जनहित के मुद्दों से पीछे नहीं हटेगी कांग्रेस

  • कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव बोले- भाजपा के दबाव में नहीं झुकेंगे

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने स्पष्ट किया है कि जनता और करदाताओं के पैसे को प्रभावित करने वाले मुद्दों को उठाने से कांग्रेस पीछे नहीं हटेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा की दबाव और धमकी की राजनीति के आगे पार्टी नहीं झुकेगी। अन्याय व अनैतिकता के खिलाफ आवाज बुलंद करती रहेगी। यादव ने बताया कि उन्होंने 9, शाम नाथ मार्ग स्थित सरकारी बंगले के नवीनीकरण पर 2.35 करोड़ रुपये के अत्यधिक खर्च का मुद्दा उठाने पर दिल्ली विधानसभा की विशेषाधिकार समिति के समन का जवाब दे दिया है।
उन्होंने जवाब में कहा कि विस के नियम 82 को इस मामले में लागू नहीं किया जा सकता, क्योंकि वह न तो विधानसभा सदस्य हैं और न ही सदन सत्र में है। उन्होंने सवाल उठाया कि जिस मामले में विधानसभा अध्यक्ष स्वयं शिकायतकर्ता हैं, उसकी जांच उसी के निर्देश पर गठित समिति कैसे कर सकती है। इसे उन्होंने प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत और न्यायिक निर्णयों के खिलाफ बताया। यादव ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस के लीगल एवं मानवाधिकार विभाग के चेयरमैन एडवोकेट सुनील कुमार की अगुवाई में कई वकील समिति अध्यक्ष से मिलना चाहता थे, लेकिन अनुमति नहीं दी गई। इसके बाद उनका जवाब अध्यक्ष कार्यालय में जमा कराया गया।

विधानसभा सत्र को भाजपा और आप ने बर्बाद किया

देवेंद्र यादव ने विधानसभा के मौजूदा सत्र को निरर्थक करार देते हुए कहा कि भाजपा और आप ने जनता से जुड़े मुद्दों की जगह राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप में समय बर्बाद कर दिया। यह करदाताओं के पैसे और सदन के समय का दुरुपयोग है। जब राजधानी जलभराव, बढ़ते अपराध, बेरोजगारी और महंगाई जैसी गंभीर समस्याओं से जूझ रही है तो सत्ताधारी व विपक्ष जमीनी मुद्दों पर मौन हैं। महिलाओं को 2500 रुपये मासिक देने के वादे पर अब तक कोई चर्चा नहीं हुई जबकि भाजपा की रेखा सरकार ने भी जनता से किए अपने वादों से मुंह मोड़ लिया है। आंगनबाड़ी, आशा वर्कर, अनुबंधित शिक्षक, डॉक्टर, नर्स, सफाई कर्मचारी जैसे हजारों संविदा कर्मियों को नियमित करने का वादा भाजपा ने सत्ता में आने से पहले किया था लेकिन अब वह इस पर चर्चा से बच रही है। आप रकार के कार्यकाल के दौरान सामने आईं कैग रिपोर्टों में भ्रष्टाचार के जो मामले उजागर हुए हैं उन पर भाजपा सरकार कार्रवाई से बच रही है। कथित शराब नीति घोटाला, स्कूल शिक्षा विधेयक-2025 और निर्माण श्रमिकों की संख्या में अनियमितताएं जैसे मामलों में भी गंभीर चुप्पी है।

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