कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद को लेकर कांग्रेस में खींचतान, खरगे ने कहा – फैसला आलाकमान करेगा
खरगे ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद को लेकर कहा कि यह आलाकमान के हाथ में है. यहां कोई नहीं कह सकता कि वह क्या निर्णय लेगें.

4पीएम न्यूज नेटवर्कः कर्नाटक में चल रहे मुख्यमंत्री पद की बहस को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि मुख्यमंत्री पद का निर्णय पार्टी के आलाकमान लेगे. किसी को बेवजह समस्या उत्पन्न करने की आवश्यकता नहीं है.
कर्नाटक में कांग्रेस नेताओं के बीच मुख्यमंत्री के पद को लेकर बहस जारी है. इस बहस पर विराम लगाते हुए सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि ऐसे मामलों पर फैसला पार्टी के आलाकमान को करना है. उन्होंने कहा कि इस मामले में किसी को भी अनावश्यक समस्या पैदा नहीं करनी चाहिए.
दरअसल, कर्नाटक में मुख्यमंत्री के पद को लेकर कांग्रेस विधायक एचए इकबाल हुसैन ने कहा था कि अगले दो या तीन महीने में उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार को राज्य का मुख्यमंत्री बनने का मौका मिल सकता है. इससे पहले सहकारिता मंत्री केएन राजन्ना ने भी मुख्यमंत्री पद को लेकर भड़काऊ बयान दिया था.
खरगे ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद को लेकर कहा कि यह आलाकमान के हाथ में है. यहां कोई नहीं कह सकता कि वह क्या निर्णय लेगें. उन्होंने कहा कि इस बात को आलाकमान पर छोड़ दिया गया है और आगे की कार्रवाई करने का अधिकार भी उन्हीं को है. लेकिन इस मामले में अनावश्यक रूप से किसी को भी समस्या पैदा नहीं करनी चाहिए.
पार्टी ने सीएम पद को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया गया
बताया जा रहा है कि 2023 में जब कांग्रेस ने कर्नाटक में सत्ता संभाली थी, तब ऐसी अटकलें लगाई जा रही थीं कि सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार रोटेशनल फॉर्मूले के अनुसार 2.5-2.5 साल के लिए राज्य की कमान संभालेंगे, लेकिन पार्टी की तरफ से अभी तक इस दावे की न तो पुष्टि की है और न ही इसे खारिज किया है. वर्तमान में सिद्धारमैया मुख्यमंत्री हैं और शिवकुमार उपमुख्यमंत्री हैं. सिद्धारमैया के लगभग 2.5 साल पूरे होने को हैं. डीके शिवकुमार अपने मुख्यमंत्री पद की बारी का इंतजार कर रहे हैं.
रोटेशनल सीएम फार्मूला के तहत बने सीएम
सरकार बनाने के समय की रिपोर्ट में रोटेशनल सीएम फॉर्मूला का सुझाव दिया गया था, जिसमें पहले ढाई साल सिद्धारमैया और ढाई साल बाद शिवकुमार को पदभार संभालना था, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि कभी नहीं हुई. लेकिन शिवकुमार ने मुख्यमंत्री बनने की अपनी इच्छा को कभी नहीं छोड़ा.



