सीएमएस स्कूल के नकारापन के कारण नन्ही बच्ची हो गयी गंभीर घायल
- सरकार को जेब में रखने का दावा करता है स्कूल प्रबंधन
- जिसकी सरकार होती है उसके मंत्रियों और मुख्यमंत्री को बुलाकर लूट करता है सीएमएस
- आयकर की करोड़ों की चोरी का भी आरोप है सीएमएस पर
- अफसरों और जजों के बच्चों की फीस माफ कर करता है अवैध धंधे
लखनऊ। सियासी रसूख और अफसरों से साठगांठ से राजधानी का सीएमएस स्कूल प्रबंधन अपनी कारगुजारियों से हमेशा सुर्खियों में रहता है। अभिभावकों के प्रति प्रबंधन की तानाशाही का आलम यह है कि उनकी जायज शिकायतों पर भी कार्रवाई करना तो दूर उल्टे धमकी देता है। ऐसा ही एक मामला संज्ञान में आया है, जिसमें स्कूल में हो रहे बिल्डिंग निर्माण के दौरान हादसे का शिकार हुई एक बच्ची के घायल होने पर उसके अभिभावक व उसके समर्थन में गए लोगों की शिकायत को स्कूल प्रबंधन ने फर्जी करार दिया। हालांकि दबाव के बाद लखनऊ जनकल्याण महासमिति की शिकायत पर जांच का आश्वासन दिया है।
ताजा मामला लखनऊ के गोमतीनगर स्थित विशाल खंड सीएमएस स्कूल का है। जहां पांचवीं क्लास में पढ़ने वाली छात्रा आराध्या शुक्ला पुत्री ज्ञानेंद्र शुक्ला स्कूल में हो रहे निर्माण कार्य के दौरान मलबा गिरने से गंभीर रूप से घायल हो गई। उसके सिर में चोट आई हैं। मौके पर मौजूद समाजसेवी उमाशंकर दुबे ने घायल बच्ची को तत्काल अस्पताल पहुंचाया और इलाज कराया। इसके बाद उन्होंने स्कूल प्रबंधन से मामले की शिकायत की। वहां मौजूद प्रिंसिपल ने पहले मिलने से मना कर दिया, बाद में मामला बढ़ता देख अपना पल्ला झाड़ा। लापरवाही का आलम यह है कि इतने बड़े हादसे के बाद भी प्रबंधन तंत्र की नींद नहीं टूटी और आज फिर निर्माण कार्य के दौरान एक छात्रा के हाथ में फ्रैक्चर हो गया। इस मामले में स्कूल प्रबंधन और प्रशासन चुप्पी साधे हुए हैं।
स्कूल प्रबंधन अपनाता है ये हथकंडे
स्कूल प्रबंधन पर न केवल आयकर में करोड़ों की हेराफेरी का आरोप है। वहीं प्रबंधन ने राजधानी के दर्जनों स्थानों पर सरकारी जमीनों पर कब्जा भी कर रखा है। हैरानी की बात यह है कि जानकारी के बावजूद संबंधित विभाग के अफसर कोई भी कार्रवाई करने से बच रहे हैं। क्योंकि प्रबंधन बेहद चालाकी से सरकार के मंत्रियों और मुख्यमंत्री को अपने कार्यक्रम में बुुलाता है ताकि अफसरों को संदेश चला जाए। यही नहीं अफसरों और जजों को भी मैनेज करने के लिए वह अपने यहां उनके बच्चों को फ्री में पढ़ाता है। इन्हीं हथकंडों के जरिए वह न केवल अभिभावकों को दोनों हाथों से लूटता है, बल्कि उनकी शिकायतों को दरकिनार कर धमकी देने पर भी उतर आता है।
लू लगने से युवा पत्रकार हिमांशु चौहान का निधन
लखनऊ। बहुत ही स्तब्ध करने वाली खबर है। युवा पत्रकार हिमांशु चौहान हम सबके बीच नहीं रहे। लखनऊ के सिविल अस्पताल में उनका आज निधन हो गया। हिमांशु चौहान अपने पीछे पत्नी और दो छोटे बच्चों को छोड़ गए हैं। बताया जाता है कि उन्हें लू लग गई थी। यूरिन इंफेक्शन और लूज मोशन भी हो रहा था। फिलहाल पिछले कुछ दिनों से हिमांशु अस्पताल में भर्ती थे, उनका इलाज चल रहा था। बता दें कि इसी साल उनकी दादी और माताजी का भी निधन हो गया था। हिमांशु बहुत ही मिलनसार और सौम्य स्वभाव का था। हिमांशु के निधन पर राजधानी के पत्रकारों ने उनके परिजनों को इस अपार दु:ख को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की बात कही है।