एग्जाम के तनाव से बचने का मोदी मंत्र : ऑनलाइन या ऑफलाइन पढ़ाई नहीं, मन का भटकना है समस्या

नई दिल्ली। पीएम मोदी परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम के 5वें संस्करण में विद्यार्थियों को एग्जाम के तनाव से बचने के गुर बता रहे हैं। पीएम मोदी ने छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों से बातचीत की शुरुआत में कहा कि कोरोना के कारण पिछले साल आपसे मिल नहीं पाया, लेकिन इस बार मिलकर अच्छा लग रहा है। परीक्षा से पहले भय और नंबर कम आने से जुड़े प्रश्नों पर पीएम मोदी ने कहा कि परीक्षा जीवन का सहज हिस्सा है। यह आपकी विकास यात्रा का हिस्सा है। आप कई बार एग्जाम दे चुके हैं। परीक्षा के अनुभवों को अपनी ताकत बनाएं। तो आप करते हैं उसमें विश्वास भरें। परीक्षा जीवन का एक पड़ाव भर है। पीएम मोदी ने कहा कि माध्यम चाहे ऑनलाइन हो या ऑफलाइन, मन समस्या है। मन लगना चाहिए। मन से पढ़ेंगे तो ध्यान नहीं भटकेगा। जीवन में माध्यम बदलते रहते हैं। ऑनलाइन पाने के लिए है और ऑफलाइन बनने के लिए है। मुझे कितना ज्ञान अर्जित करना है मैं अपने मोबाइल फोन पर ले आऊंगा, जो मैंने वहां पाया है ऑफलाइन में मैं उसे पनपने का अवसर दूंगा। ऑनलाइन का अपना आधार मजबूत करने के लिए उपयोग करें और ऑफलाइन में जाकर उसे साकार करना है। ऑनलाइन को एक अवसर मानिए। पीएम मोदी ने कहा कि जितना आइपैड, मोबाइल फोन के अंदर घुसने में आनंद आता है, उससे हजार गुना आनंद अपने भीतर घुसने का होता है। दिन भर में कुछ पल ऐसे निकालिए, जब आप ऑनलाइन भी नहीं होंगे, ऑफलाइन भी नहीं होंगे बल्कि इनरलाइन होंगे। जितना अपने अंदर जाएंगे, आप अपनी ऊर्जा को अनुभव करेंगे।

अपने सपनों को माता-पिता बच्चों पर न थोपें
पीएम मोदी ने कहा कि अक्सर देखते में आता है कि माता-पिता अपने सपनों और अपेक्षाओं को बच्चों पर थोपते हैं। सभी पेरेंट्स व टीचरों को कहना चाहूंगा बच्चों की स्ट्रेंथ को पहचानें, यह आपकी कमी है कि आप उसकी ताकत को समझ नहीं पा रहे हैं। दूरी वही से बन जाती है। अपने सपनों को माता-पिता बच्चों पर न थोपें।

किसानों को उपलब्ध कराया जाएगा डिजिटल जे-फार्म : मान

चंडीगढ़। पारदर्शिता और किसानों के सशक्तिकरण को यकीनी बनाने के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान का नेतृत्व वाली सरकार ने राज्यभर में किसानों को आज से डिजिटल जे-फार्म उपलब्ध करवाने का फैसला किया है। पंजाब मंडी बोर्ड (पीएमबी) की इस नई पहलकदमी के बारे में बताते हुए सीएम भगवंत मान ने कहा कि इस फैसले से 9 लाख से अधिक रजिस्टर्ड किसानों को फायदा होगा। मान ने कहा कि किसानों को मंडियों में बेची जाने वाली कृषि उपजों के लिए जे-फॉर्म आढ़तियों और खरीदारों द्वारा सिस्टम पर बिक्री की पुष्टि के बाद डिजिटल रूप से साथ ही उनके वाट्सएप पर मुहैया किए जाएंगे। इस किसान हितैषी प्रयास को ऐतिहासिक करार देते हुए भगवंत मान ने कहा कि इस कदम का उद्देश्य राज्य के किसानों को सिस्टम द्वारा तैयार प्रामाणिक डिजिटल जे-फार्म साथ के साथ मुहैया करना है, जो इसको पीएमबी की वेबसाइट के लागिन आइडी और डिजीलाकर से, भारत सरकार के डिजिटल दस्तावेज वैलेट से भी डाउनलोड कर सकते हैं। गौरतलब है कि जे-फार्म मंडियों में किसानों की कृषि उपज की बिक्री की रसीद है और पहले आढतियों द्वारा हाथों से जारी किया जाता था। रबी और खरीफ की फसल के मंडीकरण सीजन 2021-22 के दौरान ई-जे-फार्म (केवल न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदे गए धान और गेहूं के लिए) जारी करके पंजाब मंडी बोर्ड देश भर में अग्रणी है। मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रवक्ता के अनुसार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदे गए धान और गेहूं के लिए यह डिजिटल जे-फार्म हर समय पर उपलब्ध होंगे। प्रामाणिकता को सुनिश्चित बनाने के लिए, डिजिटल जे-फार्म क्यूआर कोड, वाटरमार्क और यूनिक नंबर के साथ आता है।

केजरीवाल के आवास पर हमले का जवाब दें दिल्ली पुलिस : हाईकोर्ट

नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर के बाहर हुए हिंसक प्रदर्शन और तोड़फोड़ मामले की सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने दिल्ली पुलिस ने जवाब मांगा है। अदालत ने दिल्ली पुलिस से दो हफ्ते के अंदर एक सील लिफाफे में स्थिति रिपोर्ट पेश करने के भी आदेश दिए हैं। साथ ही हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस से पूरी घटना का सीसीटीवी फुटेज भी संरक्षित रखने को कहा है। यह आदेश कार्यकारी चीफ जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस नवीन चावला की बेंच तब दिया जब उन्हें यह सूचित किया गया कि मुख्यमंत्री की सुरक्षा की जिम्मेदारी दिल्ली पुलिस की है और उसने मामले में स्वत: संज्ञान लेकर आठ लोगों को गिरफ्तार किया है। दरअसल हाईकोर्ट आप विधायक सौरभ भारद्वाज द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिस दौरान यह आदेश दिया गया, जिसमें मांग की गई है कि सीएम के आवास पर हुए हमले की जांच के लिए एसआईटी गठित हो। दिल्ली पुलिस की ओर से अदालत में पेश हुए एसजी संजय जैन अदालत द्वारा जारी नोटिस का विरोध करते हुए कहा कि यह याचिका ही गलत धारणा पर दायर की गई है कि घटना में कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुआ है। उन्होंने कोर्ट को भरोसा दिया है कि गृह मंत्रालय और दिल्ली पुलिस के बीच में एक बैठक इस संबंध में हो चुकी है और सीएम के सचिव से खतरे को लेकर भी बात होगी। हालांकि अदालत ने इस पर कहा कि यहां मुद्दा एसआईटी गठित करने का नहीं है। यह संवैधानिक पद से जुड़े शख्स का है इसलिए घटना की हर डिटेल की जानकारी होनी ही चाहिए।

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