शिक्षक पर FIR को लेकर अखिलेश यादव का BJP पर निशाना, कहा-अमृतकाल में अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला?
अखिलेश यादव ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर पोस्ट करके बीजेपी पर हमला किया. उन्होंने लिखा- 'शिक्षक पर FIR और शिक्षालय बंद हो रहे हैं… भाजपा के लिए क्या यही अमृतकाल है?'

4पीएम न्यूज नेटवर्क: उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा के दौरान एक कविता सुनाने को लेकर शिक्षक रजनीश गंगवार पर एफआईआर दर्ज किए जाने पर सियासत गरमा गई है।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस मुद्दे को लेकर सरकार पर तीखा हमला बोला है। अखिलेश यादव ने बरेली में शिक्षक पर हुई कार्रवाई को लेकर सवाल उठाते हुए कहा, “क्या यही अमृतकाल है? जहां एक शिक्षक के खिलाफ सिर्फ कविता सुनाने पर एफआईआर दर्ज कर दी जाती है और स्कूलों को बंद कर दिया जाता है?”सपा प्रमुख ने इसे भारतीय जनता पार्टी की ‘अभिव्यक्ति की आज़ादी’ के प्रति असहिष्णुता करार दिया। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार लोकतंत्र की मूल भावनाओं को कुचल रही है और अमृतकाल के नाम पर डर और दमन का माहौल बना रही है।
शिक्षक रजनीश गंगवार पर आरोप है कि उन्होंने कांवड़ यात्रा के संदर्भ में एक कविता सुनाई, जिसे कुछ संगठनों ने आपत्तिजनक मानते हुए शिकायत दर्ज करवाई। इसके बाद उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई और प्रशासन ने मामला संज्ञान में लिया।इस मुद्दे ने राजनीतिक रंग ले लिया है,
शिक्षक पर FIR और शिक्षालय बंद हो रहे हैं… भाजपा के लिए क्या यही अमृतकाल है? pic.twitter.com/NfHmHiRwtK
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) July 16, 2025
जानें क्या है पूरा मामला
बरेली के बहेड़ी क्षेत्र स्थित एक इंटर कॉलेज के शिक्षक रजनीश गंगवार इन दिनों सुर्खियों में हैं। सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो के चलते उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। आरोप है कि उन्होंने स्कूल की मॉर्निंग असेंबली के दौरान कांवड़ यात्रा को लेकर बच्चों को कविता सुनाई, जिसे कुछ लोगों ने धर्म विरोधी करार दिया। वीडियो में रजनीश गंगवार बच्चों को कविता के रूप में संदेश देते नजर आते हैं। वह गा रहे है, “तुम कांवड़ लेने मत जाना,तुम ज्ञान का दीप जलाना…”इस कविता को लेकर कुछ धार्मिक संगठनों और स्थानीय लोगों ने आपत्ति जताई और शिक्षक पर धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप लगाया। इसके बाद पुलिस ने शिकायत के आधार पर रजनीश गंगवार के खिलाफमामला दर्ज कर लिया है।
वहीं, इस मुद्दे पर विपक्षी दलों ने राज्य सरकार को घेरा है। समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इसे अमृतकाल में अभिव्यत्ति की आजादी पर हमला बताते हुए भाजपा सरकार की आलोचना की है। फिलहाल प्रशासन मामले की जांच कर रहा है और स्कूल में माहौल सामान्य बनाए रखने के प्रयास किए जा रहे हैं।
लोगों का कहना है कि इस कविता से हिन्दुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाने की कोशिश की गई है. इससे माहौल ख़राब हो सकता है. हिन्दू संगठनों का कहना है कि एक तरह सरकार कांवड़ियों के लिए व्यवस्था कर रही है तो वहीं दूसरी तरफ़ स्कूल टीचर ऐसी कविता के जरिए माहौल करने की कोशिश कर रहे हैं. इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. पुलिस ने इस मामले में एक्शन लेते हुए शिक्षक रजनीश के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है. इस मामले को लेकर सियासत भी तेज हो गई है. पीपल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज ने शिक्षक पर दर्ज एफआईआर रद्द करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि इस गीत में किसी भी धर्म, संप्रदाय या समुदाय पर आपत्तिजनक टिप्पणी नहीं की गई है.



