Air India ड्रीमलाइनर क्रैश हादसा या साजिश? आ गई चौकाने वाली जांच रिपोर्ट
अहमदाबाद विमान हादसे की प्रारंभिक जांच पूरी हो गई है... इसकी रिपोर्ट AAIB ने उड्डयन मंत्रालय को सौंप दी है...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः दोस्तों 12 जून 2025 को गुजरात के अहमदाबाद में एक ऐसी त्रासदी हुई…… जिसने न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया……. एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171, जो अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से लंदन के गैटविक हवाई अड्डे के लिए उड़ान भर रही थी…… टेकऑफ के कुछ ही सेकंड बाद क्रैश हो गई……. यह बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर, जो आधुनिक तकनीक……. और सुरक्षा मानकों का प्रतीक माना जाता था…… सेकंडों में एक “डेडलाइनर” बन गया…….. इस हादसे में 275 लोगों की जान चली गई……. जिसमें 241 यात्री और चालक दल के सदस्य……. साथ ही जमीन पर मौजूद 34 लोग शामिल थे……. इस विमान हादसे ने कई सवाल खड़े किए……. जिनके जवाब अब धीरे-धीरे सामने आ रहे हैं……
विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो ने इस हादसे की प्रारंभिक जांच पूरी कर ली है…… और अपनी रिपोर्ट नागरिक उड्डयन मंत्रालय को सौंप दी है……. हालांकि यह रिपोर्ट अभी सार्वजनिक नहीं की गई है…….. लेकिन कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां सामने आई हैं…… बता दें कि 12 जून 2025 को दोपहर 1:38 बजे एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 ने अहमदाबाद हवाई अड्डे से लंदन के लिए उड़ान भरी……. इस बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर में 230 यात्री….. और 12 चालक दल के सदस्य सवार थे……. विमान के पायलट कैप्टन सुमीत सभरवाल और को-पायलट क्लाइव कुंदर……. दोनों अनुभवी पायलट थे…… जिनके पास हजारों घंटों का उड़ान अनुभव था……..
आपको बता दें कि टेकऑफ के कुछ ही सेकंड बाद……. लगभग 30 सेकंड में विमान ने ऊंचाई खोनी शुरू कर दी……. पायलटों ने तुरंत ‘मेडे’ कॉल जारी किया….. जो विमानन में सबसे गंभीर आपातकालीन संदेश होता है……. इस कॉल में उन्होंने बताया कि विमान की शक्ति और थ्रस्ट खत्म हो रहा है…… लेकिन इससे पहले कि कोई मदद पहुंच पाती……. विमान मेघानी नगर इलाके में बी.जे. मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल परिसर में जा गिरा……
वहीं विमान के टकराने से कई विस्फोट हुए……. और आग की लपटों ने पूरे क्षेत्र को अपनी चपेट में ले लिया…….. विमान पूरी तरह से नष्ट हो गया…… और हॉस्टल की इमारतें भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गईं…… इस हादसे में विमान में सवार 241 लोगों की मौत हो गई……. और जमीन पर 34 लोग मारे गए…… यह भारत में दशकों बाद हुआ सबसे घातक विमान हादसा था……
वहीं इस त्रासदी में एक चमत्कार भी हुआ……. सीट नंबर 11A पर बैठे 40 वर्षीय ब्रिटिश नागरिक विश्वासकुमार रमेश इस हादसे से जिंदा बच निकले……. विश्वासकुमार भारतीय मूल के थे…….. एक आपातकालीन निकास के पास बैठे थे……. उनके अनुसार, टक्कर के बाद विमान का वह हिस्सा…… जहां वे बैठे थे अलग हो गया….. और हॉस्टल की निचली मंजिल पर आ गिरा……
विश्वासकुमार ने बताया कि मुझे लगा कि मैं मरने वाला हूं…….. लेकिन मैंने अपनी आंखें खोलीं सीट बेल्ट खोली….. और टूटे हुए आपातकालीन निकास से बाहर निकलने की कोशिश की…… और उन्हें कई चोटें आईं……. जिनमें बाएं हाथ पर जलन और अन्य घाव शामिल थे……. लेकिन उनकी जान बच गई…… दुखद यह था कि उनका भाई अजय विमान में दूसरी पंक्ति में बैठा था……. इस हादसे में नहीं बचा…… विश्वासकुमार की यह कहानी न केवल उनके साहस को दर्शाती है…….. बल्कि यह भी बताती है कि आपातकालीन निकास के पास बैठने……. और सुरक्षा निर्देशों का पालन करने का कितना महत्व हो सकता है…….
