गुजरात में खिसकी बीजेपी की जमीन, आप ने ढहाया मोदी का किला!
गुजरात की विसावदर सीट पर हुए उपचुनाव में आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार गोपाल इटालिया ने जीत हासिल कर ली है...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः गुजरात की सियासत में 23 जून 2025 को एक बड़ा उलटफेर देखने को मिला…… जहां आम आदमी पार्टी के नेता गोपाल इटालिया ने विसावदर विधानसभा उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी के गढ़ को ध्वस्त करते हुए 17,554 वोटों के भारी अंतर से जीत हासिल की…… यह जीत न केवल आप के लिए एक मील का पत्थर है…… बल्कि बीजेपी के लिए भी एक करारा झटका है…….. जो दशकों से गुजरात में अजेय मानी जाती रही है……. इस जीत ने न सिर्फ आप की साख को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया…… बल्कि यह भी साबित किया कि गुजरात की जनता अब बदलाव की ओर कदम बढ़ा रही है……
विसावदर जूनागढ़ जिले की एक महत्वपूर्ण विधानसभा सीट है…. जो लंबे समय तक बीजेपी का गढ़ रही थी…….. पूर्व मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल जैसे दिग्गज नेताओं ने इस सीट पर बीजेपी का परचम लहराया था……. हालांकि 2007 के बाद से बीजेपी इस सीट पर जीत का स्वाद नहीं चख पाई थी……. 2022 के विधानसभा चुनाव में आप के भूपेंद्र भायानी ने इस सीट पर जीत हासिल की थी…… लेकिन दिसंबर 2023 में उनका बीजेपी में शामिल होना आप के लिए एक बड़ा झटका था……. इसके बावजूद, गोपाल इटालिया ने न केवल इस सीट को वापस हासिल किया……. बल्कि बीजेपी को उसकी ही ज़मीन पर चारों खाने चित कर दिया…..
बता दें कि गोपाल इटालिया ने 75,942 वोट हासिल किए……. जबकि बीजेपी के उम्मीदवार किरीट पटेल को 58,388 वोटों से संतोष करना पड़ा…… कांग्रेस के नितिन रणपरिया तो इस दौड़ में कहीं भी नहीं दिखे…… और उन्हें महज 5,501 वोट मिले……. यह आंकड़े साफ़ बताते हैं कि विसावदर की जनता ने बीजेपी की नीतियों को नकारते हुए आप के ‘काम की राजनीति’ पर भरोसा जताया है…..
गुजरात में बीजेपी की सरकार पिछले दो दशकों से सत्ता में है…… इस दौरान विकास के बड़े-बड़े दावे किए गए……. लेकिन ग्रामीण इलाकों में बुनियादी सुविधाओं जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, और रोजगार के अवसरों की कमी आज भी देखी जा सकती है…… विसावदर जैसे कृषि-प्रधान क्षेत्र में किसानों की समस्याएं सिंचाई की कमी, फसलों का उचित मूल्य न मिलना……. और कर्ज का बोझ बीजेपी के लिए मुसीबत बन गईं…… गोपाल इटालिया ने इन मुद्दों को जोर-शोर से उठाया…… और जनता के बीच यह संदेश देने में कामयाब रहे कि आप उनकी आवाज़ बन सकती है……
गोपाल इटालिया पहले आप के गुजरात अध्यक्ष रह चुके हैं…….. एक ज़मीनी नेता के तौर पर जाने जाते हैं……. उनकी सादगी, बेबाकी और जनता से सीधा संवाद उनकी जीत का सबसे बड़ा हथियार बना……. और उन्होंने बीजेपी पर भ्रष्टाचार, तानाशाही और जनविरोधी नीतियों का आरोप लगाते हुए तीखा हमला बोला…… इसके अलावा आप ने दिल्ली और पंजाब में अपनी सरकारों के काम मुफ्त बिजली, बेहतर स्कूल और मुफ्त स्वास्थ्य सेवाओं को गुजरात की जनता के सामने मॉडल के तौर पर पेश किया…… यह रणनीति विसावदर के मतदाताओं, खासकर युवाओं और किसानों के बीच खूब जमी…..
