आंध्र प्रदेश में कर्नाटक के ‘तोतापुरी’ आमों पर रोक क्यों? सिद्धारमैया ने नायडू से की ये अपील

दक्षिण भारत के 2 राज्यों में फलों के राजा आम को लेकर आपस में मनमुटाव हो गया है. कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने आंध्र प्रदेश के अपने समकक्ष चंद्रबाबू नायडू से चित्तूर जिले में कर्नाटक से ‘तोतापुरी’ आमों की एंट्री पर रोक हटाने का अनुरोध किया है.
सीएम सिद्धारमैया ने कल बुधवार को अपने समकक्ष को भेजे पत्र में कहा कि बिना किसी आपसी बातचीत या समन्वय के ऐसी एकतरफा कार्रवाई सहकारी संघवाद की भावना के उलट है. उन्होंने यह भी चिंता जताई की कि इस कदम से अनावश्यक तनाव और प्रतिशोधात्मक कोशिश शुरू हो सकती हैं, साथ ही अन्य चीजों की आपसी दोनों राज्यों में आवाजाही पर असर पड़ सकता है.
आम पर बैन से दोनों राज्यों में तनाव
कर्नाटक की मुख्य सचिव शालिनी रजनीश ने 10 जून को आंध्र प्रदेश में अपने समकक्ष के विजयानंद को पत्र लिखकर आम पर बैन हटाने का अनुरोध किया था. आंध्र प्रदेश की सीमा से सटे कोलार जिले के प्रमुख आम उत्पादक क्षेत्र श्रीनिवासपुरा में किसानों ने आम के लिए समर्थन मूल्य और पड़ोसी राज्य की ओर लगाए गए बैन को वापस लेने की मांग को लेकर कल बुधवार को विरोध प्रदर्शन भी किया और तालुक स्तर पर बंद का आयोजन किया.
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा, “मैं चित्तूर के जिला कलेक्टर द्वारा 7 जून को कथित तौर पर जारी किए गए एक आदेश पर अपनी गहरी चिंता जताने के लिए पत्र लिख रहा हूं, जिसमें अन्य राज्यों से जिले में तोतापुरी आमों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया है. मैं समझता हूं कि इस निर्देश को लागू करने के लिए राजस्व, पुलिस, वन और विपणन विभागों के कई अधिकारियों से जुड़ी प्रवर्तन टीमों को तमिलनाडु और कर्नाटक से सटे अंतर-राज्यीय चेक-पोस्ट पर तैनात किया गया है.”
CM बोले- प्रतिबंध से बढ़ सकता है तनाव
कर्नाटक में आम उत्पादकों, खासतौर से सीमावर्ती क्षेत्रों में पर्याप्त मात्रा में तोतापुरी आम की खेती करने वाले किसानों को होने वाली काफी कठिनाई को देखते हुए, सीएम सिद्धारमैया ने कहा कि ये किसान अपनी उपज बेचने के लिए लंबे समय से चित्तूर स्थित प्रसंस्करण और पल्प निष्कर्षण इकाइयों (Processing and Pulp Extraction Units) के साथ मजबूत संबंधों पर निर्भर हैं.
प्रतिबंध पर निराशा जताते हुए उन्होंने कहा, “मौजूदा प्रतिबंध ने इस अच्छी तरह से स्थापित सप्लाई चैन को बाधित कर दिया है और फसल कटाई के बाद बड़ा नुकसान होता दिख रहा है, जिसका सीधा असर हजारों किसानों की आजीविका पर पड़ रहा है.” उन्होंने आगे कहा, “मुझे इस बात की भी चिंता है कि इससे तनाव और जवाबी कार्रवाई की स्थिति पैदा हो सकती है, क्योंकि पहले ही इससे जुड़े लोगों ने इस पर असंतोष जताया है, इस वजह से सब्जियों और खेती से जुड़ी अन्य चीजों की अंतर-राज्यीय आवाजाही पर असर पड़ सकता है.”
मामले में मुख्यमंत्री नायडू के हस्तक्षेप की मांग करते हुए, सीएम ने उनसे चित्तूर जिले के अधिकारियों को उक्त आदेश को तत्काल रद्द करने को लेकर आवश्यक निर्देश जारी करने का अनुरोध किया. उन्होंने कहा, “मुझे उम्मीद है कि आप इस मुद्दे को गंभीरता से लेंगे और किसानों के हित में फसलों की निर्बाध आवाजाही को बहाल करने के लिए त्वरित कदम उठाएंगे.”

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