उत्तर-पूर्व के लिए अडानी समूह ने खोला भारी भरकम खजाना

- पूर्वोत्तर राज्यों में 1 लाख करोड़ रुपये का निवेश करेगी कंपनी
- गौतम अडानी ने ‘राइजिंग नॉर्थईस्ट ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट’ में की घोषणा
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों की आर्थिक संभावनाओं को नई उड़ान देते हुए अडानी समूह के अध्यक्ष गौतम अडानी ने आज असम और समूचे उत्तर-पूर्व क्षेत्र के लिए अगले दस वर्षों में 1 लाख करोड़ रुपये के निवेश की प्रतिबद्धता जताई है। ‘राइजि़ंग नॉर्थईस्ट ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट’ में बोलते हुए उन्होंने ये घोषणा की। यह समिट नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर-पूर्व के राज्यों के मुख्यमंत्रियों, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और देश के शीर्ष उद्योगपतियों की उपस्थिति में आयोजित हुआ।
प्रधानमंत्री को संबोधित करते हुए अडानी ने कहा कि आपके नेतृत्व से प्रेरित होकर, मैं घोषणा करता हूं कि अडानी समूह उत्तर-पूर्व भारत में अगले 10 वर्षों में अतिरिक्त 50,000 करोड़ का निवेश करेगा। अपने भाषण में उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में उत्तर-पूर्व में हुए परिवर्तन की सराहना की और बताया कि 2014 के बाद से अब तक 6.2 लाख करोड़ रुपये से अधिक का बुनियादी ढांचा निवेश हुआ है, सडक़ नेटवर्क दोगुना होकर 16,000 किमी हो गया है, और 9 हवाई अड्डों से बढक़र अब 18 हवाई अड्डे चालू हो चुके हैं। बता दें कि उद्योगपति गौतम अडानी ने विकास कार्यों में बढ़चढ़ कर हिस्सा लेते हैं। अभी हाल ही में उन्होंने केरल, बिहार, यूपी , राजस्थान समेत देश के कई राज्यों में हर सेक्टर में अरबों रुपये का निवेश किया है। व्यवसायिक गतिविधियों के अलावा वह सामजाजिक सरोकारों में भी रुचि लेते हैं।
लॉजिस्टिक्स समेत कई ट्रेनिंग सेंटर्स पर भी फोकस : अडानी
अडानी ने कहा कि यह निवेश ग्रीन एनर्जी, पावर ट्रांसमिशन, सडक़ों, डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर, लॉजिस्टिक्स और मानव संसाधन विकास पर केंद्रित होगा। उन्होंने कहा कि हम स्मार्ट मीटर, हाइड्रो और पंप्ड स्टोरेज प्रोजेक्ट्स, पावर ट्रांसमिशन, सडक़ों और हाईवे, डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर, लॉजिस्टिक्स और स्किलिंग व वोकेशनल ट्रेनिंग सेंटर्स के माध्यम से क्षमता निर्माण में निवेश करेंगे। यह प्रतिबद्धता फरवरी में आयोजित एडवांटेज आसाम 2.0 समिट में की गई 50,000 करोड़ की घोषणा से दोगुनी है।
एक्ट ईस्ट, फास्ट व फर्स्ट विकास का टर्निंग पॉइंट
अडानी ने प्रधानमंत्री की एक्ट ईस्ट, एक्ट फास्ट व एक्ट फस्र्ट नीति को इस विकास का टर्निंग पॉइंट बताया। उन्होंने कहा कि यह केवल नीति नहीं है, यह आपके बड़े सोचने की पहचान है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अडानी समूह का यह निवेश केवल ढांचागत विकास नहीं, बल्कि स्थानीय लोगों, रोजगार और उद्यमिता पर केंद्रित होगा। हम इंफ्रास्ट्रचर से बढक़र, लोगों में निवेश करेंगे। हर परियोजना में स्थानीय रोजगार, स्थानीय उद्यमिता और सामुदायिक भागीदारी को प्राथमिकता दी जाएगी।
दिल्ली में राइजिंग नॉर्थ ईस्ट इन्वेस्टर्स समिट का उद्घाटन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राइजिंग नॉर्थ ईस्ट इन्वेस्टर्स समिट का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर की विविधता इसकी सबसे बड़ी ताकत है। पीएम मोदी ने कहा, पूर्वोत्तर हमारे लिए सिर्फ दिशा नहीं है, इसका मतलब है सशक्त बनाना, मजबूत बनाना और बदलाव लाना. पूर्वोत्तर क्षेत्र अभूतपूर्व प्रगति देख रहा है, हम इसकी विकास गाथा को गति देने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं। एक समय था जब पूर्वोत्तर को केवल सीमांत कहा जाता था, अब यह विकास में अग्रणी है। पीएम मोदी ने जोर देते हुए कहा, विकसित भारत के निर्माण के लिए पूर्वी भारत का विकसित होना बहुत जरूरी है। नॉर्थ ईस्ट पूर्वी भारत का सबसे अहम अंग है हमारे लिए ईएएसटी का मतलब सिर्फ एक दिशा नहीं है। हमारे लिए ईएएसटी का मतलब है, एम्पावर, एक्ट, स्ट्रैंथ और ट्रांस्फॉम, पूर्वी भारत के लिए यही हमारी सरकार की नीति है। इस अवसर कई अन्य मंत्रियों ने भी अपने विचार साझा किए। सभी ने पूर्वाेत्तर के विकास के लिए उद्योगपतियों से ज्यादा से ज्यादा निवेश का आहवाहन किया।
भारत 2047 के लक्ष्य के प्रति प्रतिबद्ध
अडानी ने विकसित भारत 2047 के लक्ष्य के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि हम उत्तर-पूर्व के भाइयों और बहनों के सपनों, सम्मान और भविष्य के साथ खड़े रहेंगे। यह घोषणा अडानी समूह को उत्तर-पूर्व भारत के आर्थिक परिवर्तन में एक महत्वपूर्ण निजी क्षेत्र के भागीदार के रूप में स्थापित करती है, जो ऊर्जा, संपर्क और जीवन स्तर के क्षेत्र में दीर्घकालिक प्रभाव डालेगा।



