इन वजहों से धड़ाम हुआ शेयर बाजार, खुलते ही मच गया हाहाकार!

हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन, 11 जुलाई को शेयर बाजार लाल निशान में खुला. कल भी बाजार गिरावट के साथ बंद हुआ था. शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 232 अंकों की गिरावट के साथ 82,964 के लेवल पर, वहीं निफ्टी 54 अंक फिसलकर 25,302 के स्तर पर कारोबार कर रहा था. लेकिन देखते ही देखते बाजार में गिरावट तेजी हो गई और सुबह साढ़े 10 बजे के करीब सेंसेक्स 500 अंक से ज्यादा टूट गया. सेंसेक्स में इस गिरावट के पीछे TCS के तिमाही नतीजे हैं. तिमाही नतीजे उम्मीद के मुताबिक न होने से बाजार में गिरावट बढ़ती चली गई. इसके अलावा और बड़े कारण हैं जिनकी वजह से बाजार खुलते ही हाहाकार मच गया.
आईटी स्टॉक्स में सबसे ज्यादा गिरावट
बाजार खुलने के बाद सेक्टोरल इंडेक्स में मिला-जुला रुख देखने को मिला. Nifty IT इंडेक्स सबसे ज्यादा गिरावट में रहा, जो 1.47 फीसदी टूट गया. इसके अलावा Nifty Auto, Media, Realty, Consumer Durables और Oil & Gas सेक्टर भी लाल निशान में ट्रेड कर रहे थे. दूसरी ओर Nifty Bank, FMCG, Metal और Pharma जैसे सेक्टर हरे निशान में यानी बढ़त के साथ कारोबार कर रहे थे.
TCS के नतीजे
11 जुलाई के शुरुआती कारोबार में TCS के शेयरों में गिरावट देखने को मिली है. शुरुआती कारोबार में शेयर 1.8 फीसदी फिसलकर 3,321 रुपये के भाव पर चला गया. दरअसल, ये गिरावट कंपनी की ओर से जारी तिमाही नतीजों के बाद देखने को मिली है. हालांकि, कंपनी की आय पिछली तिमाही से 1.6 फीसदी घटकर 63,437 करोड़ रुपये रही. EBIT मार्जिन 24.5 फीसदी पर रहा और कंपनी ने 11 रुपये प्रति शेयर डिविडेंड देने का ऐलान किया है.
TCS के कमजोर प्रदर्शन ने पूरे आईटी सेक्टर में निवेशकों की भावनाओं को प्रभावित किया, जिससे सहित अन्य आईटी कंपनियों के शेयरों में भी बिकवाली बढ़ गई.
वैश्विक आईटी मांग में सुस्ती
विश्लेषकों के अनुसार, अमेरिका और यूरोप में आईटी सेवाओं की मांग में सुस्ती बनी हुई है. क्लाइंट्स की ओर से खर्च में सतर्कता और बजट में कटौती के कारण आईटी कंपनियों के लिए ग्रोथ आउटलुक कमजोर रहा है, जिससे निवेशकों का भरोसा डगमगाया है.
ट्रंप टैरिफ की धमकी का असर
गिरावट की वजह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से दिए गए टैरिफ बढ़ाने की चेतावनी को माना जा रहा है. ट्रंप ने कहा है कि वे अमेरिका के ज्यादातर ट्रेडिंग पार्टनर्स पर 15% से 20% तक टैरिफ लगाने का प्लान कर रहे हैं. इस बयान से ग्लोबल बाजारों में बेचैनी दिखी और भारत पर भी इसका असर पड़ा।

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