बिहार में चुनावी सरगर्मी तेज, सियासत गरमाई
तेजस्वी से मिले कांग्रेस नेता गहलोत

- बोले- 5-10 सीटों का मतभेद सामान्य बात
- महागठबंधन में सब ठीक, एनडीए को देंगे मात
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
पटना। बिहार चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। सभी पार्टियां वोटर्स को अपने-अपने पक्ष में करने में जुटी हुई हैं। इसी क्र म में पटना पहुंचे वरिष्ठ कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने स्पष्ट किया कि महागठबंधन में कोई खास मतभेद नहीं है। वही राजद ने जीविका दीदीयों को लेकर बड़ा चुनावी वादा किया है। उन्होंने कहा कि महागठबंधन की सरकार बनने पर जीविका दीदीयों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि 243 सदस्यीय गठबंधन में कुछ सीटों को लेकर मामूली मतभेद होना सामान्य बात है और किसी भी राज्य स्तरीय गठबंधन में यह कोई असामान्य बात नहीं है। गहलोत ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि महागठबंधन में कोई विवाद नहीं है, 243 सीटों पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है और इतने बड़े गठबंधन में 5 से 10 सीटों को लेकर मतभेद होना कोई असामान्य बात नहीं है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि किसी भी राज्य में जहाँ गठबंधन होता है, वहाँ कुछ सीटों को लेकर मतभेद होना संभव है। दोस्ताना मुक़ाबले होते हैं, और ऐसा अन्य सभी राज्यों में भी होता है। महागठबंधन भाजपा और जद(यू) के ख़िलाफ़ मज़बूती से खड़ा है। विपक्षी महागठबंधन के भीतर दोस्ताना लड़ाई के मुद्दे को सुलझाने के लिए गहलोत बुधवार को पटना पहुँचे। गहलोत के बिहार के विपक्ष के नेता (एलओपी) तेजस्वी यादव से मिलने की संभावना है, जो राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता हैं और राघोपुर निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) ने पहले राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को बिहार में विधानसभा चुनावों के लिए वरिष्ठ चुनाव पर्यवेक्षक नियुक्त किया था, जो 6 और 11 नवंबर को दो चरणों में होने वाले हैं।
जीविका दीदीयों को मिलेगा सरकारी कर्मचारी का दर्जा: तेजस्वी
राजद नेता तेजस्वी यादव ने जीविका दीदीयों को लेकर बड़ा चुनावी वादा किया है।उन्होंने कहा कि महागठबंधन की सरकार बनने पर जीविका दीदीयों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाएगा। इसके अलावा उनके लोन का ब्याज माफ किया जाएगा और ब्याज मुक्त लोन दिया जाएगा। इसके अलावा भी उन्होंने कई वादे किए हैं। तेजस्वी यादव ने कहा कि हमने पहले एक ऐतिहासिक घोषणा की थी कि जिन परिवारों के पास सरकारी नौकरियां नहीं हैं, उन परिवारों में एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी दी जाएगी। आज हम फिर एक ऐतिहासिक घोषणा करने जा रहे हैं। जीविका दीदीयों का जितना शोषण इस सरकार में हुआ है, शायद ही कभी हुआ होगा। उन्होंने कहा कि हम अपनी यात्रा के दौरान कई जिलों में घूमकर आए और हर जगह हमें जीविका दीदीयों का समूह मिलता था। सभी जीविका दीदीयों के प्रति हमारा सम्मान है और उन्हें उनका अधिकार व सम्मान दिलाना हमारी जिम्मेदारी है। मेहुल चोकसी को करारा झटका! बेल्जियम कोर्ट ने भारत प्रत्यर्पण का दिया आदेश, कहा- निष्पक्ष सुनवाई होगी।
बिहार में मोदी-राहुल की सीधी टक्कर : पप्पू यादव
पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने कहा कि एनडीए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को उचित सम्मान नहीं दे रहा है। उन्होंने कहा कि आगामी चुनाव को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बीच सीधी टक्कर के रूप में देखा जा रहा है। पप्पू यादव ने कहा कि लोग इस बिहार चुनाव को मोदी बनाम राहुल के रूप में देख रहे हैं और इससे भाजपा गठबंधन को फायदा होगा… मैं कांग्रेस की विचारधारा के साथ खड़ा हूं। यादव ने कहा कि मैं कांग्रेस पार्टी में नहीं हूं, बल्कि पार्टी का एक सहयोगी सदस्य हूं। मुझे नहीं पता कि दीपांकर जी क्या सोचते हैं।
चिराग बोले- महागठबंधन खुद को नहीं संभाल पा रहा
केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने बुधवार को महागठबंधन पर निशाना साधा, क्योंकि सहयोगी दल सीट बंटवारे के फॉर्मूले पर सहमत नहीं हो पाए। पासवान, जिनकी पार्टी लोजपा (आर) 29 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, ने यह भी कहा कि एनडीए 14 नवंबर को राज्य में सरकार बनाएगा। विपक्ष पर वार करते हुए चिराग ने कहा कि उनके गठबंधन (महागठबंधन) में इतना कुछ चल रहा है, और राहुल गांधी कहाँ हैं? क्या राहुल जी और तेजस्वी यादव की नैतिक जिम्मेदारी नहीं थी कि वे साथ बैठकर गठबंधन में आने वाली बाधाओं को दूर करें? यह कांग्रेस की गंभीरता की कमी को दर्शाता है। चिराग पासवान ने कहा कि वे चाहे कुछ भी करें, हकीकत यही है कि 14 नवंबर के बाद एनडीए बिहार में सरकार बनाएगा। बिहार की जनता समझ गई है कि अगर महागठबंधन पाँच दलों को एक साथ नहीं रख सकता, तो वे बिहार को भी एकजुट नहीं रख पाएंगे। इससे पहले, एक सभा को संबोधित करते हुए, चिराग ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन द्वारा समय पर सीट बंटवारे की घोषणा पर ज़ोर दिया और कहा कि इससे एक बहुत ही सकारात्मक संदेश गया है।

यूपी में अमानवीयता व हैवानियत की हदें पार!
- लखनऊ में दलित बुजुर्ग को पेशाब चाटने को किया मजबूर
- आरोपी गिरफ्तार, विपक्ष के निशाने पर योगी सरकार
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में इंसानियत को शर्मसार करने वाली घटना घटी है। एक बुजुर्ग दलित व्यक्ति के साथ अमानवीय व्यवहार करते हुए उसे कथित तौर पर पेशाब चाटने के लिए मजबूर किया गया। इस घटना के बाद विपक्ष के निशाने पर योगी सरकार आ गई है। आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि पीडि़त परिवार का कहना है कि यह एक दुर्घटना थी। काकोरी निवासी 60 वर्षीय रामपाल रावत ने पुलिस को बताया कि वह सोमवार शाम करीब 7 बजे शीतला माता मंदिर के पास पानी पी रहे थे, तभी स्वामी कांत ने उन पर पेशाब करने का आरोप लगाया।
शिकायत में पीडि़त ने कहा, कल शाम मैं लखनऊ के काकोरी इलाके में शीतला माता मंदिर में पानी पी रहा था, तभी स्वामी कांत उर्फ पम्मू आया और मुझ पर पेशाब करने का आरोप लगाया। मैंने कहा कि मैंने पेशाब नहीं किया है, वहां पानी गिर गया है। लेकिन वह नहीं माना और मुझे जातिसूचक शब्द कहे। उसने मुझे धमकाया और मुझे जमीन चाटने पर मजबूर किया। रामपाल के पौत्र मुकेश कुमार ने बताया, मेरे दादाजी को सांस लेने में तकलीफ है। अगर उन्होंने दवाइयां नहीं लीं तो शायद उनकी जान नहीं बच पाएगी। उन्होंने बताया हमने पम्मू के खिलाफ मामला दर्ज कराया। उसने बताया कि मुख्य मंदिर उस जगह से कम से कम 40 मीटर की दूरी पर है जहां उसके दादा ने गलती से पेशाब किया था। स्वामी कांत के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता धारा 115(2), 351(3) और 352 तथा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
किसी की भूल पर उसे अमानवीय सजा नहीं दे सकते : अखिलेश यादव
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, किसी की भूल का अर्थ ये नहीं कि उसे अपमानजनक अमानवीय सज़ा दी जाए। परिवर्तन ही परिवर्तन लाएगा!
