AAP ने निकाय चुनाव की तैयारियां की तेज | अहमदाबाद में ‘डोर टू डोर’ अभियान की बैठक
आम आदमी पार्टी ने आगामी निकाय चुनावों को लेकर अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं... अहमदाबाद में पार्टी ने डोर टू डोर जनसंपर्क अभियान...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः गुजरात के अहमदाबाद शहर में स्थानीय निकाय चुनावों की तैयारियां जोरों पर हैं.. दिसंबर 2025 में आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता.. गोपाल राय ने अहमदाबाद महानगरपालिका के पदाधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की.. जिसमें डोर टू डोर अभियान पर विशेष ध्यान दिया गया.. यह बैठक आगामी चुनावों के लिए रणनीति बनाने का हिस्सा थी.. जहां मतदाताओं तक सीधे पहुंचने की योजना पर चर्चा हुई.. गुजरात में स्थानीय चुनावों का इतिहास बताता है कि.. ये चुनाव राजनीतिक दलों के लिए महत्वपूर्ण होते हैं.. क्योंकि ये राज्य स्तर की राजनीति को प्रभावित करते हैं.. फरवरी 2025 में हुए स्थानीय चुनावों में भाजपा ने बड़ी जीत हासिल की थी.. लेकिन अब 2026 में होने वाले AMC चुनावों की तैयारियां शुरू हो गई हैं..
आपको बता दें कि अहमदाबाद गुजरात का सबसे बड़ा शहर.. हमेशा से राजनीतिक गतिविधियों का केंद्र रहा है.. यहां की महानगरपालिका में 192 सीटें हैं.. और चुनाव हर पांच साल में होते हैं.. पिछले चुनाव 2021 में हुए थे.. जहां भाजपा ने 159 सीटें जीतीं.. जबकि कांग्रेस को 25 और AAP को 2 सीटें मिलीं.. अब 2026 के चुनावों की तैयारियां चल रही हैं.. और दलों ने मतदाता सूची की जांच से लेकर प्रचार अभियान तक सब पर काम शुरू कर दिया है.. राज्य चुनाव आयोग ने दिसंबर 2025 में मतदाता सूची के विशेष गहन संशोधन अभियान को पूरा किया.. जिसमें 45 दिनों में नए मतदाताओं को जोड़ा गया.. और पुरानी सूची को अपडेट किया गया.. इस अभियान के बाद गुजरात में मतदाताओं की संख्या 4.34 करोड़ हो गई है.. यह अभियान चुनावों की निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है.. क्योंकि इसमें नए पंजीकरण, हटाव और संशोधन शामिल होते हैं..
AAP की बैठक का मुख्य फोकस डोर टू डोर अभियान पर था.. गोपाल राय दिल्ली के विधायक और AAP के वरिष्ठ नेता हैं.. ने 20 दिसंबर 2025 को अहमदाबाद में यह बैठक की.. बैठक में AMC के पदाधिकारियों ने भाग लिया.. और चर्चा हुई कि कैसे घर-घर जाकर मतदाताओं से संपर्क किया जाए.. गोपाल राय ने कहा कि यह अभियान पार्टी की रणनीति का मुख्य हिस्सा है.. जिसमें स्थानीय मुद्दों जैसे पानी, बिजली, सफाई.. और विकास पर जोर दिया जाएगा.. और उन्होंने गुजरात में AAP की मजबूती पर जोर देते हुए कहा कि दिल्ली मॉडल को यहां लागू करने की योजना है.. बैठक में वीडियो और फोटो साझा किए गए.. जिसमें पदाधिकारी अभियान की योजना बनाते दिख रहे हैं.. यह बैठक AAP की गुजरात इकाई के लिए प्रेरणा स्रोत बनी.. जहां कार्यकर्ताओं को निर्देश दिए गए कि वे कम से कम पांच बार हर घर जाएं..
