योगी राज में माफिया और गुंडें अंतिम सांसे ले रहे : स्वतंत्र देव सिंह
लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव को हर बात राजनीति के चश्मे से देखने की बुरी बीमारी लग गयी है, यही कारण है कि संविधान दिवस जैसे पवित्र दिन भी वे कुत्सित राजनीति से ऊपर नहीं उठ पाए। उन्होंने कहा जब पूरा देश भारत रत्न बाबा साहेब को याद कर रहा है और उनके आदर्शों पर चलने का संकल्प ले रहा है तो सपा मुखिया को चुनाव याद आ रहे हैं।
सिंह ने कहा कि जब मंच से अखिलेश यादव दबे-कुचले, वंचितों, शोषितों और गरीबों के उत्थान की बड़ी-बड़ी बातें कर रहे थे तो वह भूल गए कि अनुसूचित जाति गरीबों और वंचितों पर सबसे ज्यादा अत्याचार सपा कार्यकाल में ही हुआ था। सबसे ज्यादा दलित उत्पीड़न के मामले सपा सरकार में सामने आए थे। स्थिति यह थी कि दलितों की एफआईआर तक दर्ज नहीं की जाती थी। उन्होंने कहा कि वही सपा मुखिया आज मंच से संविधान, जो दलित, वंचित, शोषित वर्ग की सुरक्षा के लिए बनाया गया था, उसके बारे में बात कर रहे थे। उन्हें इस संविधान की याद अपने शासनकाल में नहीं आई जब दलितों को मारा-पीटा जाता था और यहां तक कि उनकी हत्या कर दी जाती थी फिर भी कोई कार्रवाई नहीं होती थी।
स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था इतनी सशक्त है कि माफिया और गुंडें अंतिम सांसे ले रहा है। प्रदेश में बेटियां आधी रात में भी जहां जाना चाहती हैं आ-जा सकती हैं। आज प्रदेश में बेटियां राज्य और देश के विकास में अपना योगदान दे रही हैं। उन्होंने कहा कि कनेक्टिविटी के क्षेत्र में भी हम आगे बढ़े हैं जीरो टॉलरेंस की नीति के चलते अपराधियों को बेल नहीं-जेल पसंद आ रहा है। स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि सपा-बसपा-कांग्रेस सरकार सभी ने देखी है। एक तरफ ईमानदार नेतृत्व परिश्रम की पराकाष्ठा पर चलने वाली योगी जी के नेतृत्व की उत्तर प्रदेश सरकार है, जो गुंडे माफियाओं का सफाया कर रही है।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि पहले उत्तर प्रदेश के लोग जब बाहर जाते थे तो उन्हें होटल देने में भी लोग डरते थे अब यहां के लोग चाहे महाराष्टï्र जाए या फिर किसी दूसरे प्रदेश में उन्हें आराम से होटल मिलता है उनका सम्मान होता है। योगी जी के नेतृत्व उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचार मुक्त, गुंडागर्दी मुक्त एवं भयमुक्त समाज की स्थापना हुई है। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव परिवार भी नहीं चला पा रहे हैं। वे अपनी पत्नी को सांसद बनाने तक सीमित हो गए हैं। उनका अपना एक ट्रस्ट है, वह सरकार बनाकर लूट-खसौट का सपना देख रहे। जो साकार नहीं होगा।