Govinda की मां का निधन, पार्थिव शरीर से दो घंटों तक बात करते रहे एक्टर। सदमे में खोया होश !

बॉलीवुड एक्टर गोविंदा के लिए 21 दिसंबर का दिन काफी स्पेशल होता है। आखिर, इस दिन वो अपना जन्मदिन जो मनाते हैं। इस साल, वो पूरे 62 साल के हो गए।

4पीएम न्यूज नेटवर्क: बॉलीवुड एक्टर गोविंदा के लिए 21 दिसंबर का दिन काफी स्पेशल होता है। आखिर, इस दिन वो अपना जन्मदिन जो मनाते हैं। इस साल, वो पूरे 62 साल के हो गए।

दुनिया भर में मौजूद उनके चाहने वालों ने उन्हें सोशल मीडिया के जरिये बधाई दी। इंटरनेट पर उनके लिए विशेज की ढ़ेर लग गईं। हां बस इस खास दिन पर गोविन्दा के साथ वो शख्स मौजूद नहीं रहा.. जिनकी वजह से वो इस दुनिया में आये। एक्टर के बर्थडे के स्पेशल मौके पर उन्हें आशीर्वाद देने के लिए उनकी मां निर्मला देवी मौजूद नहीं हैं। एक्टर की मां इस दुनिया में नहीं हैं..वो भी वो मां…जिनके वो कभी पैर धोकर पिया करते थे।

दरअसल, साल 1996 में गोविंदा की मां का निधन हो गया था। बॉलीवुड के ‘हीरो नंबर वन’ कहे जाने वाले गोविंदा मां निर्मला देवी के काफी करीब रहे। उन्होंने कई इंटरव्यूज में मां संग अपने बॉन्ड और उनके दुखभरे दिनों के बारे में बात भी की हुई है। गोविंदा मां के इस कदर करीब थे कि, उनके हर बर्थडे पर वह उनके पैर धोकर पीते थे। इस बात का खुलासा गोविंदा की बीवी सुनीता आहूजा ने एक इंटरव्यू के दौरान किया था।

तो जब, एक्टर की मां निर्मला देवी इस दुनिया को छोड़कर चली गईं, तो इससे गोविंदा को बेहद गहरा सदमा लगा था। ये दर्द इतना ज्यादा था कि, अपनी मां के पार्थिव शरीर से वो दो घंटों तक बात करते रहे थे। इतना ही नहीं, एक्टर ने अपनी एक फिल्म के सेट पर मृत मां की आत्मा से भी बात की थी। यह तब की बात है, जब उनकी मां को गुजरे 13 साल बीत चुके थे। सोर्सेज के मुताबिक, गोविंदा 2 घंटे तक सेट पर एक खाली कुर्सी से बात करते रहे।

किसी को समझ नहीं आ रहा था कि क्या हो रहा है? फिर पता चला कि गोविंदा अपनी मृत मां से बात कर रहे थे। यह नजारा देख सेट पर हर किसी की घिग्घी बंध गई थी। इसके बाद गोविंदा ने भाई कीर्ति को बुलाया और कहा कि मां को अपने साथ घर ले जाओ। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि घर पर जो भी आता है, गोविंदा सबको यही बताते थे कि मां उनके कमरे में साथ रहती है।

गोविंदा ही नहीं, उनके भाई कीर्ति कुमार भी मां की आत्मा से बात करते थे। इसका दावा साल 2009 में एक रिपोर्ट में किया गया था। गोविंदा की तरह उनकी दिवंगत मां भी इंडस्ट्री का हिस्सा रही थीं। दरअसल, गोविंदा का जन्म 21 दिसंबर 1963 को मुंबई में अरुण आहूजा और निर्मला देवी के घर हुआ। गोविंदा के पिता अरुण आहूजा खुद भी एक एक्टर और फिल्म प्रोड्यूसर थे, लेकिन कभी उन्हें अपने बेटे जैसी सक्सेस नसीब नहीं हुई। वहीं, गोविंदा की मां निर्मला देवी एक सिंगर और एक्ट्रेस थीं। यानी, गोविंदा के माता-पिता अपने दौर के जाने-माने सितारे थे।

गोविंदा भले ही दो जाने-माने स्टार्स के बेटे थे, लेकिन उनका बचपन काफी मुश्किलों भरा रहा और स्टारकिड होने के बाद भी उनका बचपन चॉल में ही कटा। गोविंदा शुरुआती दिनों में अपने परिवार के साथ मुंबई के विरार इलाके के एक चॉल में रहते थे। फिर चॉल से निकलकर गोविंदा ने बॉलीवुड में अपनी पहचान बनाई और 90 के दशक के सबसे बड़े स्टार्स में से एक बने।