वहीं बीजेपी के लिए यह हार सिर्फ़ बाहरी कारणों की वजह से नहीं……. बल्कि पार्टी के भीतर की गुटबाज़ी और नेतृत्व की कमज़ोरियों ने भी इस हार को और गहरा किया…… किरीट पटेल को टिकट देने के फैसले पर स्थानीय कार्यकर्ताओं में नाराज़गी थी…… इसके अलावा भूपेंद्र भायानी के आप छोड़कर बीजेपी में शामिल होने के बाद पार्टी ने जिस तरह से उन्हें बढ़ावा दिया……. उससे विसावदर की जनता में गुस्सा था…… लोगों ने इसे ‘दलबदल की राजनीति’ के तौर पर देखा….. और बीजेपी को सबक सिखाने का मन बना लिया……
कांग्रेस कभी गुजरात में बीजेपी की मुख्य प्रतिद्वंद्वी थी…… अब पूरी तरह से हाशिए पर चली गई है……. विसावदर में नितिन रणपरिया की हार और महज 5,501 वोट मिलना कांग्रेस की दयनीय स्थिति को दर्शाता है…… कांग्रेस की कमज़ोरी का फायदा सीधे तौर पर आप को मिला…… क्योंकि जो वोटर बीजेपी के खिलाफ़ थे…… और उन्होंने आप को एक मज़बूत विकल्प के तौर पर चुना……
गोपाल इटालिया की यह जीत उनकी मेहनत और आप की रणनीति का नतीजा है…… एक साधारण पृष्ठभूमि से आने वाले गोपाल ने अपनी बेबाकी और ज़मीनी मुद्दों पर पकड़ के दम पर विसावदर की जनता का दिल जीता……. और उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी पर कई गंभीर आरोप लगाए……. जैसे कि बीजेपी उम्मीदवार द्वारा शराब बांटने की कोशिश…… आप ने इस मामले को सोशल मीडिया पर खूब उछाला……. जिससे बीजेपी की छवि को नुकसान पहुंचा…..
गोपाल ने अपनी जीत के बाद कहा कि यह जीत विसावदर की जनता की जीत है…… यह उन लोगों की जीत है जो बदलाव चाहते हैं……. जो भ्रष्टाचार और तानाशाही से तंग आ चुके हैं…… वहीं उनकी यह बात न केवल विसावदर, बल्कि पूरे गुजरात में आप के लिए एक नया रास्ता खोल सकती है…..
वहीं विसावदर की इस जीत ने गुजरात की सियासत में कई सवाल खड़े कर दिए हैं…… क्या बीजेपी का अजेय किला अब कमज़ोर पड़ रहा है……. क्या आप गुजरात में कांग्रेस की जगह लेने जा रही है…….. क्या 2027 के विधानसभा चुनाव में आप बीजेपी के लिए एक मज़बूत चुनौती पेश कर पाएगी……. इन सवालों के जवाब तो वक्त देगा……. लेकिन यह जीत निश्चित तौर पर आप के लिए एक बड़ा मनोबल बढ़ाने वाला कदम है……
2022 के विधानसभा चुनाव में आप ने गुजरात में पांच सीटें जीती थीं……. भूपेंद्र भायानी के दलबदल के बाद यह संख्या चार रह गई थी……. लेकिन गोपाल इटालिया की जीत ने इसे फिर से पांच कर दिया…….. यह जीत आप के लिए सौराष्ट्र क्षेत्र में एक बड़ा कदम है……. जो पारंपरिक रूप से बीजेपी और कांग्रेस का गढ़ रहा है…… आप की यह जीत 2027 के चुनावों के लिए एक मज़बूत आधार तैयार कर सकती है…….
आपको बता दें कि विसावदर में आप की जीत का एक बड़ा कारण युवा और ग्रामीण मतदाताओं का समर्थन रहा……. आप ने रोजगार, शिक्षा और भ्रष्टाचार विरोधी मुद्दों को केंद्र में रखा…… जो इन मतदाताओं के बीच खूब जमा…… दिल्ली और पंजाब में आप की सरकारों के काम को प्रचार का हिस्सा बनाकर पार्टी ने गुजरात के मतदाताओं को यह भरोसा दिलाया…… कि वह भी उनके लिए ऐसा ही कर सकती है…….
