100 रूपये की रिश्वत लेती ऑन कैमरा पकड़ी गई लेखपाल, Yogi सिस्टम की खुली पोल
100 रुपये की घूस लेखपाल मैडम को पड़ी भारी... BJP राज में घूस बना सिस्टम का नाश्ता?... 100 की घूस… लेखपाल मैडम की वाट लग गई!...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः अपने यहां के सरकारी सिस्टम में जब तक कर्मचारियों को रिश्वत ना मिले वो लोग काम नहीं करना चाहते हैं….. जब इसके सारे रास्ते बंद हो जाते हैं…… तो लोग चाय पानी के नाम पर आम लोगों से उगाही करना शुरू कर देते हैं…… इसी से जुड़ा एक वीडियो इन दिनों सामने आया है…… जहां एक महिला लेखपाल ऑन कैमरा रिश्वत लेती नजर आ रही है….. वीडियो में शख्स से कहती नजर आ रही है कि….. ये पैसे उसने चाय पानी के लिए हैं…… रिश्वत कितनी भी हो और किसी ने भी ली हो…… यह गलत है मतलब गलत है…..
सरकारी तंत्र में भ्रष्टाचार कोई नई बात नहीं है……. यह एक ऐसी समस्या है जो दशकों से व्यवस्था की जड़ों में समाई हुई है…… रिश्वतखोरी चाहे वह छोटी राशि हो या बड़ी….. न केवल कानूनन अपराध है…… बल्कि यह आम नागरिकों के विश्वास को भी चोट पहुंचाती है……. हाल ही में उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले से एक ऐसा ही मामला सामने आया है…… जहां एक महिला लेखपाल का रिश्वत लेते हुए वीडियो वायरल हुआ……. इस वीडियो ने न केवल स्थानीय प्रशासन को हिलाकर रख दिया…….
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस का दावा करती है….. लेकिन हाल की घटनाएं इस दावे पर सवाल उठाती हैं……. हाल ही में एक वायरल वीडियो ने सबको चौंका दिया……. जिसमें एक लेखपाल महिला कथित तौर पर मात्र 100 रुपये की रिश्वत लेते हुए कैमरे में पकड़ी गई…….. यह छोटी रकम भले ही लगे…… लेकिन यह सिस्टम में गहरी जड़ें जमा चुके भ्रष्टाचार की तस्वीर पेश करती है……
वहीं यह पहली बार नहीं है जब योगी सरकार भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरी हो……. 2024 में दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने आप सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप पत्र जारी किया था……. लेकिन अब खुद उनकी सरकार सवालों के घेरे में है…… लेखपाल का यह वीडियो भ्रष्टाचार की छोटी मछली का उदाहरण हो सकता है……. लेकिन बड़े स्तर पर भी बीजेपी की मुश्किलें कम नहीं हैं…….
उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचार का मुद्दा आम जनता के लिए हर दिन की हकीकत है……. लेखपाल जैसी छोटी सरकारी पोस्ट से लेकर बड़े कॉरपोरेट सौदों तक…… रिश्वतखोरी की खबरें सुर्खियां बनती रहती हैं…… योगी सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई का वादा किया था……. लेकिन क्या यह वादा सिर्फ जुमला बनकर रह गया….. 2024 में पीपुल्स डेमोक्रेसी की एक रिपोर्ट ने दावा किया कि बीजेपी के 10 साल के शासन में भ्रष्टाचार बढ़ा है……
आपको बता दें कि लेखपाल का वीडियो सिर्फ एक झलक है……. लेकिन यह सवाल उठाता है कि क्या बीजेपी के सबका साथ, सबका विकास का नारा खोखला है…… जनता को बुनियादी सुविधाओं के लिए रिश्वत देनी पड़ती है……. जबकि सरकार बड़े-बड़े दावे करती है…… योगी आदित्यनाथ खुद को बुलडोजर बाबा कहलवाते हैं……. भ्रष्टाचार के खिलाफ कितने सख्त हैं…… वह तो जनता के सामने है…..
आपको बता दें कि शाहजहांपुर की सदर तहसील में तैनात महिला लेखपाल रंजना सक्सेना का एक वीडियो….. सोशल मीडिया पर वायरल हुआ……. इस वीडियो में रंजना सक्सेना एक किसान से 100 रुपये की रिश्वत लेती नजर आ रही हैं……. वीडियो में वह स्पष्ट रूप से कहती हैं कि हम आपसे कोई घूस नहीं ले रहे…… यह चाय-पानी के लिए है…… बस यह समझ लीजिए कि भइया ने हमें चाय पीने के लिए पैसे दिए हैं…… वह यह भी कहती हैं कि इस मुलाकात के बारे में किसी को खासकर ग्राम प्रधान को….. न बताएं….. वीडियो का सबसे चौंकाने वाला पहलू यह है कि अंत में रंजना को शक हो जाता है कि उनकी बातचीत रिकॉर्ड की जा रही है……. वह पूछती हैं कि आप वीडियो तो नहीं बना रहे……. लेकिन इससे पहले कि वह आगे कुछ कह पाएं…… वीडियो बनाने वाला व्यक्ति बड़ी चालाकी से रिकॉर्डिंग बंद कर देता है……
वहीं वीडियो के वायरल होने के बाद जिला प्रशासन ने तेजी दिखाते हुए कार्रवाई की…. और जिलाधिकारी धर्मेंद्र प्रताप सिंह के निर्देश पर एसडीएम सदर संजय पांडेय ने रंजना सक्सेना को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया……. साथ ही इस मामले की जांच नायब तहसीलदार जमौर को सौंपी गई है…….
