ऑपरेशन सिंदूर और भारत-पाक तनाव पर ममता बनर्जी की केंद्र से मांग: संसद का विशेष सत्र बुलाएं

ममता बनर्जी ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस देश के हित में केंद्र सरकार के हर उचित फैसले का समर्थन करेगी। साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत की विदेश नीति और रणनीतिक कदमों की जानकारी से जनता को अवगत कराना एक लोकतांत्रिक ज़रूरत है

4पीएम न्यूज नेटवर्कः पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि वह पाकिस्तान के साथ मौजूदा तनाव और ऑपरेशन सिंदूर को लेकर देश को पूरी जानकारी दे। इसके लिए उन्होंने संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है ताकि जनप्रतिनिधियों और आम नागरिकों को हालात की पारदर्शी जानकारी दी सके।

ममता बनर्जी ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस देश के हित में केंद्र सरकार के हर उचित फैसले का समर्थन करेगी। साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत की विदेश नीति और रणनीतिक कदमों की जानकारी से जनता को अवगत कराना एक लोकतांत्रिक ज़रूरत है पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र से अपील की है कि वह देशवासियों को सिंदूर मुद्दे और पाकिस्तान के साथ तनाव के बारे में जानकारी देने के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाए. साथ ही उन्होंने कहा कि देश की संप्रभुता की रक्षा और राष्ट्रीय हित में केंद्र जो भी फैसला लेगा, तृणमूल कांग्रेस हमेशा उसके साथ खड़ी रहेगी.

मुख्यमंत्री ने ऑपरेशन सिंदूर और आतंकवाद से निपटने में भारत द्वारा उठाए गए कदमों से दुनिया को अवगत कराने के लिए बहुपक्षीय प्रतिनिधिमंडल भेजने के केंद्र के फैसले का भी स्वागत किया. शुक्रवार को ममता ने सोशल साइट एक्स पर लिखा, “आतंकवाद के खिलाफ विश्व समुदाय तक पहुंचने के लिए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल अलग-अलग देशों में जा रहे हैं. मुझे यह देखकर खुशी हो रही है. मैंने हमेशा कहा है कि देश के हितों और हमारी संप्रभुता की रक्षा के लिए केंद्र जो भी कदम उठाएगा, तृणमूल उसके साथ खड़ी रहेगी.”

संसद का विशेष सत्र बुलाए सरकार
उन्होंने कहा कि मैं केंद्र से अपील करती हूं कि प्रतिनिधिमंडलों के सुरक्षित लौटने के बाद वह संसद का विशेष सत्र बुलाए, क्योंकि मेरा मानना ​​है कि देश के लोगों को हालिया तनाव और मौजूदा स्थिति के बारे में सबसे पहले जानने का अधिकार है.”

बता दें कि 22 अप्रैल को पहलगांव में आतंकवादियों द्वारा किए गए हमले में 26 लोगों की हत्या के बाद केंद्र सरकार ने कड़े कदम उठाए. आतंकवादी हमले के 15 दिन बाद, भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में 9 स्थानों पर हमले किये और कई आतंकवादी शिविरों को नष्ट कर दिया. यद्यपि भारत ने स्पष्ट किया कि केवल पाकिस्तान स्थित आतंकवादी शिविरों को ही निशाना बनाया गया था. फिर भी, भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने सीमा पर बिना उकसावे के गोलाबारी शुरू कर दी. मिसाइल दागी गई. भारतीय सेना ने हर हमले को विफल कर दिया. 10 मई को पाकिस्तानी सेना के डीजीएमओ ने भारत के डीजीएमओ को फोन किया और दोनों देश युद्ध विराम पर सहमत हो गए.

विभिन्न देशों में प्रतिनिधिमंडल भेजे जाने का किया स्वागत
केंद्र ने ऑपरेशन सिंदूर और आतंकवाद से निपटने के लिए भारत द्वारा उठाए गए कदमों को दुनिया के सामने प्रस्तुत करने के लिए विभिन्न देशों में प्रतिनिधिमंडल भेजने का निर्णय लिया. केंद्र ने शुरुआत में तृणमूल सांसद यूसुफ पठान को ऐसे ही एक प्रतिनिधिमंडल में शामिल किया था. उस समय तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी और तृणमूल के अखिल भारतीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने कहा था कि वे प्रतिनिधिमंडल का बहिष्कार नहीं कर रहे हैं, लेकिन, पार्टी तय करेगी कि उनका प्रतिनिधि कौन होगा? यूसुफ का नाम प्रतिनिधिमंडल से वापस ले लिया गया. तब संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने ममता को फोन किया.

तृणमूल सुप्रीमो ने प्रतिनिधिमंडल में अभिषेक बनर्जी का नाम प्रस्तावित किया, जिसे केंद्र सरकार ने मान लिया. अभिषेक बनर्जी प्रतिनिधिमंडल के सदस्य के रूप में जापान सहित पांच एशियाई देशों के दौरे पर हैं. कुल 7 प्रतिनिधिमंडल दुनिया भर के विभिन्न देशों में जा रहे हैं. इस दिन ममता बनर्जी ने केंद्र से प्रतिनिधिमंडलों के लौटने के बाद संसद का विशेष सत्र बुलाने की अपील की.

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