अखिलेश का लोक सभा की सदस्यता से इस्तीफा
इस्तीफे से पहले अपने संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ की जनता को दिया था धन्यवाद
- विधान सभा चुनाव में करहल सीट से विधायक चुने गए हैं सपा प्रमुख
- एमएलसी चुनाव और प्रदेश की राजनीति पर पूरा फोकस करने की तैयारी
- स्पीकर ओम बिरला को सपा प्रमुख ने सौंपा त्यागपत्र
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने आज लोक सभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। अखिलेश आजमगढ़ लोक सभा सीट से सांसद रहे हैं। हाल में हुए विधान सभा चुनाव में अखिलेश मैनपुरी की करहल सीट से विधायक बने हैं। उन्हें सांसदी या विधायकी में से एक छोडऩी थी। माना जा रहा है कि एमएलसी चुनाव और प्रदेश की राजनीति पर पूरा फोकस करने के लिए सपा प्रमुख ने यह फैसला लिया है।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव आज लोक सभा पहुंचे। यहां वह स्पीकर ओम बिरला से मिले और अपना इस्तीफा सौंप दिया। अब अखिलेश यादव यूपी विधान सभा में विपक्ष के नेता बन सकते हैं यानी अब भाजपा सरकार के खिलाफ अखिलेश यादव सदन से लेकर सडक़ तक की लड़ाई की अगुवाई करेंगे। सांसदी छोडऩे के फैसले से पहले अखिलेश सोमवार को अपने संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ पहुंचे थे। यहां उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं, कार्यकर्ताओं के अलावा समाज के अलग-अलग तबकों के लोगों से मुलाकात की थी। इससे पहले अखिलेश करहल गए थे और वहां भी नेताओं और कार्यकर्ताओं से मिलकर चर्चा की थी। उन्होंने कार्यकर्ताओं से पूछा था कि आगे क्या करना चाहिए? आजमगढ़ की संसदीय सीट या करहल की विधान सभा सीट के छोडऩे के सवाल पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा था कि यह पार्टी के नेताओं के साथ बैठक कर तय किया जाएगा। माना जा रहा है कि अब वह अपना पूरा ध्यान एमएलसी चुनाव पर लगाने वाले हैं। अखिलेश यादव ने कहा कि एमएलसी चुनाव बड़ी चुनौती है। इसमें प्रशासन से भी लडऩा है। इससे पहले उन्होंने आजमगढ़ की जनता को धन्यवाद देते हुए कहा था कि इस जिले का परिणाम ऐतिहासिक रहा है। भाजपा की कोशिश रही कि आजमगढ़ में सपा को पीछे कर दे लेकिन यहीं से उन्हें हार का सामना करना पड़ा। दसों विधान सभा सीटें सपा को मिलीं। हमारी सरकार भले ही न बनी हो लेकिन हम हारे नहीं हैं।
आजम खान ने भी छोड़ी सांसदी
अखिलेश के अलावा सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान ने भी लोक सभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। आजम खान रामपुर लोक सभा सीट से सांसद थे। हाल में आजम खान ने रामपुर विधान सभा सीट से चुनाव जीता है। आजम ने इस बार का विधान सभा चुनाव जेल के अंदर से लड़ा और जीता। इससे पहले वह 2019 के लोक सभा चुनाव में रामपुर संसदीय सीट से चुनाव लड़े और जीते थे। गौरतलब है कि अखिलेश यादव और आजम खान के इस्तीफे के बाद अगले छह महीने के अंदर आजमगढ़ और रामपुर लोक सभा सीट पर उपचुनाव होगा।
लोक सभा में अब सपा के तीन सांसद
लोक सभा में अब सपा के सांसदों की संख्या तीन हो गई है। मैनपुरी से मुलायम सिंह यादव, मुरादाबाद से एसटी हसन और संभल से शफीकुर्रहमान बर्क लोक सभा में सपा का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
चुनाव बाद जनता को महंगाई का झटका, राज्य सभा में विपक्ष का हंगामा
- पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की कीमतों में फिर किया गया इजाफा
- कांग्रेस, टीएमसी समेत विभिन्न दल चर्चा की कर रहे हैं मांग, कार्यवाही बाधित
- एक हजार के करीब पहुंचा एलपीजी सिलेंडर, लोक सभा में स्थगन प्रस्ताव
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। पांच राज्यों में विधान सभा चुनाव संपन्न होने के बाद जनता को महंगाई का झटका लगा है। आज पेट्रोल-डीजल समेत रसोई गैस के दामों में फिर इजाफा हुआ। देश में बढ़ती महंगाई को लेकर रा’य सभा में विपक्ष ने हंगामा किया। इससे सदन की कार्यवाही बाधित हुई।
राज्य सभा का सत्र शुरू होते ही टीएमसी, शिवसेना और कांग्रेस ने बढ़ी कीमतों को लेकर चर्चा की मांग की। रा’य सभा के चेयरमैन वेंकैया नायडू ने विपक्षी सदस्यों की मांग को खारिज कर दिया। इस पर विपक्ष ने हंगामा किया। हंगामे के चलते रा’य सभा की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। कांग्रेस सांसद मनिकम टैगोर ने लोक सभा में स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया। आज पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 80 पैसे प्रति लीटर जबकि घरेलू एलपीजी सिलेंडर की कीमत में 50 रुपये का इजाफा किया गया है। अब 14.2 किलोग्राम के एलपीजी सिलेंडर की कीमत 949.50 रुपये हो गई है। इस पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने ट्वीट किया, जनता को दिया भाजपा सरकार ने महंगाई का एक और उपहार। लखनऊ में रसोई गैस सिलेंडर हुआ हजार के पास और पटना में हजार के पार।’ ‘चुनाव खत्म, महंगाई शुरू।’
पता नहीं इन्हें कौन जिताकर लाया, जनता तो नहीं लाई होगी : जया ब‘चन
पेट्रोल-डीजल और एलपीजी गैस सिलेंडर के दाम बढऩे पर समाजवादी पार्टी से रा’य सभा सांसद जया ब‘चन ने मोदी सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि ये सरकार इसी तरह करती है, अखिलेश यादव ने अपने कैंपेन में बार-बार ये ही कहा कि आप लोग सतर्क हो जाएं, दाम चुनाव के बाद बढऩे वाले हैं। पता नहीं इन्हें कौन जिताकर लाया, जनता तो नहीं लाई होगी।