स्वतंत्रता संग्राम से बड़ा था राम मंदिर आंदोलन : सुरेंद्र जैन
बयान देकर विवादों में फंसे वीएचपी नेता
नई दिल्ली। विश्व हिंदू परिषद के संयुक्त महासचिव ने स्वतंत्रता संग्राम पर एक बयान देकर नया विवाद खड़ा कर दिया है। वीएचपी नेता सुरेंद्र जैन ने कहा कि राम मंदिर का आंदोलन स्वतंत्रता संग्राम से बड़ा था। उन्होंने आगे कहा कि 1947 में भारत राजनीतिक रूप से तो जरूर स्वतंत्र हुआ, लेकिन राम मंदिर आंदोलन से हम सभी को अपनी धार्मिक और सांस्कृतिक आजादी मिली। ये स्वतंत्रता संग्राम से भी बड़ा आंदोलन था। राम मंदिर बनाने को लेकर राम राज्य के युग की यात्रा प्रारंभ हो गई थी और मंदिर निर्माण के बाद तो भारत की भाग्य ही बदल जाएगा। उन्होंने कहा कि यह सदी राम की है।
दान अभियान पूरे देश को एक करने का सेतु बन गया और इसने साबित कर दिया कि राम ही राष्टï्र को एकजुट कर सकते हैं। विहिप के केंद्रीय उपाध्यक्ष और श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महामंत्री चंपत राय ने बीते दिनों दावा किया है कि दिसंबर 2023 तक अयोध्या में राम मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा। चंपत राय ने कहा कि विहिप ने अपने स्थापना काल से जिन कार्यों का जिम्मा लिया उन्हें तन मन से पूरी निष्ठा के साथ पूर्ण किया है। अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण भी उनमें से एक है। उन्होंने कहा परिषद के समर्पित कार्यकर्ताओं के संघर्ष का ही नतीजा है कि आज जन्मभूमि पर भव्य श्रीराम मंदिर का निर्माण हो रहा है।
मतांतरण को रोकने के लिए केंद्रीय कानून बने : मिलिंद परांडे
कानपुर। हिंदुओं के मंदिरों को सरकारी कब्जे से मुक्त किया जाए। साथ ही इसके लिए केंद्रीय कानून भी बनाया जाए। यह बात विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के केंद्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे ने बीएनएसडी शिक्षा निकेतन में कही। उन्होंने कहा मस्जिदों, चर्च में भी विवाद होता है लेकिन वहां सरकारी अधिकारी नहीं बिठाया जाता। उन्होंने कहा कि मतांतरण रोकने के लिए भी केंद्रीय कानून बनाया जाए।
परांडे ने कहा कि सभी मंदिरों के कर्ताधर्ता हिंदू समाज के लोग ही होने चाहिए, जिनकी सनातन धर्म व संस्कृति में कोई आस्था नहीं है और जो हिंदुत्व की परिभाषा भी नहीं जानते, उनके हाथ में मंदिरों को नहीं सौंपना चाहिए। हिंदू जिस श्रद्धा के साथ मंदिरों में दान कर रहे हैं, उनका इस्तेमाल मंदिर के लिए न होकर अन्य कार्यों के लिए हो रहा है जो दुरुपयोग हैं। मंदिर प्राचीन काल से हिंदू संस्कृति के केंद्र हैं, अगर वे प्रदूषित होंगे तो हिंदू समाज की रक्षा कैसे होगी। उन्होंने कहा कि अगर कहीं कोई विवाद भी है तो हिंदू समाज उसे खुद सुलझा लेगा।
उन्होंने 14 दिसंबर को गीता जयंती को शौर्य दिवस के रूप में मनाने की बात कही। इस मौके पर शौर्य यात्राएं निकाली जाएंगी। 23 दिसंबर को धर्म रक्षा दिवस मनाने की बात कहते हुए कहा कि देश में हिंदू समाज को नष्ट करने के लिए षड़यंत्र हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि मतांतरण को रोकने के लिए तुरंत केंद्रीय कानून बनाया जाए ताकि देश को इस अभिशाप से मुक्त कराया जा सके। अभी जिन छह राज्यों में मतांतरण विरोधी प्रस्ताव आए हैं, उनमें भी विहिप की ही भूमिका है।