गुजरात में स्थानीय निकाय चुनावों की तैयारियां हमेशा से व्यापक होती हैं.. फरवरी 2025 में हुए चुनावों में जूनागढ़ महानगरपालिका, 66 नगरपालिकाओं.. और तीन तालुका पंचायतों में वोटिंग हुई थी.. उस समय भाजपा ने 1608 सीटें जीतीं.. जबकि कांग्रेस को 470 और AAP को 27 सीटें मिलीं.. इन चुनावों में OBC आरक्षण को 10% से बढ़ाकर 27% किया गया था.. जो जस्टिस केएस झावेरी कमीशन की सिफारिश पर आधारित था.. AMC में 192 सीटों में से 96 महिलाओं के लिए आरक्षित हैं.. 20 SC, 2 ST और 52 OBC के लिए है.. यह बदलाव चुनावों को अधिक समावेशी बनाता है..
AAP गुजरात में अपनी पैठ बढ़ाने के लिए सक्रिय है.. जुलाई 2025 में अरविंद केजरीवाल ने घोषणा की कि AAP गुजरात में डोर टू डोर अभियान चलाएगी.. जहां हर घर में कम से कम पांच बार कार्यकर्ता जाएंगे.. पार्टी ने आम नागरिकों को चुनाव लड़ने के लिए आवेदन मंगवाए.. और PDF फॉर्म व्हाट्सएप पर उपलब्ध कराए.. गुजरात AAP अध्यक्ष इसुदान गढ़वी और महासचिव मनोज सोरठिया ने युवाओं को आगे आने का आह्वान किया.. फरवरी 2025 में AAP ने कई जगहों पर डोर टू डोर प्रचार किया.. जैसे जामनगर, जूनागढ़ और पाटण में कंपेन किया गया.. सुरेंद्रनगर की थान नगरपालिका में गोपाल इटालिया ने कार्यकर्ताओं के साथ अभियान चलाया..
आपको बता दें कि भाजपा भी तैयारियों में पीछे नहीं है.. दिसंबर 2025 में SIR अभियान को रोक दिया गया.. क्योंकि चुनाव नजदीक हैं.. भाजपा ने फरवरी 2025 चुनावों में कई सीटें बिना विरोध के जीतीं.. जिसमें भाचाऊ, जाफराबाद और हलोल नगरपालिका शामिल है.. पार्टी ने मुस्लिम उम्मीदवारों को भी टिकट दिए.. और चुनावों में मुस्लिम विजेताओं की संख्या बढ़ी.. अमित शाह ने 2017 में गुजरात में डोर टू डोर अभियान शुरू किया था.. जो अब भी जारी है..
आपको बता दें कि निगम चुनाव को लेकर कांग्रेस की तैयारियां भी चल रही हैं.. फरवरी 2025 में उन्होंने कई शिकायतें दर्ज कीं.. जिसमें मतदाता सूची में गड़बड़ी और धमकियां शामिल थी.. लेकिन भाजपा ने इन आरोपों को खारिज किया.. कांग्रेस ने गुजरात में OBC आरक्षण बढ़ाने का समर्थन किया.. लेकिन चुनावों में कम सीटें जीतीं..
डोर टू डोर अभियान चुनावों का महत्वपूर्ण हिस्सा है.. यह मतदाताओं से सीधा संवाद स्थापित करता है.. और स्थानीय मुद्दों को हल करने में मदद करता है.. गुजरात में यह अभियान पहले भी सफल रहा है.. जैसे 2022 में AAP ने इसका इस्तेमाल किया.. वहीं अब AAP इसे गुजरात में मजबूत करने की कोशिश कर रही है.. जहां भाजपा का दबदबा है.. अभियान में कार्यकर्ता घर-घर जाकर पार्टी की नीतियां बताते हैं.. जिसमें मुफ्त बिजली, पानी और शिक्षा समेत तमाम बुनियादी मुद्दे शामिल हैं..



