कांग्रेस से कट्टी ममता पर मेहरबान लालू! पढ़िए RJD के खेल के पीछे की इनसाइड स्टोरी
4PM न्यूज़ नेटवर्क: लालू यादव और कांग्रेस के रिश्तों में खटास बढ़ने के कयास पहले से लगते रहे हैं। 2024 के लोकसभा चुनाव में एक वक्त पर ऐसा लगा जैसे कांग्रेस और RJD आमने-सामने अब बस होने हीं वाले हैं, लेकिन हर बार की तरह कांग्रेस ने मौके की नजाकत को समझते हुए अपने कदम पीछे खींच लिए। दरअसल, कांग्रेस की नाराजगी की वजह यह थी कि इंडिया गंठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर बिना कोई सहमति बने लालू यादव ने प्रत्याशियों को सिंबल देना शुरू कर दिया। लालू ने पूर्णिया और औरंगाबाद जैसी सीट पर भी अपने प्रत्याशी को सिंबल बांट दिया जिस पर कांग्रेस का मजबूत दावा था। तब बात आयी गयी हो गयी लेकिन हालिया घटनाक्रम से इस बात का अंदेशा जताया जा रहा है कि कहीं कांग्रेस और RJD के बीच की दोस्ती में इतनी दरार न आ जाए जिसे पाटना मुश्किल हो।
कांग्रेस को इंडिया गठबंधन का नेतृत्व छोड़ देना चाहिए: आरजेडी सुप्रीमो
इसके साथ ही आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव कह रहे हैं कि कांग्रेस को इंडिया गठबंधन का नेतृत्व छोड़ देना चाहिए और ममता बनर्जी के हाथों में कमान दे देनी चाहिए। सवाल है कि लालू यादव को कांगेंस के नेतृत्व से इतनी दिक्कत क्यों? लालू ने तो कई बार मुश्किल वक्त में कांग्रेस का साथ दिया है। लालू यादव और गांधी परिवार के रिश्ते नए नहीं हैं। सच कहा जाए तो लालू ने उस वक्त गांधी परिवार का साथ दिया है, जब उसके साथ खड़ा होने में कांग्रेस के लोग भी कतरा रहे थे। दरअसल लालू की कांग्रेस से नजदीकी तब बढ़ी थी, जब उन्होंने राम मंदिर के लिए यात्रा पर निकले लालकृष्ण आडवाणी का ‘रथ’ बिहार में रोक दिया था।
ऐसा लालू ने तब किया था, जब उसी साल 1990 में भाजपा की मदद से लालू मुख्यमंत्री बने थे। सोनिया गांधी ने जब कांग्रेस की कमान संभाली और कांग्रेस को केंद्र में सरकार बनाने का मौका मिला तो विदेशी मूल के सवाल पर उनका खूब विरोध हुआ। विरोध करने वाले भाजपा के लोग तो थे ही, कांग्रेस के भीतर भी सोनिया पर नेता बंटे हुए थे। लालू ने सदन में सोनिया का साथ दिया था। तो क्या लालू का यह खेल बिहार में 2025 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर है।
RJD और कांग्रेस के बीच शह-मात के खेल में जीत किसकी होती है?
क्या लालू इस बार कांग्रेस को कम से कम सीटों में सिमटा देना चाहते हैं? क्या लालू विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पर ज्यादा सीटें नहीं खर्च करना चाहते वे कांग्रेस को सीट बंटवारे में 2020 के मुकाबले कम सीटें देना चाहते हैं? दरअसल, लालू यादव को माहिर राजनीतिज्ञ माना जाता है। अगर लालू इंडिया गठबंधन की बैठक में राहुल गांधी को दुल्हा बनने की बात कहें तो उसका भी अपना एक खास मतलब होता है। लेकिन मामला थोड़ा हैरानी वाला इसलिए है कि जिस इंडिया गठबंधन का दुल्हा राहुल गांधी को लालू ने बताया अचानक उनका हृदय परिवर्तन हुआ और वे अब ममता बनर्जी को इंडिया गठबंधन का नेतृत्व देने की वकालत करने लगे हैं।
जाहिर 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर लालू ने सियासी शतरंज की जो पहली विसात तैयार की है वो कांग्रेस के लिए की है। ऐसे में अब देखना होगा कि आरजेडी और कांग्रेस के बीच शह-मात के खेल में जीत किसकी होती है? वैसे यह तय है कि लालू अगर कांग्रेस को 2020 के विधानसभा चुनाव के मुकाबले इस बार कम सीटें देने की मंशा रखते हैं तो बात शायद हीं बन पाए। कांग्रेस नहीं मानी और लालू अड़े तो दोस्ती टूट के आसार ज्यादा हैं।