देश का सबसे बड़ा बैंक फ्रॉड, इस कंपनी ने 28 बैकों को लगाया 22,842 करोड़ रुपए का चूना
Country's biggest bank fraud, this company defrauded 28 banks of Rs 22,842 crore
4पीएम न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली। देश का सबसे बड़े बैंकिंग फ्रॉड का मामला सामने आया है। सीबीआई ने एबीजी शिपयार्ड और उसके निदेशकों के खिलाफ 28 बैंकों को 22,842 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी करने के आरोप में एफआईआर दर्ज की है। सीबीआई ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, वर्ल्ड ट्रेड सेंटर, कफे परेड, कोलाबा मुंबई ब्रांच के डीजीएम बालाजी सिंह समानता की शिकायत पर मेसर्स एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड, मगदला विलेज, ऑफ डुमास रोड, सूरत, गुजरात कंपनी, ऋषि कमलेश अग्रवाल, चेयरमैन एंड मैनेजिंग डायरेक्टर, गारंटर संथानम मुथास्वामी, एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर अश्वनी कुमार, डायरेक्टर सुशील कुमार अग्रवाल, डायरेक्टर रवि विमल निवेदिता, डायरेक्टर मेसर्स एबीजी इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड कंपनी और अज्ञात सरकारी लोगों के खिलाफ आपराधिक साजिश, चीटिंग, क्रिमिनल बीच ऑफ ट्रस्ट, पोस्ट का दुरुपयोग करके कॉन्सॉर्टियम ऑफ बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, ई स्टेट बैंक ऑफ पटियाला ( मौजूदा स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ), ई स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर (मौजूदा स्टेट बैंक ऑफ इंडिया) जिसे आईसीआईसी बैंक लीड कर रहा था, टोटल 22,842 करोड़ रुपए का नुकसान पहुंचाने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है।
CBI has registered an FIR against ABG Shipyard and its directors for allegedly cheating 28 banks of Rs 22,842 crores. The company is engaged in shipbuilding and ship repair. Its shipyards are located in Dahej and Surat in Gujarat: CBI official
— ANI (@ANI) February 12, 2022
शिकायत में मौजूद आरोप और फैक्ट्स के मुताबिक आईपीसी 120बी, 409, 420 और 13(2), 13(1) (d), ऑफ प्रिवेंशन औ करप्शन एक्ट के तहत (1) एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड, (2) ऋषि कमलेश अग्रवाल, (3) संथानम मुथोस्वामी, (4) अश्वनी कुमार, (5) सुशील कुमार अग्रवाल, (6) रवि विमल निवेतिया, (7) मेसर्स एबीजी इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड, (8) अज्ञात पब्लिक सर्वेंट और प्राइवेट लोगों के खिलाफ सीबीआई ने मुकदमा दर्ज किया है और सीबीआई के पीआई नई दिल्ली कमलेश चंद्र तिवारी को जांच करने के लिए आदेश दिया गया है।
बैंकों के संघ ने सबसे पहले आठ नवंबर 2019 को शिकायत दर्ज कराई थी, जिस पर सीबीआई ने 12 मार्च 2020 को कुछ स्पष्टीकरण मांगा था। बैंकों के संघ ने उस साल अगस्त में एक नई शिकायत दर्ज की और डेढ़ साल से अधिक समय तक जांच करने के बाद सीबीआई ने इस पर कार्रवाई की। अधिकारी ने कहा कि कंपनी को एसबीआई के साथ ही 28 बैंकों और वित्तीय संस्थानों ने 2468.51 करोड़ रुपए के ऋण को मंजूरी दी थी। उन्होंने कहा कि फॉरेंसिक ऑडिट से पता चला है कि वर्ष 2012-17 के बीच आरोपियों ने कथित रूप से मिलीभगत की और अवैध गतिविधियों को अंजाम दिया, जिसमें धन का दुरुपयोग और आपराधिक विश्वासघात शामिल है।
सीबीआई के एक अधिकारी ने कहा कि कंपनी जहाज निर्माण और जहाज की मरम्मत का काम करती है। इसके शिपयार्ड गुजरात के दहेज और सूरत में स्थित है। इस बीच 22,842 करोड़ रुपए के बैंक धोखाधड़ी मामले में सीबीआई मुंबई में एबीजी शिपयार्ड से जुड़ी कई जगहों पर छापेमारी कर रही है।