मनरेगा में महाघोटाला, मंत्री के बेटे की बेल के बाद फिर हुई गिरफ्तारी

गुजरात मंत्री बच्चूभाई खाबड़ के बेटे किरण खाबड़ को मनरेगा घोटाले में जमानत के तुरंत बाद... नई FIR में दोबारा गिरफ्तार किया गया...

4पीएम गुजरातः गुजरात के दाहोद जिले में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम योजना के तहत हुए 71 करोड़ रुपये के कथित घोटाले ने राज्य की राजनीति में तूफान ला दिया है……. इस घोटाले के केंद्र में राज्य के पंचायत और कृषि राज्यमंत्री बच्चूभाई खाबड़ के दोनों बेटे बलवंत खाबड़ और किरण खाबड़ हैं…… गुरुवार 29 मई 2025 की रात को दाहोद पुलिस ने किरण खाबड़ को एक नई प्रथम सूचना रिपोर्ट के तहत दोबारा गिरफ्तार कर लिया……. जब वह पहले मामले में जमानत पर रिहा हुए थे…….. इस नई गिरफ्तारी ने न केवल घोटाले की गंभीरता को उजागर किया है……. बल्कि गुजरात की बीजेपी सरकार पर विपक्ष के हमलों को और तेज कर दिया है…….

यह घोटाला 2021 से 2024 के बीच दाहोद जिले के देवगढ़ बारिया……. और धनपुर तालुकों में हुआ……. फर्जी दस्तावेजों और अधूरे कार्यों के जरिए सरकारी धन की हेराफेरी का एक जाल बुनता है……. इस मामले ने न केवल सरकारी योजनाओं में पारदर्शिता….. और जवाबदेही की कमी को उजागर किया है…….. बल्कि यह सवाल भी उठाया है कि क्या गुजरात में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए पर्याप्त निगरानी तंत्र मौजूद है……. आपको बता दें कि दाहोद जिला ग्रामीण विकास एजेंसी ने अप्रैल 2025 में इस घोटाले का खुलासा किया…….. जब इसके निदेशक बीएम पटेल ने सड़क निर्माण और अन्य मनरेगा परियोजनाओं में अनियमितताओं की शिकायत दर्ज की……. जांच में पता चला कि 2021 से 2024 के बीच, देवगढ़ बारिया में 60.90 करोड़ रुपये……. और धनपुर में 10.10 करोड़ रुपये के ठेके 28 अनधिकृत एजेंसियों को बिना उचित निविदा प्रक्रिया के दिए गए……. इनमें से कई परियोजनाएं केवल कागजों पर पूरी हुईं……. जबकि वास्तव में कोई काम नहीं हुआ या काम अधूरा छोड़ दिया गया……

पुलिस जांच के अनुसार बच्चूभाई खाबड़ के बेटों बलवंत और किरण का संबंध ‘श्री राज ट्रेडर्स’ और ‘श्री राज कंस्ट्रक्शन कंपनी’ जैसी फर्मों से था…….. जिन्हें बिना टेंडर के 30.04 करोड़ रुपये और 82 लाख रुपये का भुगतान किया गया……. कुल घोटाले की राशि का लगभग 40% हिस्सा इन दोनों भाइयों से जुड़ी फर्मों को मिला…….. इसके अलावा अन्य फर्जी फर्मों, जैसे ‘एन जे एंटरप्राइज’, को भी बिना अनुबंध के 5.19 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया……. बता दें कि 29 मई 2025 की रात को, किरण खाबड़ को दाहोद ‘बी’ डिविजन पुलिस ने एक नई FIR के तहत गिरफ्तार किया……. यह गिरफ्तारी तब हुई जब किरण…… और उनके भाई बलवंत को पहले मामले में स्थानीय अदालत से जमानत मिली थी……. नई FIR लवारिया गांव में मनरेगा के तहत अधूरे कार्यों के लिए 18.41 लाख रुपये के भुगतान से संबंधित है…….. आरोप है कि किरण की एजेंसी ने बिना कार्य पूरे किए सरकारी धन हासिल किया……… जिसमें सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत शामिल थी……

