्षण मैनुअल भी जारी किया गया। इसके तहत 26 हजार लोगों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य है। इनमें पुलिस, लखनऊ विकास प्राधिकरण, नगर निगम, परिवहन विभाग व स्वास्थ्य विभाग समेत अन्य शामिल हैं। प्रशिक्षण में महिलाओं की सुरक्षा एवं संरक्षा, व्यवहार पहलू एवं विकास, लैंगिक संवेदीकरण और साइबर सुरक्षा एवं जागरुकता मुख्य हैं।