वहीं इस हादसे ने पूरे देश को सदमे में डाल दिया…… भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तुरंत हादसे की जगह का दौरा किया…… और इसे दिल दहला देने वाला बताया…… और उन्होंने घायलों से अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में मुलाकात की……. और प्रभावित परिवारों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया….. एयर इंडिया ने तुरंत उड़ान संख्या AI-171 और इसके रिटर्न फ्लाइट AI-172 को रिटायर कर दिया……. अब इस रूट को AI-159 और AI-160 के नाम से जाना जाता है…….. एयर इंडिया की सहायक कंपनी एयर इंडिया एक्सप्रेस ने भी उड़ान संख्या IX-171 को रिटायर कर दिया…….
भारत के नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने हादसे की जांच के लिए कई कदम उठाए……. विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो को जांच का नेतृत्व सौंपा गया…….. जिसमें यूनाइटेड किंगडम की एयर एक्सीडेंट्स इन्वेस्टिगेशन ब्रांच……. और अमेरिका की नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड की टीमें भी शामिल हुईं…….. बोइंग और इंजन निर्माता जनरल इलेक्ट्रिक ने भी जांच में सहयोग का वादा किया…… वहीं हादसे के बाद सबसे महत्वपूर्ण काम था ब्लैक बॉक्स की बरामदगी…… ब्लैक बॉक्स जिसमें फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर शामिल होते हैं…….. किसी भी विमान हादसे की जांच में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं…….
आपको बता दें प्रारंभिक जांच में कई चौकाने वाले खुलासे हुए हैं…… जांच में सबसे डरावनी आशंका यह उभरकर सामने आई कि टेकऑफ के तुरंत बाद विमान के दोनों इंजन खराब हो गए थे……. इससे विमान की उड़ान क्षमता पर गंभीर प्रभाव पड़ा……. और वह ऊंचाई हासिल नहीं कर सका…….. हालांकि AAIB ने इस पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है……. पायलटों ने टेकऑफ के कुछ ही सेकंड बाद मेडे कॉल जारी किया था……. जिसमें उन्होंने बताया कि विमान में शक्ति और थ्रस्ट की कमी हो रही है……. यह कॉल हादसे से 15 सेकंड पहले की थी…….. जिसके बाद विमान बी.जे. मेडिकल कॉलेज की इमारत से टकरा गया…….
वहीं जांच में पाया गया कि विमान के फ्लैप्स और स्लेट्स टेकऑफ के समय सही स्थिति में थे……. इसका मतलब है कि विमान उड़ान के लिए पूरी तरह तैयार था…….. और पायलटों ने टेकऑफ प्रक्रिया का पालन किया था……. हादसे के समय मौसम साफ था……. और कोई ऐसी स्थिति नहीं थी जो उड़ान को प्रभावित करती…… इससे मौसम को हादसे का कारण मानने की संभावना खत्म हो गई…… एयर इंडिया के सीईओ कैंपबेल विल्सन ने बताया कि विमान का आखिरी बड़ा रखरखाव जून 2023 में हुआ था…… और अगला रखरखाव दिसंबर 2025 में होना था……. दाहिने इंजन का ओवरहाल मार्च 2025 में और बाएं इंजन का निरीक्षण अप्रैल 2025 में किया गया था…….
