बांग्लादेश में हिंसा के बाद बंगाल में बवाल

भाजपा व टीएमसी में वार-पलटवार, मिथुन के बयान पर घमासान

टीएमसी बोली- ध्रुवीकरण से भाजपा ऑनलाइन डर फैला रही है

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
कोलकाता। पश्चिम बांग्लादेश बनाने का आरोप लगाते हुए सियासी घमासान छेड़ दिया है, जिसे बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमलों के विरोध पर पुलिस कार्रवाई से जोड़ा गया है। टीएमसी ने इसे पश्चिम बंगाल चुनाव से पहले ध्रुवीकरण की भाजपा की ऑनलाइन डर फैलाने वाली रणनीति करार दिया, और भाजपा शासित राज्यों में बंगाली समुदाय पर हमलों पर उनकी चुप्पी पर सवाल उठाया। यह जुबानी जंग बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार के मुद्दे को लेकर पश्चिम बंगाल की राजनीति में गहरी सांप्रदायिक खाई दर्शाती है।
12 दिसंबर को रिक्शा में यात्रा कर रहे शरीफ उस्मान हादी की गोली मारकर हत्या के बाद बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय पर हो रहे हमलों के बीच, भारत में भाजपा और टीएमसी के बीच जुबानी जंग छिड़ गई है। पश्चिम बंगाल भाजपा के आधिकारिक हैंडल पर एक वीडियो पोस्ट किया गया, जिसमें भाजपा नेता मिथुन चक्रवर्ती ने कहा कि पार्टी टीएमसी को पश्चिम बंगाल को पश्चिम बांग्लादेश नहीं बनने देगी। कोलकाता में बांग्लादेश के उप उच्चायोग परिसर के पास पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा कथित लाठीचार्ज का जिक्र करते हुए चक्रवर्ती ने कहा, यह बंगाली हिंदुओं का राज्य है। अगर इसे बांग्लादेश बना दिया गया, तो हम कहां जाएंगे? चक्रवर्ती ने कहा, हम टीएमसी को पश्चिम बंगाल को पश्चिम बांग्लादेश नहीं बनाने देंगे!

पूरे भारत में भाजपा शासन के तहत बंगालियों को पीटा जा रहा है

इन आरोपों का जवाब देते हुए, टीएमसी ने विभिन्न राज्यों में बंगाली समुदाय पर हुए हमलों का जिक्र किया और भाजपा पर पश्चिम बंगाल में जनमत को प्रभावित करने के लिए बांग्लादेश की स्थिति का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया। टीएमसी ने कहा कि जो लोग ‘पश्चिम बांग्लादेश’ चिल्ला रहे हैं, उन्हें पहले एक सवाल का जवाब देना चाहिए, पूरे भारत में भाजपा शासन के तहत बंगालियों को क्यों पीटा और लिंच किया जा रहा है? आप बांग्लादेश का इस्तेमाल बंगाल में लोगों के दिमाग में जहर घोलने के लिए कर रहे हैं, जबकि भाजपा शासित राज्य बिना किसी सजा के बंगालियों का खून बहा रहे हैं।

अभिषेक बनर्जी ने पेश की विजय योजना 2 जनवरी से शुरू करेंगे जमीनी दौरा

बंगाल में 2026 में विधानसभा चुनाव होने हैं। इससे पहले, तृणमूल कांग्रेस के अखिल भारतीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने संगठन की नींव को और मजबूत करने के लिए एक बड़ा राजनीतिक संदेश दिया। कोलकाता में पार्टी की विशाल संगठनात्मक बैठक में, उन्होंने 5,000 से अधिक नेताओं और कार्यकर्ताओं के सामने तृणमूल की रणनीति और विजय योजना प्रस्तुत की। अभिषेक बनर्जी 2 जनवरी को बारुईपुर, 3 जनवरी को जलपाईगुड़ी, 4 जनवरी को बीरभूम, 5 जनवरी को बिष्णुपुर, 7 जनवरी को इटाहार, 8 जनवरी को मालदा, 13 जनवरी को कूच बिहार और 15 जनवरी को कांथी जाएंगे। पार्टी सूत्रों के अनुसार, विधानसभा चुनाव अगले साल अप्रैल के आसपास होंगे। इसलिए तृणमूल कांग्रेस ने अभी से पूरी तैयारी शुरू कर दी है। 2021 में तृणमूल कांग्रेस ने राज्य की 294 सीटों में से 215 सीटें जीती थीं। सांसद अभिषेक ने निर्देश दिया है कि इस बार लक्ष्य उस परिणाम को पार करना और जीत के अंतर को और बढ़ाना है। अभिषेक का भाषण मुख्य रूप से तीन मुद्दों पर केंद्रित था – पहला, मतदाता सूची में संशोधन करना, दूसरा, भाजपा का राजनीतिक रूप से सामना करना, और तीसरा, उन्होंने लोगों का विश्वास बनाए रखने के तरीके बताए। ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस (एआईटीसी) के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने शुक्रवार को क्रिसमस पर ईसाइयों के खिलाफ लक्षित हमलों की घटनाओं के बाद दक्षिणपंथी उग्रवाद में वृद्धि के लिए केंद्र सरकार को घेरा। गुजरात दंगों के बाद आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने एक पोस्ट में यह बात कही। बनर्जी ने दलितों, अनुसूचित जनजातियों और अल्पसंख्यकों पर बढ़ते हमलों का मुद्दा उठाया और केंद्र पर भारत के माहौल को जानबूझकर दूषित करने का आरोप लगाया।

