ईरान-इज़राइल तनाव के बीच ईरान ने सीजफायर का प्रस्ताव रखा, अमेरिका ने दी सख्त चेतावनी

अराघची ने इजरायल पर आरोप लगाया कि उसने ईरान और कतर के बीच मौजूद गैस एरिया को टारगेट किया. उन्होंने इस हमले को आक्रामक और खतरनाक बताया. उन्होंने कहा कि संघर्ष को फारस की खाड़ी तक खींचना एक रणनीतिक गलती है.

4पीएम न्यूज नेटवर्कः इज़राइल द्वारा ईरान पर किए गए हमले के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर पहुँच चुका है और लगातार हमले जारी हैं। इस बीच, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को सख्त चेतावनी दी है कि अगर अमेरिकी सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया गया तो अमेरिका की सेना पूरी ताकत से जवाब देगी।

इस बढ़ते तनाव के बीच ईरान ने शांति की पहल करते हुए सीजफायर (युद्धविराम) का प्रस्ताव रखा है। ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने एक उच्चस्तरीय राजनयिक बैठक में स्पष्ट किया कि उनका सैन्य जवाब पूरी तरह से वैध है। उन्होंने कहा, “हम अपना बचाव कर रहे हैं और यह आत्मरक्षा अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत पूरी तरह वैध है। अगर आक्रामकता रुक जाती है, तो स्वाभाविक रूप से हमारी प्रतिक्रिया भी समाप्त हो जाएगी।”

अराघची ने यह भी संकेत दिया कि ईरान किसी भी प्रकार के लंबे संघर्ष से बचना चाहता है, लेकिन यदि देश की संप्रभुता और सुरक्षा को खतरा हुआ तो वह हर जरूरी कदम उठाने से पीछे नहीं हटेगा। वहीं, डोनाल्ड ट्रंप की चेतावनी के बाद पश्चिम एशिया में तनाव और भी अधिक गहरा गया है। इस पूरे घटनाक्रम पर दुनिया की बड़ी शक्तियाँ नजर बनाए हुए हैं, और क्षेत्र में हालात किसी भी समय और अधिक बिगड़ सकते हैं।

ईरान ने इजरायल पर दागीं बैलिस्टिक मिसाइलें

ईरान ने शनिवार (14 जून 2025) की रात और रविवार (15 जून 2025) की सुबह को इजरायल पर दर्जनों बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं, जिनमें से कई ने सैन्य के साथ-साथ नागरिक क्षेत्रों को भी निशाना बनाया. रिपोर्टों के अनुसार कम से कम 10 इजरायली नागरिकों की मौत हो चुकी है. इस हमले को ईरान का सबसे बड़ा प्रत्यक्ष सैन्य जवाब माना जा रहा है.

अराघची ने इजरायल पर आरोप लगाया कि उसने ईरान और कतर के बीच मौजूद गैस एरिया को टारगेट किया. उन्होंने इस हमले को आक्रामक और खतरनाक बताया. उन्होंने कहा कि संघर्ष को फारस की खाड़ी तक खींचना एक रणनीतिक गलती है. बता दें कि दक्षिण पारस क्षेत्र दुनिया के सबसे बड़े गैस भंडारों में से एक है. अगर संघर्ष वहां तक फैला तो यह वैश्विक ऊर्जा आपूर्ति को खतरे में डाल सकता है.

इजरायली हमला एक सोची-समझी रणनीति?

ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने आरोप लगाया कि इजरायल का मुख्य उद्देश्य ईरान और अमेरिका के बीच चल रही परमाणु वार्ता को विफल करना है. इस रविवार को छठे दौर की वार्ता में एक प्रस्ताव पेश होना था, जो अब रद्द हो चुका है. उन्होंने अमेरिका का बिना नाम लिए कहा कि इजरायल का हमला समर्थन के बिना नहीं होता है. अगर अमेरिका भरोसा चाहता है तो उसे हमलों की निंदा करनी चाहिए.

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