संघ कार्यकर्ता ने एक बुजुर्ग का किया अपमान : कांग्रेस
इस घटना पर कांग्रेस ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता ने एक बुजुर्ग दलित व्यक्ति को अपना पेशाब चाटने पर मजबूर किया। बुजुर्ग व्यक्ति एक मंदिर प्रांगण में बैठा था, तभी बीमारी के कारण उसने गलती से पेशाब कर दिया। गुस्साए संघ कार्यकर्ता ने मौके पर पहुंचकर उसे जातिसूचक गालियां दीं और पेशाब चाटने पर मजबूर किया। भाजपा शासित उत्तर प्रदेश में हुई यह घटना मानवता पर कलंक है। दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। यह घटना आरएसएस-भाजपा की दलित विरोधी मानसिकता का प्रतीक है। दलितों के प्रति नफरत उनके खून में है। इसीलिए वे संविधान को खत्म करके देश में मनुवाद लागू करना चाहते हैं, ताकि वे जाति के आधार पर लोगों का शोषण कर सकें। हालांकि, पुलिस ने कहा कि आरोपी का संघ से कोई संबंध नहीं है।
मेहुल चोकसी को लगा झटका
- बेल्जियम की अदालत ने भारत प्रत्यर्पित करने का दिया आदेश
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
एंटवर्प। मेहुल चोकसी को एक और झटका लगा है जब बेल्जियम की एक अदालत ने फैसला सुनाया कि 13,000 करोड़ रुपये के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले से जुड़े मामले में भारत को उसके प्रत्यर्पण में कोई कानूनी बाधा नहीं है। अदालत ने यह भी कहा कि भगोड़े व्यवसायी को वहां निष्पक्ष सुनवाई और सुरक्षा मिलेगी। एंटवर्प की अदालत ने यह भी बताया कि चोकसी बेल्जियम का नागरिक नहीं है और उसने स्वीकार किया है कि वह कानून में परिभाषित एक विदेशी नागरिक है। उसने यह भी कहा कि उसका प्रत्यर्पण कोई राजनीतिक, सैन्य या कर-संबंधी मामला नहीं है।
अदालत ने कहा कि भारत ने चोकसी के खिलाफ उसकी जाति, धर्म या राजनीतिक मान्यताओं के आधार पर कोई कार्रवाई नहीं की है। चोकसी के इस आरोप को खारिज करते हुए कि 2021 में भारतीय अधिकारियों के निर्देश पर एंटीगुआ और बारबुडा में उसका अपहरण किया गया था, अदालत ने कहा कि उसके मामले को साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं है। सीबीआई द्वारा भेजे गए प्रत्यर्पण अनुरोध के आधार पर चोकसी को 11 अप्रैल को बेल्जियम में गिरफ्तार किया गया था। सीबीआई ने अपने आरोपपत्र में आरोप लगाया है कि कुल 13,000 करोड़ रुपये में से अकेले चोकसी ने 6,400 करोड़ रुपये की हेराफेरी की। अधिकारियों ने बताया कि अदालत ने माना कि भारत के अनुरोध पर बेल्जियम के अधिकारियों द्वारा चोकसी की गिरफ्तारी वैध थी। उन्होंने कहा कि यह आदेश भारत द्वारा चोकसी के प्रत्यर्पण के मामले को पुख्ता करता है, क्योंकि चोकसी के पास बेल्जियम के सर्वोच्च न्यायालय में इस फैसले के खिलाफ अपील करने का विकल्प है।
मथुरा-पलवल रेलखंड पर मालगाड़ी बेपटरी, मरम्मत जारी
