केंद्र पीड़ितों की कर रही अनदेखी कारोबारियों पर मेहरबान: प्रियंका

- कांग्रेस सांसद बोलीं- सरकार ने बड़े कारोबारियों का कर्ज माफ किया, वायनाड भूस्खलन पीडि़तों का नहीं
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। वायनाड से सांसद प्रियंका गांधी ने पहाड़ी जिले में हुए विनाशकारी भूस्खलन के पीड़ितों द्वारा लिए गए ऋण माफ करने से इनकार करने पर नरेंद्र मोदी सरकार की कड़ी आलोचना की। इस भीषण भूस्खलन ने वायनाड की मेप्पाडी ग्राम पंचायत के अंतर्गत आने वाले दो गांवों – चूरलमाला और मुंडक्कई- को आंशिक रूप से तबाह कर दिया था। प्रियंका गांधी ने एक्स पर एक पोस्ट में भूस्खलन प्रभावित परिवारों द्वारा लिए गए ऋ ण माफ करने से इनकार करने के लिए केंद्र सरकार की आलोचना की और इस फैसले को चौंकाने वाला बताया।
कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाद्रा ने वायनाड भूस्खलन पीडि़तों का कर्ज माफ न करने के लिए केंद्र सरकार की आलोचना की और कहा कि उसे बड़े व्यवसायों का कर्ज माफ करने में कोई हिचकिचाहट नहीं होती। पार्टी की ओर से जारी एक बयान में प्रियंका केरल उच्च न्यायालय में केंद्र सरकार के इस रुख पर प्रतिक्रिया दे रही थीं कि वह वायनाड भूस्खलन पीडि़तों का कर्ज माफ नहीं कर सकती। वायनाड से कांग्रेस सांसद प्रियंका ने कहा कि वह उच्च न्यायालय की इस टिप्पणी से पूरी तरह सहमत हैं कि केंद्र ने पीडि़तों की जरूरत के समय उन्हें निराश किया है।
केंद्र का कदम गलत: सतीशन
केरल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष वी.डी. सतीशन ने भी केंद्र के रुख से असहमति जताते हुए इसे गलत कदम करार दिया। उन्होंने कहा कि भूस्खलन पीडि़तों पर हर तरह के कर्ज हैं, लेकिन आय का कोई स्रोत या संपत्ति नहीं है। उन्होंने कहा, ऐसी परिस्थितियों में कर्ज माफ करना जरूरी हो जाता है। पिछले साल 30 जुलाई को मुंडक्कई और चूरलमाला क्षेत्रों में एक बड़ा भूस्खलन हुआ था, जिससे दोनों इलाके लगभग पूरी तरह तबाह हो गए। इस आपदा में 200 से अधिक लोगों की जान चली गई थी और सैकड़ों घायल हो गए थे।
केरल उच्च न्यायालय ने भी की थी मोदी सरकार की आलोचना
इससे पहले, केरल उच्च न्यायालय ने भी भूस्खलन में बचे लोगों के ऋण माफ करने से इनकार करने के लिए केंद्र सरकार की आलोचना की थी। यह टिप्पणी एक मामले पर विचार करते हुए आई, जिसे उसने स्वत: संज्ञान में लिया था। 30 जुलाई, 2024 को वायनाड के मुंडक्कई और चूरलमाला इलाकों में हुए भूस्खलन में कुल 266 लोग मारे गए और 32 लापता हो गए। कुल 630 लोगों को कीचड़ से बचाया गया।



