रूस-भारत संबध : कितने दूर कितने पास

  • पुतिन दौरे को खटाई में डालने की कोशिश!
  • गिरता रुपया, भारतीय नेताओं की नंगी तस्वीरें की धमकी के बीच पुतीन का भारत दौरा
  • व्यापार, तेल, और परमाणु ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में सहमति के बीच अमेरिका का लाल आखें
  • भारत की कूटनीति अर्थव्यवस्था और प्रतिष्ठा एक साथ निशाने पर

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। देश की सियासत आज तीन मोर्चों पर एक साथ तप रही है। रुपया रिकॉर्ड गिरावट पर, भारतीय नेताओं की कथित नंगी तस्वीरों को पश्चिमी मीडिया द्वारा वायरल करने की धमकी और इन सबके बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का दो दिवसीय भारत दौरा। बड़ा सवाल यह है कि क्या यह सब महज संयोग है या भारत पर पुतिन के दौरे के ठीक पहले दबाव बनाने का सुनियोजित प्रयोग? दुनिया की राजनीति में आज युद्ध मिसाइलों से नहीं, मुद्रा, मीडिया और मर्यादा से लड़ा जा रहा है। रुपया नीचे जाए तो निवेशक डरते हैं, नेता बदनाम हो जाएं तो नैरेटिव टूटता है और अगर दोनों साथ-साथ हों तो मेज पर होने वाली कूटनीतिक बातचीत की कुर्सी कमजोर हो जाती है। पुतिन भारत में हैं और यही वह क्षण है जब भारत की कूटनीति, अर्थव्यवस्था और प्रतिष्ठा एक साथ निशाने पर हैं।

व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने का इरादा

रूस भारत के साथ अपने व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने के इरादे से आगे बढ़ रहा है। इसकी एक वजह अमेरिका भी है। रूस भारत के साथ व्यापार 5 अरब डॉलर तक ले जाने का लक्ष्य लेकर चल रहा है। वहीं डॉलर पर निर्भरता कम करने के लिए भारत और रूस अपनी करेंसी में व्यापार करने के बारे में भी सोच रहे हैं।

कहानी साफ है लेकिन बोलने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा

कहानी क्रिस्टल क्लियर है लेकिन कोई जोर से बोलने की हिम्मत नहीं कर रहा। भारत रूस के साथ डॉलर मुक्त व्यापार ऊर्जा सौदों और नई भुगतान व्यवस्था पर बात करने जा रहा है। ठीक उसी समय रुपया टूट रहा है पश्चिमी मीडिया धमकियां दे रहा है और देश के भीतर भ्रम फैलाया जा रहा है। सवाल है कि यह किसका खेल है यह किसके लिए खेला जा रहा है और भारत झुकेगा या टिकेगा? इतिहास गवाह है — हर बार जब भारत रणनीतिक स्वायत्तता लेने की कोशिश करता है दुनिया हस्तक्षेप करती है। आज वही अध्याय फिर खुला है बस हथियार बदल गए हैं। क्या एक बार फिर भारत बैक कर जाएगा? क्या अमेरिका के टैरिफ अटैक के आगे पूर्व की भांति यूर्टन लेगा क्योकि इससे पूर्व में भी भारत रूस एक नई दिशा में आगे बड़ रहे थे लेकिन अमेरिकन दादागिरी के बाद भारत ने यूटर्न लिया और बात अधर में लटक गयी। इस बार खुद पुतीन भारत आये हैं और पुतीन के दौरे के बाद अमेरिकन प्रेसीडेंट ट्रम्प का भारत दौरा प्रस्तावित है।

क्या-क्या प्रस्तावित है

यूक्रेन के साथ युद्ध शुरू होने के बाद से रूसी राष्ट्रपति का ये पहला भारत दौरा है। ऐसे में इसे कई मायनों में खास माना जा रहा है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पुतिन के बीच रक्षा सहयोग पर चर्चा संभव है। इसके अलावा सुरक्षा, व्यापार, तेल, और परमाणु ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में दोनों नेताओं के बीच बातचीत हो सकती है। रूस के सुखोई-400 की नई खेप को लेकर दोनों नेताओं के बीच वार्ता हो सकती है। बता दें, एस400 को लेकर भारत और रूस के बीच 2018 में 5 अरब डॉलर की डील हुई थी। इसके तहत एस-400 के 5 यूनिट भारत को मिलने वाले थे, जिनमें से 3 डिलीवर हो चुके हैं। ऐसे में नई खेप को लेकर भी चर्चा हो सकती है। इसके अलावा भारत नई तकनीकों से लैस एस-500 खरीदने पर विचार कर रहा है। ऐसे में एस-500 को लेकर दोनों नेताओं की बातचीत संभव है। सुखोई-57 की अगर बात करें, तो रूस पहले से ही इसकी 70 फीसदी तकनीक भारत को देने को तैयार है। ऐसे में संभव है कि इस पर भी चर्चा हो। अगर बात बन जाती है, तो आने वाले समय में भारत एस-57 अपने ही देश में बना सकेगा। वहीं एस-30 के आधुनिकीकरण पर भी बात हो सकती है।

Related Articles

Back to top button