आपको बता दें कि रिश्वत को चाय-पानी के नाम से पुकारना प्रदेश में भ्रष्टाचार की संस्कृति का एक पुराना और बदनाम तरीका है…… यह शब्द रिश्वत को हल्का और सामान्य बनाने का प्रयास करता है….. जैसे कि यह कोई अनौपचारिक लेन-देन हो…… हालांकि रंजना सक्सेना द्वारा मांगी गई राशि भले ही 100 रुपये की छोटी राशि हो…….. लेकिन यह भ्रष्टाचार को दिखा रहा है…… वहीं यह घटना केवल एक व्यक्ति की गलती नहीं…….. बल्कि एक ऐसी व्यवस्था की विफलता को उजागर करती है…… जहां छोटे-मोटे कामों के लिए भी नागरिकों को अतिरिक्त पैसे देने पड़ते हैं……
वहीं रंजना सक्सेना ने वीडियो में यह दावा किया कि वह रिश्वत नहीं…… बल्कि चाय-पानी के लिए पैसे ले रही हैं……. इससे साफ पता चलता है कि कैसे भ्रष्टाचार को सामान्य बनाने के लिए इसे हल्के-फुल्के शब्दों में पेश किया जाता है…….. लेकिन यह छोटी राशि भी एक बड़े मुद्दे का हिस्सा है…… एक ऐसी व्यवस्था जहां सरकारी कर्मचारी अपने कर्तव्यों को निभाने के लिए अतिरिक्त लाभ की इच्छा करते हैं……
बता दें कि सोशल मीडिया पर इस वीडियो के वायरल होने के बाद तमाम यूजर्स ने अलग-अलग तरह की प्रतिक्रियाएं दीं……. कुछ लोगों ने इसे मजाकिया अंदाज में लिया…… तो कुछ ने इसे भ्रष्टाचार की गंभीर समस्या के रूप में देखा…… वहीं एक यूजर, @mktyaggi, ने व्यंग्यात्मक टिप्पणी करते हुए लिखा कि उफ्फ, लोग कितने धोखेबाज हो गए हैं…….. महिला लेखपाल को मात्र 100 रुपये ‘चाय-पानी’ के दिए….. और इसकी भी वीडियो बनाकर बेचारी को निलंबित करा डाला……. अब यह दुनिया सरकारी कर्मचारियों के काम करने लायक नहीं बची……
आपको बता दें कि भ्रष्टाचार एक बड़ी समस्या है……. यह केवल सरकारी कर्मचारियों तक सीमित नहीं है…….. बल्कि यह सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक कारकों का परिणाम है……. शाहजहांपुर की इस घटना को समझने के लिए हमें भ्रष्टाचार की जड़ों को देखना होगा……. कई सरकारी कर्मचारी, खासकर निचले स्तर के, कम वेतन और बढ़ती महंगाई के कारण आर्थिक दबाव में रहते हैं…… हालांकि यह रिश्वतखोरी को उचित नहीं ठहराता…… लेकिन यह एक कारण हो सकता है कि क्यों कुछ कर्मचारी छोटी-मोटी रिश्वत लेने को मजबूर महसूस करते हैं……
सरकारी तंत्र में पारदर्शिता और जवाबदेही की कमी भ्रष्टाचार को बढ़ावा देती है……. कई बार, जांच प्रक्रिया धीमी होती है……. और दोषियों को सजा मिलने में देरी होती है…… चाय-पानी जैसे शब्दों का इस्तेमाल रिश्वत को सामाजिक रूप से स्वीकार्य बनाने का प्रयास करता है……. लेकिन यह एक ऐसी मानसिकता को दर्शाता है….. जहां छोटी रिश्वत को गलत नहीं माना जाता…… वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में जहां प्रशासनिक निगरानी कमजोर होती है……. रिश्वतखोरी के मामले अधिक आम हैं…… शाहजहांपुर जैसे क्षेत्रों में जहां लेखपाल जैसे अधिकारी सीधे आम लोगों से जुड़े होते हैं……. जिसके चलते ऐसी घटनाएं बार-बार सामने आती हैं……
वहीं महिला लेखपाल रंजना सक्सेना का रिश्वत लेते हुए वायरल वीडियो एक बार फिर यह साबित करता है कि….. भ्रष्टाचार भारतीय प्रशासनिक तंत्र की एक गहरी समस्या है…… 100 रुपये की छोटी राशि हो या लाखों रुपये की बड़ी रिश्वत…… यह समाज के लिए एक अभिशाप है…… इस घटना ने न केवल प्रशासन को त्वरित कार्रवाई के लिए मजबूर किया…… बल्कि सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों के बीच जागरूकता भी पैदा की…..