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। उत्तर मध्य रेलवे के मथुरा-पलवल रेलखंड पर वृंदावन रोड और आझई स्टेशनों के बीच कोयले से लदी मालगाड़ी के लगभग 12 डिब्बे पटरी से उतर गए। घटना के बाद बाधित रेल यातायात को तीसरी लाइन पर आंशिक रूप से बहाल कर दिया गया। मथुरा स्टेशन के अधीक्षक एनपी सिंह ने बताया कि बुधवार सुबह करीब 7 बजे से तीसरी लाइन पर अप और डाउन दोनों दिशाओं में गाडिय़ों की आवाजाही शुरू कर दी गई है।
उन्होंने बताया कि पटरी से उतरी बोगियों को हटाने का कार्य युद्धस्तर पर जारी है। फिलहाल अप लाइन की गाडय़िों को तीसरे ट्रैक से और डाउन लाइन की गाडय़िों को चौथे ट्रैक से निकाला जा रहा है। मालगाड़ी के डिब्बे हटाने और क्षतिग्रस्त पटरी की मरम्मत का कार्य जारी है। मंगलवार रात हुई इस दुर्घटना के कारण रेलखंड की अप लाइन, डाउन लाइन और तीसरी लाइन पर यातायात कई घंटों तक प्रभावित रहा था। रेलवे अधिकारियों ने कहा कि स्थिति को पूरी तरह सामान्य करने के प्रयास लगातार जारी हैं।
कार को लेकर मोदी सरकार पर तीखा प्रहार
- कांग्रेस नेता चिदंबरम ने बीजेपी पर दागे सवाल
- लोकपाल के सदस्यों के लिए सात बीएमडब्ल्यमू लग्जरी कारें खरीदने के टेंडर पर बवाल
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। भ्रष्टाचार विरोधी संस्था लोकपाल ने अपने सदस्यों के लिए सात बीएमडब्ल्यूू लग्जरी कारें खरीदने के लिए टेंडर निकाला है। इस टेंडर के सामने आने के बाद से बवाल मच गया है। कांग्रेस ने मुद्दे पर मोदी सरकार को घेरा है। दरअसल, कांग्रेस के नेता और राज्यसभा सांसद पी चिदंबरम ने लोकपाल के इस कदम की आलोचना की है। पी चिदंबरम ने पूछा कि जब सुप्रीम कोर्ट के जजों को मामूली सेडान जाती है, तो लोकपाल के चेयरमैन और उसके छह सदस्यों को बीएमडब्ल्यू कारों की क्या जरूरत है?
बता दें कि जिन कारों का टेंडर लोकपाल ने निकाला है, उनमें सभी की कीमत करीब 70 लाख रुपये है। पी चिदंबरम ने लिखा कि इन कारों को खरीदने के लिए पब्लिक का पैसा क्यों खर्च किया जाए? मुझे उम्मीद है कि कम से कम एक या दो सदस्य इन कारों को खरीदने से मना कर देंगे या कर दिया होगा। उल्लेखनीय है कि 16 अक्टूबर को एक नोटिफिकेशन जारी किया गया। इसमें लोकपाल ने सात बीएमडब्ल्यू 3 सीरीज एलआई कारों की सप्लाई के लिए एक ओपन टेंडर मंगाए।
ईमानदारी के रखवाले लग्जरी के पीछे भाग रहे हैं : सिंघवी
वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक सिंघवी ने एक्स पर लिखा कि यह देखना कि यह एंटी-करप्शन बॉडी अब अपने मेंबर के लिए बीएमडब्ल्यूू ऑर्डर कर रही है, यह दुखद विडंबना है, ईमानदारी के रखवाले लेजिटिमेसी से अधिक लग्जरी के पीछे भाग रहे हैं। उन्होंने कहा कि 2019 में अपनी स्थापना के बाद से लोकपाल को 8,703 आवेदन मिले हैं। इनसे केवल 24 जांचें हुईं और 6 अभियोजन स्वीकृत हुए हैं।



