शरद पवार की पार्टी में फूट डालने की कोशिश: राउत
- बोले- राकांपा नेताओं को भाजपा ने सौंपा काम
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
मुंबई। शिवसेना नेता संजय राउत ने दावा किया कि भाजपा ने राकांपा के नेता प्रफुल्ल पटेल और अजित पवार को शरद पवार के नेतृत्व वाली राकांपा को तोडऩे का काम सौंपा है। राउत ने कहा कि शरद पवार 84 साल की उम्र में भी कड़ी मेहनत कर रहे हैं, लेकिन उनकी पार्टी में फूट डालने की कोशिश की जा रही है। राउत ने कहा कि विपक्षी पार्टी से नाता तोडऩे वाले व्यक्ति को अपने कृत्य पर शर्म आनी चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार में मंत्री बनने के लिये राजग के सहयोगी दल के पास छह सांसद होने चाहिये, इसलिये राकांपा को मंत्रिमंडल में स्थान नहीं मिला है।
राउत ने दावा किया, भाजपा ने प्रफुल्ल और अजित पवार को राकांपा के पांच सांसदों को अपने पक्ष में करने के लिए कहा है। इसके बाद ही राकांपा को केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह दी जाएगी। शरद पवार के नेतृत्व वाली पार्टी के लोकसभा में आठ सांसद हैं, जबकि महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार की अध्यक्षता वाली राकांपा का एक सदस्य है। राउत ने कहा, जो लोग शरद छोडऩे के बारे में सोच रहे हैं वे पवार साहब को नहीं, बल्कि महाराष्ट्र को हरा रहे हैं। राकांपा के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने संपर्क करने पर बताया कि मीडिया के एक वर्ग में जारी की गयी, ऐसी खबरें झूठी और मनगढ़ंत हैं, कि उनकी पार्टी भाजपा नीत गठबंधन में शामिल होने या अजित पवार के खेमे से हाथ मिलाने की योजना बना रही है।
नाना पटोले छोडऩा चाहते हैं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का पद
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस को अब तक की सबसे बुरी हार का सामना करने के कुछ दिनों बाद, इसकी राज्य इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले ने केंद्रीय नेतृत्व से उन्हें संगठनात्मक पद की जिम्मेदारी से मुक्त करने का अनुरोध किया। एआईसीसी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को एक पत्र लिखा, जहां उन्होंने उन्हें प्रदेश अध्यक्ष के पद से मुक्त करने का अनुरोध किया और नई कार्यकारिणी की नियुक्ति के साथ-साथ राज्य कार्यकारिणी को भंग करने के लिए कहा, ताकि राज्य में कांग्रेस एक बार फिर मजबूत हो सकती है। विपक्षी एमवीए की घटक कांग्रेस ने महाराष्ट्र में 101 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ा और केवल 16 सीटें जीतीं, जो कि अपने एक समय के गढ़ में अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन है। राज्य में इसके कई शीर्ष नेता अपने विधानसभा क्षेत्रों को बरकरार रखने में विफल रहे। नाना पटोले ने खुद भंडारा जिले के साकोली विधानसभा क्षेत्र को केवल 208 वोटों से बरकरार रखा।