हादसे के कारणों को समझने के लिए एयर इंडिया के पायलटों ने एक सिमुलेटर में उड़ान की परिस्थितियों को दोहराया…….. इस सिमुलेशन में लैंडिंग गियर की स्थिति और फ्लैप्स की सेटिंग्स को उसी तरह रखा गया…….. जैसा हादसे के समय था……. सिमुलेशन से पता चला कि ये सेटिंग्स अकेले हादसे का कारण नहीं बन सकती थीं……. इससे जांच का फोकस यांत्रिक या इलेक्ट्रिकल खराबी की ओर गया…….
वहीं जांच में यह भी देखा जा रहा है कि क्या इंजनों में कोई डिजाइन या रखरखाव की कमी थी…….. विशेषज्ञों का कहना है कि इंजन की टरबाइन ब्लेड्स की स्थिति से यह पता लगाया जा सकता है कि…… टक्कर के समय इंजन काम कर रहे थे या नहीं……. अगर टरबाइन ब्लेड्स टूटे हुए हैं…….. तो यह संकेत देता है कि इंजन उच्च गति से चल रहा था…….
वहीं हादसे के बाद नागरिक उड्डयन मंत्रियों राम मोहन नायडू ने एक उच्च-स्तारीय समिति का गठन किया……., जो विमानन सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए मानक प्रक्रियाएं तैयार करेगी……. डीजीसीए ने एयर इंडिया के पूरे बोइंग 787 बेड़े की अतिरिक्त तकनीकी जांच के आदेश दिए…….. इसमें ईंधन प्रणाली, इंजन और अन्य महत्वपूर्ण उपकरणों की जांच शामिल थी……… शुरूआत में खबरें थीं कि ब्लैक बॉक्स को अमेरिका भेजा जाएगा…….. लेकिन बाद में मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि विश्लेपषण भारत में ही AAIB की दिल्ली लैब में होगा……
यह हादसा बोइंग 787 ड्रीमलाइनर का पहला घातक हादसा था…… इस विमान को 2011 में व्यावसायिक उड़ानों में शामिल किया गया था…….. और इसे अब तक दुनिया भर में सुरक्षित माना जाता था…….. इस हादसे ने बोइंग के डिजाइन और रखरखाव प्रक्रियाओं पर सवाल उठाए……..बोइंग के अध्यक्ष और सीईओ केली ऑर्टबर्ग ने कहा कि हम AAIB की जांच में पूरा सहयोग करेंगे……. जनरल इलेक्ट्रिक, जिसने विमान के इंजन बनाए थे…… उन्होंने भी जांच में सहयोग का वादा किया…….
दुनियाभर में बोइंग 787 का इस्तेमाल करने वाली एयरलाइंस ने अपने बेड़े की जांच शुरू कर दी……. हालांकि अभी तक कोई अन्य एयरलाइन इस मॉडल को उड़ान से रोकने का फैसला नहीं लिया है…….. यह हादसा भारत के विमानन इतिहास में एक काला अध्याय है……. विमान के रखरखाव और प्री-फ्लाइट जांच की प्रक्रियाओं को और सख्त करना होगा……. हवाई अड्डों के आसपास के क्षेत्रों में आपातकालीन सेवाओं को और मजबूत करना जरूरी है…… पायलटों और चालक दल के लिए नियमित सिमुलेशन प्रशिक्षण…… और आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल बढ़ाना होगा……. जांच की प्रगति और निष्कर्षों को समय-समय पर जनता के साथ विश्वास बनाए रखने के लिए साझा करना……
आपको बता दें कि एयर इंडिया फ्लाइट AI-171 का हादसा एक ऐसी त्रासदी है….. जो लंबे समय तक लोगों के दिलों और दिमाग में रहेगी…….. इसने न केवल सैकड़ों परिवारों को तोड़ दिया…….. बल्कि विमानन उद्योग के सामने कई सवाल भी खड़े किए…… AAIB की प्रारंभिक जांच ने कुछ महत्वपूर्ण निष्कर्ष दिए हैं…….. लेकिन अंतिम रिपोर्ट अगले कुछ महीनों में आएगी……. जो इस हादसे के कारणों को पूरी तरह से स्पष्ट करेगी…….



