सीएम योगी ने बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर को किया नमन, बोले
भेदभाव रहित समाज का निर्माण ही संविधान निर्माता को सच्च्ी श्रद्धांजलि
- सामाजिक असमानता को दूर करने को संविधान में किए थे कई प्रावधान
- मुख्यमंत्री ने हजरतगंज में डॉ. आंबेडकर की प्रतिमा पर किया माल्यार्पण
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर की 131वीं जयंती पर उनको नमन किया। सीएम ने हजरतगंज में डॉ. आंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं पुष्प अर्पित किया। आंबेडकर महासभा के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि बाबा साहेब ने कहा था कि चुनौती से भागना नहीं, सामना करना चाहिए। एक स्वतंत्र भारत को कैसा भारत बनना चाहिए यह बाबा साहेब आंबेडकर ने बताया था। भारत के संविधान में समानता और बंधुत्व का भाव आंबेडकर ने दिया, जिसका नतीजा है कि आज दुनिया में भारत एक नई प्रेरणा के रूप में आगे बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा कि भीमराव आंबेडकर के पंच तीर्थों की स्थापना पीएम नरेंद्र मोदी ने की। यूपी सरकार ने हर गरीब और वंचित को आवास दिए। यूपी में 43 लाख गरीबों को अब तक आवास दिए गए हैं। बाबा साहब डा. आंबेडकर ने सामाजिक असमानता को दूर करने और वंचित वर्गों को सामाजिक न्याय दिलाने के उद्देश्य से भारत के संविधान में अनेक प्रावधान किए। भारतीय संविधान के निर्माण में बाबा साहेब के योगदान के लिए देशवासी सदैव उनके प्रति कृतज्ञ रहेंगे। उन्होंने आजीवन अनुसूचित जाति सहित सभी उपेक्षित वर्गों के अधिकारों के लिए संघर्ष किया। समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति के सशक्तीकरण के उनके प्रयास हम सभी को प्रेरणा देते रहेंगे। भेदभावरहित एवं समरस समाज का निर्माण ही हम सभी की डा. आंबेडकर के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और पीएम मोदी ने दी श्रद्धांजलि
भारतीय संविधान के प्रमुख शिल्पकार बाबासाहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर की जयंती पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत तमाम नेताओं ने श्रद्धांजलि अर्पित की। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट किया, ‘आंबेडकर जयंती पर बाबा साहेब को विनम्र श्रद्धांजलि! सामाजिक न्याय के प्रबल पक्षधर, बाबा साहेब ने संविधान शिल्पी के रूप में आधुनिक भारत की नींव रखी। आइए, हम उनके ‘पहले भी भारतीय, बाद में भी भारतीय और अंत में भी भारतीय’ के आदर्श पर चलते हुए समावेशी समाज के निर्माण में अपना योगदान दें।’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिखा, ‘डॉ. बाबा साहेब आंबेडकर को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि। उन्होंने भारत की प्रगति में अमिट योगदान दिया है। यह हमारे देश के लिए उनके सपनों को पूरा करने की हमारी प्रतिबद्धता को दोहराने का दिन है।’
ये भी रहे मौजूद
इस मौके पर डिप्टी सीएम बृजेश पाठक के साथ कैबिनेट मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह, राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार असीम अरुण, पूर्व मंत्री डॉ. महेन्द्र सिंह, पूर्व राज्यसभा सदस्य जुगुल किशोर तथा लखनऊ की महापौर संयुक्ता भाटिया भी मौजूद रहीं।
यह कैसा संविधान! बाबा साहेब की जयंती पर काशी में अजान के वक्त हनुमान चालीसा का पाठ
- यह क्या हो रहा है गंगा-जमुनी तहजीब वाली काशी में
- छतों पर लाउडस्पीकर लगाकर किया जा रहा पाठ
- श्रीकाशी विश्वनाथ ज्ञानवापी मुक्ति आंदोलन ने की शुरुआत
महाराष्ट्र से धर्मनगरी काशी तक पहुंचा अजान विवाद
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
वाराणसी। महाराष्ट्र के बाद अब अजान विवाद गंगा-जमुनी तहजीब वाली काशी पहुंच गया है। श्रीकाशी विश्वनाथ ज्ञानवापी मुक्ति आंदोलन की ओर से छतों पर लाउडस्पीकर लगाकर लोग अजान के वक्त हनुमान चालीसा का पाठ कर रहे हैं। सामाजिक सौहार्द और भेदभाव रहित समाज के पैरोकार और संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर की जयंती पर भी लोगों ने अजान के वक्त हनुमान चालीसा का पाठ किया। इसने देश के सामने बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या धर्मनिरपेक्ष संविधान इसकी अनुमति देता है?
पिछले दिनों महाराष्ट्र में मनसे प्रमुख राज ठाकरे के मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने की चेतावनी के बाद वहां लाउडस्पीकर से अजान के विरोध में हनुमान चालीसा का पाठ किया जा रहा है। काशी में श्रीकाशी विश्वनाथ ज्ञानवापी मुक्ति आंदोलन के अध्यक्ष सुधीर सिंह अपने साथियों के साथ अजान के वक्त हनुमान चालीसा का पाठ कर रहे हैं। उनका कहना है कि लाउडस्पीकर पर अजान से लोगों की नींद में खलल पड़ती है इसका अहसास दिलाने के लिए यह किया जा रहा है। हमारा उद््देश्य गंगा-जमुनी तहजीब को बिगाड़ा नहीं है लेकिन धार्मिक आजादी के नाम पर शहर की अशांति को बढ़ावा नहीं दिया जा सकता। सवाल यह है कि क्या इन तरीकों से अशांति नहीं उत्पन्न होगी?
अब नेहरू म्यूजियम नहीं प्रधानमंत्री संग्रहालय कहिए
- बदला गया नाम, उद्घाटन के दौरान पीएम मोदी ने कांग्रेस पर इशारों में कसा तंज
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। आखिरकार आज नेहरू म्यूजियम का नाम बदलकर प्रधानमंत्री संग्रहालय कर दिया गया । पीएम नरेंद्र मोदी ने इसका उद्घाटन किया। म्यूजियम का पहला टिकट खरीदकर वे अंदर गए। पीएम मोदी ने कहा कि इसके जरिए देश की आने वाली पीढिय़ों को ज्ञान, विचार और अनुभव मिलेगा। भारतवासियों के लिए बहुत गौरव की बात है कि हमारे ज्यादातर प्रधानमंत्री बहुत ही साधारण परिवार से रहे हैं। भारत की एक स्वस्थ लोकतांत्रिक परंपरा रही है। कुछ ही मौके ऐसे रहे हैं, जब लोकतंत्र की इस स्वस्थ परंपरा का पालन नहीं किया गया। उनकी इस टिप्पणी को आपातकाल से जोडक़र देखा जा रहा है। बता दें कि दिल्ली स्थित नेहरू म्यूजियम का ही नाम बदलकर प्रधानमंत्री संग्रहालय रखा गया है।