जगदीप धनखड़ के खिलाफ विपक्ष ने खोला मोर्चा, ‘सदन में विपक्षी दलों को बोलने नहीं देते, खुद RSS की तारीफ करते हैं’
4PM न्यूज़ नेटवर्क: राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को लेकर इंडिया गठबंधन ने बुधवार (11 दिसंबर) को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि उपराष्ट्रपति का पद देश का दूसरा सबसे बड़ा संवैधानिक पद है। उन्होंने आगे कहा कि देश के पहले उपराष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन को याद किया। खड़गे ने सभापति पर पक्षपातपूर्ण व्यवहार का आरोप लगाया और अविश्वास प्रस्ताव लाने की वजह भी बताई।
सदन अगर नहीं चलता है तो उसका कारण हमारे सभापति: खड़गे
जगदीप धनखड़ के आचरण ने देश की गरिमा को ठेस पहुंचाई: खड़गे
उन्होंने बताया कि सभापति के तरफ से किए जा रहे भेदभाव के कारण हमने उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया है। बीते तीन सालों में उनका आचरण उनकी पद की गरिमा के विपरीत रहा है। वो ख़ुद को RSS का एकलव्य बताते हैं, विपक्ष को विरोधी मानते हैं। अपमानजनक टिप्पणियां करते हैं। सदन में काफी अनुभवी सदस्य हैं, लेकिन सभापति उन्हें हेडमास्टर की तरह प्रवचन देते हैं। सभापति योजनाबद्ध तरीके से चर्चा नहीं होने देते। विपक्ष को बोलने नहीं देते। उनकी निष्ठा संविधान की बजाय सत्ताधारी दल के लिए है। वो प्रमोशन के लिए सरकार के प्रवक्ता की तरह काम कर रहे हैं। सदन में गतिरोध का सबसे बड़ा कारण सभापति खुद हैं। खरगे ने कहा कि उनके (जगदीप धनखड़) आचरण ने देश की गरिमा को ठेस पहुंचाई है। उन्होंने ऐसी स्थिति बना दी है कि हमें अविश्वास प्रस्ताव लेकर आना पड़ा, हमारा उनसे निजी बैर नहीं है।
महत्वपूर्ण बिंदु
- मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि वे प्रमोशन के लिए सरकार के प्रवक्ता बनकर काम कर रहे हैं।
- राज्यसभा में सबसे बड़े व्यवधान डालने वाले व्यक्ति खुद चेयरमैन हैं और वह दूसरों को हिदायत देते रहते हैं।
- उन्होंने कहा कि वह हमेशा सदन को ठप करने की कोशिश करते हैं, सभापति अधिक व्यवधान डालते हैं।