देवउठनी एकादशी कल, भगवान विष्णु की करें पूजा-अर्चना, जानिए शुभ मुहूर्त
4PM न्यूज़ नेटवर्क: हिंदू-धर्म के अनुसार एकादशी तिथि को माह की सबसे महत्वपूर्ण तिथियों में से एक माना जाता है। कार्तिक माह में देवउठनी एकादशी व्रत किया जाता है। इस शुभ तिथि पर भगवान विष्णु की उपासना और व्रत करने का विधान है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से जातक को सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होती है और विष्णु जी प्रसन्न होते हैं। आपको बता दें कि देवउठनी एकादशी को प्रबोधिनी एकादशी और देवुत्थान एकादशी के नाम से भी जानते हैं। इस खास दिन से विवाह, सगाई, मुंडन, गृह प्रवेश जैसे मांगलिक कार्य भी शुरू हो जाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर देवउठनी एकादशी मनाई क्यों जाती है?
कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवउठनी एकादशी व्रत करने का विधान है। इस दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना की जाती है। भगवान विष्णु को प्रिय चीजों का भोग लगाया जाता है। सभी एकादशी तिथि में से देवउठनी एकादशी को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। ऐसे में मान्यता है कि इस दिन सच्चे मन से उपासना करने से साधक को विष्णु जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है और घर में सुख-समृद्धि का भी वास रहता है।
खास बात ये है कि धार्मिक मान्यता है कि कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी से भगवान विष्णु चार महीने के योग निद्रा से जागते हैं। इसलिए इस दिन देवउठनी एकादशी का पर्व मनाया जाता है। मान्यता है कि इस एकादशी व्रत को करने से जातक को सभी तरह के पापों से छुटकारा मिलता है। शुभ फल की प्राप्ति होती है।
जानिए देवउठनी एकादशी का शुभ मुहूर्त
- देवउठनी एकादशी के दिन व्रती भगवान विष्णु की पूजा सुबह 6:42 बजे से कर सकते हैं।
- 7:52 बजे से सर्वार्थ सिद्धि योग में पूजा करना और भी फलदायी होगा।
- देवउठनी एकादशी पर ब्रह्म मुहूर्त 04:56 ए एम से 05:49 ए एम तक है।
- शुभ मुहूर्त या अभिजीत मुहूर्त 11:44 ए एम से 12:27 पी एम तक है।
- व्रत पारण सुबह 6 बजकर 42 मिनट से सुबह 8 बजकर 51 मिनट तक है।