जो किसानों के साथ खड़ा है मैं उसके साथ हूं : राकेश टिकैत

  •  किसान नेता ने योगी सरकार पर निशाना साधा

लखनऊ। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्टï्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि वह किसी भी राजनीतिक पार्टी का समर्थन नहीं करते हैं। भारतीय किसान यूनियन किसानों के हित व किसानों की लड़ाई लड़ती रहेगी। जब भी सरकार तानाशाही करेगी। देशभर का किसान तानाशाही को बर्दाश्त नहीं करेगा। किसान आंदोलन भले ही खत्म हो चुका हो, लेकिन राकेश टिकैत ने बेबाकी से कहा कि जो किसानों के साथ हैं, किसान उसके साथ हैं। 28 जनवरी 2021 की रात को उन्होंने काली रात बताया। कहा कि सरकार की मंशा कत्लेआम मचाने की थी। राकेश टिकैत ने कहा कि जनता व किसान कुछ नहीं भूले। हमें सब याद है। इस देश की जनता को सब कुछ याद है। कोरोना कॉल में गंगा में लाशें बहाई गईं वह भी याद हैं। किसान, गरीब, मजदूर वर्ग पर सरकार ने कोरोना काल में खूब अत्याचार किए। शामली की गाड़ी पीएम मोदी की रैली में 800 किमी दूर बनारस गईं। लॉक डाउन में तो वह गाड़ी मजदूरों को घर पहुंचाने के लिए नहीं लगाईं। सीएम व पीएम की रैली के लिए बसें जा सकती हैं जनता के लिए नहीं।

राकेश टिकैत ने योगी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन में जब मजदूर अपने घर जाने के लिए सड़क पर निकले तो भूख प्यास का सामना करना पड़ा। सुबह से शाम तक पैदल चलते और पुलिस लाठियों से पीटती। सब कुछ याद है, चुनाव में लोग सरकार के अत्याचार को याद रखेंगे। भारतीय किसान यूनियन एक गैर राजनीतिक दल है। कोई भी पार्टी चुनाव लड़े, इससे हमारा कोई लेना देना नहीं है। हम किसी भी पार्टी का समर्थन नहीं करते हैं। किसान ने घर छोड़कर 13 माह तक लाठी खाई हैं, 700 लोगों की जान चली गई। किसान सरकार की तानाशाही को नहीं भूलेंगे। हम पूरी तरह से चुनाव से दूर हैं। चुनाव लड़ना अधिकार है। जनता सरकार बनाती है। सरकार देश हित में बनाई जाती है। जनता को अपनी मांग रखने का पूरा अधिकार है।

रायबरेली सदर सीट पर अदिति सिंह को टक्कर देगी उनकी भाभी

लखनऊ। सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली की सदर विधानसभा सीट पर मुकाबला दिलचस्प होने वाला है। यहां कांग्रेस से भाजपा में आईं विधायक अदिति सिंह पार्टी की प्रत्याशी होंगी। वहीं कांग्रेस ने अदिति के मुकाबले पर उनके परिवार का ही उम्मीदवार उतारने का मन बनाया है। चर्चा है कि कांग्रेस अदिति सिंह के चाचा पूर्व सांसद स्व. अशोक सिंह की पुत्र वधू आरती सिंह को मैदान में उतार सकती है। ऐसे में अदिति की राह आसान नहीं होगी। आरती सिंह हाल ही में संपन्न हुए जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में कांग्रेस के सिंबल से अध्यक्ष पद के लिए चुनाव भी लड़ चुकी हैं और वो वर्तमान में जिला पंचायत सदस्य भी हैं। अगर कांग्रेस सदर सीट से पूर्व सांसद स्व. अशोक सिंह की बहू आरती सिंह को प्रत्याशी बनाती है तो अदिति सिंह जो कांग्रेस छोड़ अब भाजपा में शामिल हो गई हैं, उनके लिए कड़ी चुनौती रहेगी। क्योंकि एक परिवार से दो लोगों का सामने आना चुनौती के रूप में दिखाई दे रहा है।

पूर्व सांसद अशोक सिंह के बेटे मनीष सिंह भी कांग्रेस के नेता हैं। लंबे समय से कांग्रेस में रहकर उनकी पब्लिक में अच्छी पकड़ मानी जाती है। अदिति सिंह के पिता स्व. अखिलेश सिंह सदर सीट से 5 बार विधायक रह चुके थे। उनके सामने कोई भी नेता टिक नहीं पाता था। अखिलेश सिंह निर्दलीय, पीस पार्टी अन्य कई दलों से चुनाव लड़कर विधायक बने थे। अखिलेश सिंह को लोग गरीबों का मसीहा कहते थे। लंबी बीमारी के चलते अखिलेश सिंह का निधन हो चुका है। उनके न रहने पर यह पहला चुनाव है, जो अदिति सिंह अपने दम पर लड़ने जा रही हैं। फिलहाल अब तक लोग अखिलेश सिंह के नाम से ही अदिति सिंह के साथ तन-मन से लगे हुए दिखाई दे रहे हैं।

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