दाहोद के डिप्टी एसपी जगदीशसिंह भंडारी ने पुष्टि की कि इस नए मामले की विस्तृत जांच चल रही है….. और उन्होंने कहा कि कुछ एजेंसियों ने सरकारी सहयोग से बिना काम किए मोटी रकम वसूली है…… जो गंभीर आर्थिक अपराध है…….. हम अन्य दोषियों की पहचान कर रहे हैं……. इस मामले में सरकारी अधिकारियों, जैसे तत्कालीन तहसील विकास अधिकारी रसिक राठवा…… और सहायक कार्यक्रम अधिकारी दिलीप चौहान को भी आरोपी बनाया गया है……

वहीं पुलिस जांच से पता चला कि इस घोटाले में 35 एजेंसी मालिकों ने सरकारी अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर फर्जी कार्य पूर्णता प्रमाणपत्र….. और जाली दस्तावेज जमा किए……. इन दस्तावेजों का उपयोग कर 2021 से 2024 के बीच 71 करोड़ रुपये की हेराफेरी की गई……. कई सड़कें और छोटे बांध जैसी परियोजनाएं केवल कागजों पर पूरी हुईं……. जबकि जमीनी हकीकत में कोई काम नहीं हुआ……

बता दें कि कुवा, रेधाना, और सिमामोई जैसे गांवों को पूरी हो चुकी परियोजनाओं के लाभार्थी के रूप में गलत तरीके से दर्ज किया गया……. जांच में यह भी सामने आया कि कई ठेकेदारों के पास न तो अनुभव था…… और न ही वे सरकारी ठेके लेने के योग्य थे……. फिर भी उन्हें भुगतान किया गया…… यह सब सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत के बिना संभव नहीं था……. जिन्होंने नियमों को ताक पर रखकर फर्जी बिलों को मंजूरी दी……

बता दें कि किरण खाबड़ की दोबारा गिरफ्तारी ने गुजरात की राजनीति में भूचाल ला दिया है…… विपक्षी दल, विशेष रूप से कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने इस मामले को लेकर बीजेपी सरकार पर तीखे हमले किए हैं…….. कांग्रेस विधायक दल के नेता अमित चावड़ा ने कहा कि यदि निष्पक्ष जांच हुई तो घोटाले की राशि 100 नहीं…… 200 करोड़ से अधिक निकल सकती है…… और उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल से “ऑपरेशन गंगाजल” की शुरुआत अपने ही मंत्रियों से करने की मांग की…….

आप विधायक चैतर वसावा ने विधानसभा में पहले ही मनरेगा में 250 करोड़ रुपये के घोटाले का मुद्दा उठाया था……. और बच्चूभाई खाबड़ से तत्काल इस्तीफे की मांग की…….. आदिवासी नेता और पूर्व विधायक छोटू वसावा ने तो और भी गंभीर आरोप लगाए……. और दावा करते हुए कहा कि भरूच जिले में मनरेगा योजना में 1500 करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार हुआ है…… ऐसा लगता है कि करोड़ों के भ्रष्टाचार में कुछ हिस्सा मुख्यमंत्री का भी होगा…….

विपक्ष ने यह सवाल भी उठाया कि इस मामले की जांच अभी तक प्रवर्तन निदेशालय या केंद्रीय जांच ब्यूरो को क्यों नहीं सौंपी गई……… गुजरात में हाल के वर्षों में केंद्रीय एजेंसियों की सक्रियता, जैसे गुजरात समाचार अखबार के मालिक बाहुबली शाह की गिरफ्तारी, को विपक्ष ने राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया था…….. इस बार, जांच स्थानीय पुलिस और जिला प्रशासन तक सीमित रहने पर विपक्ष ने सरकार की नीयत पर सवाल उठाए हैं……