आपको बता दें, निर्मला देवी के नाम से मशहूर हुईं गोविंदा की मां पहले मुस्लिम थीं, लेकिन बाद में उन्होंने अपना धर्म बदल लिया और हिंदू बन गईं। उनका जन्म 7 जून 1927 को वाराणसी में हुआ था। उनका असली नाम नजमा था और वह बनारस के एक संगीत घराने से ताल्लुक रखती थीं। वो शुरुआत से ही संगीत से भरे माहौल में पली-बढ़ी थीं और क्लासिकल सिंगर थीं। उन्होंने 1941 में अरुण कुमार आहूजा से शादी कर ली और फिर अपना धर्म बदलकर निर्मला देवी बन गईं।

अरुण कुमार आहूजा से शादी के बाद निर्मला देवी के 5 बच्चे हुए। जिनका नाम पद्मा, कामिनी, कृति कुमार, पुष्पा आनंद और गोविंदा है। गोविंदा के जन्म के बाद धीरे-धीरे निर्मला देवी भक्ति में डूब गईं और आखिरकार साध्वी बन गईं। 15 जून 1996 को उन्होंने अपनी आखिरी सांस ली। गोविंदा ने एक इंटरव्यू में दावा किया था कि उनकी मां ने अपनी मौत की भविष्यवाणी पहले ही कर दी थी।

एक्टर ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत साल 1986 में फिल्म “इल्ज़ाम” से की, जो बॉक्स ऑफिस पर हिट साबित हुई। इस फिल्म ने उन्हें रातोंरात स्टार बना दिया। इसके बाद उन्होंने एक के बाद एक हिट फिल्में दीं। फिर, 90 के दशक में गोविंदा ने बॉलीवुड में जो जादू दिखाया, वह शायद ही किसी और स्टार ने दिखाया हो। डायरेक्टर डेविड धवन के साथ उनकी जोड़ी ने इंडस्ट्री में नया ट्रेंड सेट किया। इन दोनों ने मिलकर दर्जनों सुपरहिट फिल्में दीं। जिनमें, ‘राजा बाबू’, ‘कुली नंबर 1’, ‘हीरो नंबर 1’, ‘साजन चले ससुराल’, ‘बड़े मियां छोटे मियां’, ‘हसीना मान जाएगी’ शामिल रही।

गोविंदा की खासियत यह थी कि वो कॉमेडी को भी दिल से निभाते थे। उनके एक्सप्रेशन, डायलॉग डिलीवरी और टाइमिंग इतनी नेचुरल होती थी कि दर्शक अपने दुख भूल जाते थे। तो, गोविंदा सिर्फ कॉमेडी तक सीमित नहीं रहे। उनका डांसिंग स्टाइल भी उतना ही अनोखा था। जहां एक ओर मिथुन चक्रवर्ती और ऋतिक रोशन जैसे डांसर तकनीकी मूव्स में माहिर थे, वहीं गोविंदा का डांस आम आदमी से जुड़ा हुआ था — मस्तीभरा, फ्री-फ्लो और एनर्जी से भरा हुआ।

फिल्मी करियर के साथ गोविंदा ने राजनीति में भी अपनी किस्मत आजमाई। 2004 में उन्होंने कांग्रेस पार्टी के टिकट पर मुंबई नॉर्थ सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा और बीजेपी के राम नाइक को हराकर सांसद बने। हालांकि राजनीति में वे ज़्यादा समय नहीं दे सके। काम का दबाव और फिल्मों से दूरी ने उन्हें राजनीति से दूर कर दिया।

गोविंदा की पर्सनल लाइफ भी दिलचस्प रही है। उन्होंने साल 1987 में सुनीता से शादी की, जो उनकी चाची के रिश्ते में जुड़ी थीं। दोनों की मुलाकात तब हुई जब गोविंदा अभी फिल्म इंडस्ट्री में स्ट्रगल कर रहे थे। सुनीता मॉडर्न और स्टाइलिश लड़की थीं, जबकि गोविंदा देसी और शर्मीले स्वभाव के। दोनों के बीच काफी मतभेद भी रहे, लेकिन प्यार ने जीत हासिल की। दोनों के दो बच्चे हैं — नर्मदा (टीना आहुजा) और यशवर्धन आहुजा। टीना ने फिल्मों में भी कदम रखा, लेकिन गोविंदा की तरह सफलता नहीं पा सकीं। यश भी स्क्रीन का हिस्सा हैं।

साथ ही, गोविंदा की कुल नेटवर्थ की बात करें तो, ये 120-130 करोड़ रुपये (लगभग 15 मिलियन डॉलर) के आसपास मानी जाती है। उनकी कमाई फिल्मों, ब्रांड एंडोर्समेंट और रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट से आती है। मुंबई में उनका एक शानदार बंगला है, साथ ही उन्होंने विरार और गोरेगांव में कई प्रॉपर्टी में निवेश किया है।

बहरहाल, आज गोविंदा फिल्मों में भले ही कम नजर आते हों, लेकिन सोशल मीडिया पर उनकी जबरदस्त फैन फॉलोइंग है। उनके पुराने गाने और डांस वीडियो अब भी वायरल होते हैं। वो कभी-कभी इवेंट्स और अवॉर्ड शो में परफॉर्म करते हैं।

Related Articles

Back to top button