महाराष्ट्र की स्थिति बिहार से ज्यादा खराब: संजय राउत
- बोले- सीएम देवेंद्र फडणवीस को इसका संज्ञान लेना चाहिए
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
मुंबई। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी सोमवार को महाराष्ट्र के परभणी पहुंचे और हिंसा पीडि़त परिवारों से मुलाकात की। जिसको लेकर सियासत तेज हो गई है। सांसद संजय राउत के मुताबिक महाराष्ट्र के हालात बिहार से ज्यादा खराब हैं और सीएम को इसका संज्ञान लेना चाहिए। विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने मंगलवार को कहा कि विपक्ष को क्या करना है, कहां जाना है, क्या बोलना है, यह पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह या सीएम देवेंद्र फडणवीस तय नहीं कर सकते।
महाराष्ट्र की स्थिति बिहार से भी ज्यादा गंभीर है, जिसे सीएम फडणवीस को समझना चाहिए। उन्होंने कहा कि बीड और परभणी में हुई घटनाएं राज्य की छवि को कलंकित करती हैं और इन अपराधों में शामिल लोग आपकी सरकार में मंत्री हैं। राहुल गांधी का परभणी दौरा सही था क्योंकि उन्होंने इन मुद्दों को राष्ट्रीय स्तर पर उठाया। मुख्यमंत्री और गृहमंत्री को इन घटनाओं की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। नरेंद्र मोदी के कुवैत दौरे को लेकर संजय राउत ने कहा कि कुवैत ने नरेंद्र मोदी को मुबारक अल कबीर का खिताब दिया है। अगर ऐसा खिताब सोनिया या राहुल गांधी को मिला होता, तो बीजेपी ने हंगामा खड़ा कर दिया होता। पीएम मोदी अब मुबारक अल कबीर नरेंद्र मोदी या मोहम्मद अल कबीर मोदी कहलाने के लायक हैं। चुनाव आयोग पर टिप्पणी करते हुए संजय राउत ने कहा कि ईसीआई को खुद साबित करना चाहिए कि वो चोर नहीं हैं। हमें यह साबित करने की जरूरत नहीं है कि आप चोर हैं। यह आपकी जिम्मेदारी है। महाराष्ट्र की जनता बीजेपी के खिलाफ है और उनकी चोरी हर गांव और शहर में उजागर हो चुकी है। जनता की अदालत में बीजेपी का पर्दाफाश हो चुका है।
एकनाथ शिंदे को क्यों नहीं दिया गया गृह विभाग
शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत सरकार पर लगातार हमलावर है। इससे पहले वह फडणवीस सरकार में विभागों के बंटवारे पर भी कड़ा प्रहार कर चुके है। उन्होंने कहा था कि यह बीजेपी का दोहरा चरित्र है कि जब शिंदे सीएम बने थे तो यह कहा गया कि गृहमंत्रालय सीएम के पास नहीं रहेगा। अब जब फडणवीस मुख्यमंत्री बने हैं तो फिर गृहमंत्रालय शिंदे को क्यों नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि फडणवीस सरकार के भीतर भयंकर मनमुटाव चल रहा है जो महाराष्ट्र की जनता के हित में नहीं है। इस मनमुटाव से कार्य प्रभावित होगा।