बच्चूभाई खाबड़ देवगढ़ बारिया से विधायक हैं……. गुजरात के प्रभावशाली आदिवासी नेताओं में से एक हैं……. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से बीजेपी में आए खाबड़ ने 2012 से इस सीट पर कब्जा जमाए रखा है……… 2022 के चुनावों में, जब आम आदमी पार्टी की जीत पक्की मानी जा रही थी……. तब भी खाबड़ ने 4821 वोटों से सीट बचा ली……

हालांकि, उनके बेटों की गिरफ्तारी और इस घोटाले ने उनके राजनीतिक करियर पर सवालिया निशान लगा दिया है…… खास तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाल के गुजरात दौरे के दौरान खाबड़ को उनके कार्यक्रमों से दूर रखा गया…….. जिसे बीजेपी के भीतर एक बड़े संकेत के रूप में देखा जा रहा है……… सूत्रों के अनुसार यह फैसला संरक्षक मंत्री कुबेर डिंडोर ने लिया था….. जो खाबड़ के करीबी माने जाते हैं……

वहीं यह घोटाला केवल एक वित्तीय अपराध तक सीमित नहीं है…….. इसका प्रभाव दाहोद जैसे आदिवासी बहुल क्षेत्र की सामाजिक और आर्थिक स्थिति पर भी पड़ता है……. मनरेगा योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबों को रोजगार प्रदान करना…… और बुनियादी ढांचे का विकास करना है…… हालांकि इस घोटाले ने उन लोगों के विश्वास को तोड़ा है…… जो इस योजना पर निर्भर हैं……

दाहोद के ग्रामीणों ने शिकायत की कि सड़कें और चेक वॉल जैसे बुनियादी ढांचे, जिनके लिए भुगतान किया गया…….. वास्तव में बनाए ही नहीं गए……. यह न केवल सरकारी धन की बर्बादी है…….. बल्कि उन समुदायों के लिए एक बड़ा धोखा है…… जो इन परियोजनाओं से लाभ की उम्मीद कर रहे थे…… विपक्षी नेता अमित चावड़ा ने कहा कि सिर्फ एक ईमानदार जांच ही पूरी सच्चाई सामने ला सकती है…….

पुलिस ने अब तक इस मामले में 11 लोगों को गिरफ्तार किया है…… जिनमें बच्चूभाई खाबड़ के दोनों बेटे, उनका भतीजा दिलीप चौहान, और कई सरकारी अधिकारी शामिल हैं…….. दाहोद पुलिस ने एक विशेष जांच दल का गठन किया है…….. जो इस घोटाले की गहराई से जांच कर रहा है……. हालांकि, विपक्ष की मांग है कि इस मामले को ED या CBI को सौंपा जाए ताकि निष्पक्ष और गहन जांच हो सके……

इस बीच, बच्चूभाई खाबड़ ने अपने बेटों के बचाव में कहा कि उनकी केवल सप्लाई एजेंसी है…….. और घोटाले में उनकी कोई सीधी भूमिका नहीं है……. हालांकि, उनकी यह दलील विपक्ष और जनता के बीच ज्यादा असर नहीं डाल पाई है…….. बीजेपी के लिए यह मामला एक बड़ी चुनौती बन गया है…….. क्योंकि खाबड़ का आदिवासी समुदाय में प्रभाव उनकी राजनीतिक ताकत का एक बड़ा हिस्सा है…….

दाहोद मनरेगा घोटाला गुजरात की बीजेपी सरकार के लिए एक गंभीर संकट बन गया है…….. किरण खाबड़ की दोबारा गिरफ्तारी और इस मामले में बढ़ती जांच ने यह स्पष्ट कर दिया है कि…… यह घोटाला केवल कुछ व्यक्तियों तक सीमित नहीं है……. बल्कि इसमें सिस्टम की गहरी खामियां शामिल हैं…….. यह मामला सरकारी योजनाओं में पारदर्शिता, निगरानी, और जवाबदेही की तत्काल आवश्यकता को व्यक्त करता है…….

 

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