वहीं 182 सदस्यों वाली गुजरात विधानसभा में बीजेपी के पास 161 सीटें थीं……. जो अब 162 हो गई हैं……. क्योंकि उन्होंने कड़ी सीट पर जीत हासिल की……. लेकिन विसावदर की हार बीजेपी के लिए एक चेतावनी है…… अगर आप इसी तरह ज़मीनी स्तर पर काम करती रही……. तो 2027 में बीजेपी के लिए चुनौती बढ़ सकती है…… बीजेपी को अब अपनी रणनीति पर फिर से विचार करना होगा…… खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में……
विसावदर की हार के बाद बीजेपी के लिए कई सवाल खड़े हो गए हैं……. क्या पार्टी ने सही उम्मीदवार चुना……. क्या स्थानीय मुद्दों को समझने में चूक हुई……. क्या दलबदल की राजनीति अब उल्टा पड़ रही है……. बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने हार के बाद कहा कि वे इस पर आत्ममंथन करेंगे…….. लेकिन यह साफ़ है कि पार्टी को अब नए सिरे से रणनीति बनानी होगी……
आपको बता दें कि भूपेंद्र भायानी का आप से बीजेपी में जाना और फिर किरीट पटेल को टिकट देना बीजेपी के लिए भारी पड़ गया…… जनता ने इसे दलबदल की राजनीति के तौर पर देखा……. और इसका जवाब वोट के ज़रिए दिया…… यह बीजेपी के लिए एक सबक है कि दलबदल कराने की रणनीति हमेशा कामयाब नहीं होती…….
बीजेपी का प्रचार इस बार उतना प्रभावी नहीं रहा……. जितना पहले देखा गया था……. गोपाल इटालिया ने ज़मीनी स्तर पर घर-घर जाकर प्रचार किया……. जबकि बीजेपी का प्रचार मुख्य रूप से अपनी सरकार के दावों तक सीमित रहा…… इसके अलावा आप ने सोशल मीडिया का खूब इस्तेमाल किया…….. खासकर शराब बांटने के आरोप को वायरल करके…….
विसावदर की जीत आप के लिए सिर्फ़ गुजरात तक सीमित नहीं है…….. दिल्ली में 2024 के विधानसभा चुनाव में हार के बाद आप को एक मज़बूत वापसी की ज़रूरत थी……. विसावदर और पंजाब की लुधियाना पश्चिम सीट पर मिली जीत ने पार्टी का मनोबल बढ़ाया है…… आप के दिल्ली अध्यक्ष सौरव भारद्वाज ने कहा कि कुछ लोग कह रहे थे कि आप खत्म हो गई है……. लेकिन यह जीत दिखाती है कि जनता हमारे साथ है…… यह अरेन्द्र केजरीवाल की राष्ट्रीय राजनीति में शानदार वापसी है…….
वहीं यह जीत आप के लिए 2027 के गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए एक मज़बूत आधार तैयार कर सकती है……. अगर आप इसी तरह ज़मीनी स्तर पर काम करती रही……. तो वह गुजरात में बीजेपी के लिए एक मज़बूत चुनौती बन सकती है…….
बता दें कि गोपाल इटालिया की विसावदर में जीत न केवल आप की ताकत को दर्शाती है……. बल्कि यह भी बताती है कि गुजरात की जनता अब बदलाव के मूड में है……… बीजेपी के लिए यह हार एक चेतावनी है कि उनकी ज़मीन अब खिसक रही है……. अगर पार्टी ने समय रहते अपनी रणनीति में सुधार नहीं किया……. तो 2027 के चुनाव में उसे और बड़े झटके लग सकते हैं…… दूसरी ओर आप और गोपाल इटालिया के लिए यह जीत एक नई शुरुआत है……. यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या आप इस जीत को गुजरात में एक बड़े सियासी बदलाव में बदल पाएगी……



