राहुल के खिलाफ कंगना ने उगला जहर, अब हो रही जमकर फजीहत!

राजनीति में अपनी छवि चमकाने के लिए और खुद को चर्चा में बनाए रखने के लिए कुछ नेता ऐसे भी हैं जिन्हे अनाप सनाप बोलने से फुर्सत ही नहीं है।

4पीएम न्यूज नेटवर्क: राजनीति में अपनी छवि चमकाने के लिए और खुद को चर्चा में बनाए रखने के लिए कुछ नेता ऐसे भी हैं जिन्हे अनाप सनाप बोलने से फुर्सत ही नहीं है। साहब की नजरों में खुद को बेहतर बनाने के लिए कुछ भी बोलना उनका पेशा बन चुका है।

ऐसी ही एक नेत्री हैं भाजपा में जो अपनी इन्ही सब हरकतों को लेकर हमेशा ट्रोल होती रहती हैं। मगर इनसबके बावजूद आलम ये है कि वो अपने विवादित बयानों से बाज नहीं आ रही हैं। इसी बीच उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लेकर ऐसा बयान दे दिया जिसकी चर्चा आज चारों तरफ हो रही है और उनपर सवाल खड़े हो रहे हैं, विपक्ष कंगना को जमकर घेर रहा है। दरअसल बीजेपी की सांसद कंगना रनौत ने कहा कि अगर राहुल गांधी खुद की अटल जी से तुलना कर रहे हैं तो उन्हें बीजेपी ज्वाइन कर लेना चाहिए.

उन्होंने कहा कि भगवान ने आपको को जीवन दिया है, आप भी अटल जी बन सकते हैं, आप भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन कर लीजिए.  कंगना साहब और भाजपा को खुश करने में इतना मसरूफ हो चुकी हैं कि उन्हें इतना भी नहीं समझ आया की राहुल गांधी खुद की तुलना अटल जी से कर रहे हैं या महज अपनी बात रख रहे हैं। खैर असलियत दुनिया जानती है।

वहीं कंगना एक तरफ जहां राहुल गांधी को लेकर सवाल उठा रही हैं और सलाह देती फिर रही हैं। दूसरी तरफ विपक्ष सत्ताधारी दल द्वारा LOP से किये जा रहे इस बर्ताव हमलावर है। इसी कड़ी में सपा सांसद डिंपल यादव ने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के के विदेशी मेहमानों से मिलने नहीं दिया जा रहा वाले बयान पर कहा, “बहुत सारी परंपराएं बदली हैं उसी श्रृंखला में ये एक और परंपरा है जहां विपक्ष के नेता कोई भी विदेशी राजनयिक आते हैं या नेता आते थे तो वो जैसे पक्ष से मिलते थे वो वही विपक्षी नेताओं से भी मिलते थे।

तो कही न कही भाजपा इन परंपराओं को बदल रही है। साथ ही कांग्रेस सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के विदेशी मेहमानों से मिलने नहीं दिया जा रहा वाले बयान पर कहा, “उन्होंने कहा है तो सच्च ही तो कहा है। पहले जो भी विदेश से बड़े लोग आते थे वो पीएम से तो मिलते ही थे लेकिन विपक्ष के नेता से भी मिलते थे.. संविधान के खिलाफ जिस तरह से ये चलाया जा रहा है उसमें किसी से मिलने नहीं देना और बात नहीं करने देना ये तो ठीक नहीं है।”

दरअसल, केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए राहुल गांधी ने अटल बिहारी वाजपेयी का भी जिक्र किया था। उन्होंने कहा कि सरकार में विपक्ष के नेता को विदेशी गणमान्य मेहमानों से मिलने नहीं दिया जाता है। गांधी ने संसद भवन परिसर में कहा कि पहले जो भी विदेशी मेहमान आते थे तो उन्हें विपक्ष के नेता से मिलने दिया जाता था। यह परंपरा मोदी सरकार के आने से पहले तक जारी रही है लेकिन अब नहीं मिलने दिया जाता। उनका कहना था कि विपक्ष के नेता का एक अलग दृष्टिकोण होता है और उसे विदेशी गणमान्य अतिथि से मिलने की इजाजत होनी चाहिए लेकिन मोदी सरकार और विदेश मंत्रालय इन मानदंडों का पालन नहीं करते हैं।

रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमिर पुतिन की भारत यात्रा को लेकर पूछे गए सवाल पर राहुल गांधी ने कहा, “आमतौर पर यह परंपरा है कि जो भी बाहर से आता है वह विपक्ष के नेता से भी मिलता है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल विहारी वाजपेयी और डॉ मनमोहन सिंह की सरकारों के दौरान यही होता था। यह एक परंपरा रही है, लेकिन अब विदेशी गणमान्य मेहमान आते हैं या जब मैं विदेश यात्रा पर जाता हूं, तो सरकार उन्हें विपक्ष के नेता से नहीं मिलने के लिए कहती है। यह उनकी नीति है और वे हर बार ऐसा ही करते हैं। मैं भी जब विदेश जाता हूं तो बताया जाता है कि सरकार का परामर्श है कि इनसे नहीं मिलना है।”

रूसी राष्ट्रपति के साथ संबंधों को लेकर पूछे गए एक प्रश्न पर उन्होंने कहा कि हमारे सभी के साथ संबंध हैं। एलओपी एक अलग दृष्टिकोण देता हैं। हम भी भारत का प्रतिनिधित्व करते हैं। सिर्फ सरकार ही प्रतिनिधित्व नहीं करती है। सरकार नहीं चाहती कि विपक्ष बाहर से आने वाले लोगों से मिले जबकि मिलने की परंपरा रही है लेकिन प्रधानमंत्री मोदी और विदेश मंत्रालय इस नियम और ऐसे मानदंडों का पालन नहीं करते हैं। वहीं, कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने राहुल गांधी की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया में कहा कि लोकतंत्र में देश में आने वाले गणमान्य मेहमान से मिलने की इजाजत देना अच्छा है।

Related Articles

Back to top button