राष्ट्रीय स्तर पर भी जन अभियान चलाएगी कांग्रेस

लोकतांत्रिक अधिकारों को सीमित करने की सोची-समझी साजिश है एसआईआर : खरगे
सीडब्लूसी की बैठक में पहुंचे सभी नेता, राहुल,सोनिया भी रहे मौजूद

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। शनिवार को नई दिल्ली में कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक हुई। इस बैठक में मनरेगा की जगह लाए गए वीबी-जी राम जी कानून के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन की रणनीति पर चर्चा हुई। पार्टी ने इस कानून के बड़े पैमाने पर विरोध का फैसला किया है। इस बैठक में पार्टी के लगभग सभी वरिष्ठ नेता शामिल हुए। इस बैठक में मनरेगा की जगह नया कानून लाने, अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों की रणनीति पर भी बात हुई।
कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में सोनिया गांधी, राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे शामिल हुए। कांग्रेस सांसद शशि थरूर भी कार्यसमिति की बैठक में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे। कार्यसमिति की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, सूची का गहन पुनरीक्षण एक गंभीर मुद्दा है। यह लोकतांत्रिक अधिकारों को सीमित करने की सोची-समझी साजिश है। खरगे ने मनरेगा की जगह नया कानून लाने पर भी नाराजगी जाहिर की और कहा, यह हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है कि हम मनरेगा को लेकर ठोस रणनीति बनाएं और इसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर भी जन अभियान चलाएं।

रोजगार गारंटी योजना के खिलाफ देशभर में विरोध प्रदर्शन की बनेगी रणनीति

बैठक में मौजूदा राजनीतिक हालात और सरकार के खिलाफ कांग्रेस के एक्शन प्लान पर भी चर्चा हुई। साथ ही मनरेगा की जगह लाए गए नए कानून विकासशील भारत-गारंटी फॉर रोजगार एंड अजीविका मिशन (ग्रामीण) यानी वीबी-जी राम जी एक्ट के खिलाफ रणनीति भी तय की गई। कांग्रेस ने संकेत दिया है कि इस कानून के विरोध में देशभर में आंदोलन और प्रदर्शन किए जाएंगे।

अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों पर भी चर्चा

बैठक में कांग्रेस शासित राज्यों- तेलंगाना, कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री भी मौजूद रहे। इनके अलावा प्रदेश कांग्रेस कमेटियों के प्रमुखों ने भी बैठक में हिस्सा लिया। अगले साल असम, केरल, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और पुडुचेरी में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में कार्यसमिति की बैठक में इन चुनाव की रणनीति पर भी चर्चा हुई।

बैठक में शामिल हुए कई दिग्गज नेता

इस बैठक में छत्तीसगढ़ के प्रभारी महासचिव सचिन पायलट के अलावा कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया भी शामिल होने पहुंचे हैं। इसके अलावा इस बैठक में उत्तर प्रदेश के प्रभारी महासचिव अविनाश पांडे, तेलंगाना की प्रभारी मीनाक्षी नटराजन, राजस्थान के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा, कांग्रेस के कम्युनिकेशन डिपार्टमेंट के प्रभारी महासचिव जयराम रमेश और हरियाणा के प्रभारी बीके हरिप्रसाद भी शामिल होने दिल्ली पहुंचे हैं।

बिहार चुनाव में हार के बाद पहली बैठक

इसके अलावा प्रदेश कांग्रेस कमेटियों (पीसीसी) के अध्यक्ष भी इस बैठक में शामिल होने पहुंचे हैं। दरअसल ये बैठक इसलिए भी खास मानी जा रही है क्योंकि बिहार चुनाव में हार के बाद ये सीडब्ल्यूसी की पहली बैठक है, बता दें कि 2026 में असम, केरल, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और पुडुचेरी में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले पार्टी की रणनीति पर भी चर्चा होने की उम्मीद है।

बिहार के रोहतास रोपवे हादसे पर विपक्ष ने नीतीश सरकार को घेरा

राजद बोली- भगवान ने सैकड़ों मासूमों को बचा लिया

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
पटना। बिहार के रोहतास जिले में हुए रोपवे हादसे पर अब प्रदेश की सियासत गरमा गई है, प्रदेश के प्रमुख सियासी दल राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने एक्स पोस्ट (पूर्व में ट्वीटर) के जरिये राज्य की नीतीश कुमार सरकार पर बड़ा हमला बोला है. राजद ने सरकार पर कमीशनखोरी जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं।
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के ऑफिशियल एक्स हैंडल से रोहतास रोपवे हादसे को लेकर सरकार पर हमला बोला गया है। वहीं इस हादसे को लेकर अधिकारियों ने कहा कि ट्रायल के समय रोपवे से जुड़ा एक टावर भी क्षतिग्रस्त हो गया। इस हादसे में चार ट्रॉलियाों को भी नुकसान पहुंचा है। अधिकारियों ने कहा कि मौके पर मौजूद मजदूरों ने समय रहते सावधानी दिखाते हुए खुद को सुरक्षित बचा लिया। राजद ने एक्स पोस्ट में लिखा,भाजपा नीतीश सरकार की कमीशनखोरी की भेंट चढ़ा एक और परियोजना। रोहतास में नवनिर्मित रोप वे हुआ ध्वस्त। दरअसल, बीते 26 दिसंबर को रोहतास जिले में रोहतासगढ़ किला और रोहितेश्वर धाम को जोडऩे वाले नवनिर्मित रोपवे का परीक्षण के दौरान हिस्सा ध्वस्त हो गया। चार ट्रॉलियां और एक टावर क्षतिग्रस्त हुए है। हालांकि, गनीमत की बात यह रही है कि इस घटना में कोई जानमाल का नुकसान नहीं हुआ।

ट्रायल रन में करोड़ों स्वाहा

आरजेडी ने आगे कहा कि, ट्रायल रन में ही करोड़ों स्वाहा। 1 जनवरी को आम जनता के लिए यह रोप वे खोला जाने वाला था। ईश्वर ने सरकार में बैठे भ्रष्ट भूखे भेडिय़ों से सैकड़ों मासूम जानों को बचा लिया।

ट्रायल सफल होने के बाद ही होगा रोपवे का संचालन

बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड के वरिष्ठ अभियंता खुर्शीद करीम ने कहा कि मामले की जांच के लिए कोलकाता से विशेषज्ञों की एक टीम आ रही है। यह भी कहा है कि जब तक सभी ट्रायल सफल नहीं हो जाते और अधिकारी पूरी तरह संतुष्ट नहीं होते है. तब तक रोपवे को आम लोगों के लिए संचालित नहीं किया जाएगा।

 

जम्मू-कश्मीर में प्रदर्शनकारियों ने एलजी का पुतला जलाया

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
श्रीनगर। श्री माता वैष्णो देवी संघर्ष समिति के सदस्यों ने शनिवार को जम्मू के लोक भवन के बाहर श्री माता वैष्णो देवी मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के विरोध में प्रदर्शन किया।
प्रदर्शनकारियों ने जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा का पुतला जलाया। उन्होंने वैष्णो देवी के झंडे लहराए और मेडिकल कॉलेज में प्रवेश रद्द करने की अपनी मांग को दोहराते हुए लेफ्टिनेंट गवर्नर, वापस जाओ, वापस जाओ के नारे लगाए। एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि अधिकारी उनके धैर्य की परीक्षा ले रहे हैं और उन्होंने अपनी मांगों को फिर से दोहराया।

दिल्ली में फिर धुंध ही धुंध, वायु गुणवत्ता दोबारा ‘बहुत खराब’

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, शनिवार सुबह 9 बजे दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक गिरकर 355 दर्ज किया गया। सीपीसीबी के वर्गीकरण के मुताबिक 0-50 ‘अच्छा’, 51-100 ‘संतोषजनक’, 101-200 ‘मध्यम’, 201-300 ‘खराब’, 301-400 ‘बहुत खराब’ और 401-500 ‘गंभीर’ श्रेणी मानी जाती है।
शनिवार को दिल्ली की सुबह एक बार फिर धुंध और स्मॉग से ढकी हुई रही। सप्ताह की शुरुआत में वायु गुणवत्ता में कुछ सुधार के संकेत मिलने के बाद, राष्ट्रीय राजधानी में हवा की स्थिति फिर बिगडक़र ‘बहुत खराब’ श्रेणी में पहुंच गई।
कुल मिलाकर शहर की हवा की गुणवत्ता में साफ गिरावट देखी गई। शुक्रवार शाम 4 बजे 24 घंटे का औसत ्रक्तढ्ढ 332 दर्ज किया गया, जो गुरुवार के 234 की तुलना में काफी अधिक था। मौसम विभाग के अधिकारियों ने प्रदूषण में इस बढ़ोतरी का कारण पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से जुड़ी शांत हवाओं को बताया है। इससे पहले शुक्रवार सुबह 9 बजे दिल्ली का एक्यूआईसुधरकर 220 (खराब) पर आ गया था और राजधानी के कई इलाकों में हवा ‘मध्यम’ श्रेणी में पहुंच गई थी।

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