मानसून सत्र से पूर्व असंसदीय शब्दों को लेकर जारी बुकलेट पर भडक़ा विपक्ष, कहा, विपक्षियों के बोलने पर प्रतिबंध लगा रही सरकार
कांग्रेस, शिवसेना और तृणमूल कांग्रेस ने केंद्र की मंशा पर उठाए सवाल प्रतिबंधित किए गए हैं जुमलाजीवी, जयचंद, भ्रष्ट जैसे शब्द
- प्रतिबंधित शब्दों का लोक सभा और राज्य सभा में नहीं किया जा सकेगा इस्तेमाल, 18 जुलाई से शुरू होगा मानसून सत्र
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र से पहले लोक सभा सचिवालय द्वारा असंसदीय शब्दों को लेकर जारी नई बुकलेट पर सियासत गर्म हो गयी है। असंसदीय शब्दों में कुछ नए शब्द शामिल किए जाने पर विपक्ष आगबबूला हो गया है। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और शिवसेना ने इसको लेकर केंद्र की भाजपा सरकार पर निशाना साधा है। विपक्षी नेताओं का कहना है कि भाजपा विपक्ष द्वारा संसद में इस्तेमाल किए जाने वाले शब्दों को प्रतिबंधित कर भारत को नष्टï कर रही है और विपक्षियों को बोलने से रोक रही है।
तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने ट्वीट किया, बैठ जाएं। बैठ जाइये। प्रेम से बोलें। लोक सभा और राज्य सभा की नई असंसदीय शब्दों की सूची में संघी शब्द शामिल नहीं है। मूल रूप से सरकार ने विपक्ष द्वारा इस्तेमाल किए गए सभी शब्दों के इस्तेमाल को रोकने के लिए यह काम किया है। कैसे भाजपा भारत को नष्ट कर रही है और उन पर प्रतिबंध लगा रही है। शिवसेना की राज्य सभा सदस्य प्रियंका चतुर्वेदी ने पुराने मीम का जिक्र कर केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने ट्वीट किया, यह पुराना मीम याद आ गया। अगर करें तो करें क्या, बोलें तो बोलें क्या? सिर्फ वाह मोदी जी वाह! यह मीम अब हकीकत सा लगता है। कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया, ‘मोदी सरकार की सच्चाई दिखाने के लिए विपक्ष द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले सभी शब्द अब ‘असंसदीय’ माने जाएंगे। अब आगे क्या?’ कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी ने ट्वीट किया, ‘अगर आप अपनी आलोचना में रचनात्मक नहीं हो सकते तो संसद का क्या मतलब है? शब्दों पर प्रतिबंध लगाना अनुचित है। दरअसल, संसद के मानसून सत्र से पहले लोक सभा सचिवालय ने असंसदीय शब्दों को लेकर नई बुकलेट जारी की है। इसमें जुमलाजीवी, बाल बुद्धि, कोविड स्प्रेडर और स्नूपगेट, शर्म, दुव्र्यवहार, विश्वासघात, भ्रष्ट, ड्रामा, शकुनि, जयचंद पाखंड और अक्षम जैसे शब्द अब लोक सभा और राज्य सभा में असंसदीय माने जाएंगे।
इनका भी नहीं कर सकेंगे इस्तेमाल
इस संकलन में अंग्रेजी के कुछ शब्दों एवं वाक्यों को भी शामिल किया गया है जिनमें आई विल कर्स यू, बिट्रेड, ब्लडशेड, चिटेड, शेडिंग क्रोकोडाइल टियर्स, डंकी, गून्स, माफिया, रबिश, स्नेक चार्मर आदि शमिल हैं।
ये शब्द आएंगे अमर्यादित आचरण की श्रेणी में
लोक सभा सचिवालय ने असंसदीय शब्द, 2021 शीर्षक के तहत ऐसे शब्दों एवं वाक्यों का नया संकलन तैयार किया है, जिन्हें असंसदीय अभिव्यक्ति की श्रेणी में रखा गया है। 18 जुलाई से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र से पहले सदस्यों के इस्तेमाल के लिए जारी किए गए इस संकलन में ऐसे शब्दों या वाक्यों को शामिल किया गया है, जिन्हें लोक सभा, राज्य सभा और राज्यों के विधान मंडलों में वर्ष 2021 में असंसदीय घोषित किया गया था। इसके अनुसार, असंसदीय शब्द, वाक्य या अमर्यादित अभिव्यक्ति की श्रेणी में रखे गए शब्दों में कमीना, काला सत्र, दलाल, खून की खेती, दोहरा चरित्र, निकम्मा, नौटंकी, ढिंढोरा पीटना, बहरी सरकार, चिलम लेना, छोकरा, कोयला चोर, गोरू चोर, चरस पीते हैं, सांड, खालिस्तानी, विनाश पुरुष, तानाशाही, तानाशाह, अराजकतावादी, घडिय़ाली आंसू जैसे शब्द भी शामिल किए गए हैं।
सीएम ने बढ़ाया कोटेदारों का लाभांश, कहा, प्रदेश में जनसेवा केंद्र के रूप में काम करेंगी कोटे की दुकानें
- गोरखपुर में मुख्यमंत्री योगी ने किया योजना का शुभारंभ
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य सरकार एवं सीएससी ई-गवर्नेंस सर्विस इंडिया लि. के मध्य एमओयू और उचित दर विक्रेताओं के लाभांश में वृद्धि के संबंध में आयोजित कार्यक्रम का आज शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि डबल इंजन सरकार में राशन कोटे की दुकानों पर जनता को अब स्टांप बिक्री, बैंकिंग सेवा, आय प्रमाण पत्र और जाति प्रमाण पत्र की भी सुविधा मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा, देश में यूपी अकेला ऐसा राज्य है जहां राशन वितरण की व्यवस्था सुचारु रूप से चल रही है। पहले कोटेदारों को लाभांश के रूप में 70 रुपये प्रति क्विंटल का भुगतान किया जाता था अब इसे बढ़ाकर 90 रुपये कर दिया गया है। प्रदेश की करीब 80 हजार कोटे की दुकानों को जनसेवा केंद्र (सीएससी) के रूप में विकसित किया जाएगा। इस दौरान खाद्य एवं रसद विभाग और केंद्र सरकार की कामन सर्विस सेंटर अथॉरिटी के बीच अनुबंध भी हुआ।
पकड़ा गया मालकिन की जान लेने वाला पिटबुल डॉग
- नगर निगम की टीम ले गई श्वान केंद्र
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। राजधानी में हमला कर अपनी मालकिन की जान लेने वाला पिटबुल डॉग आज पकड़ लिया गया। नगर निगम की टीम ने आज कैसरबाग स्थित बंगाली टोला में पिटबुल को पकड़ लिया और जरहरा स्थित श्वान केंद्र में लेकर चली गई।
नगर निगम के मुख्य पशु चिकित्साधिकारी व संयुक्त निदेशक पशु कल्याण डॉ. अरविंद राव व पशु चिकित्साधिकारी डॉ. अभिनव वर्मा ने बताया कि बुधवार को टीम पिटबुल को पकडऩे गई थी लेकिन परिवारवाले अस्थि विसर्जन के लिए बाहर गए थे। इस पिटबुल का लाइसेंस बना है कि नहीं अभी साफ नहीं हो पाया है। लाइसेंस बनाने का काम प्राइवेट पशु चिकित्सक करते हैं, ऐसे में वहां से भी जानकारी मंगाई जा रही है। नगर निगम में इस कुत्ते का रिकॉर्ड नहीं मिला है। गौरतलब है कि कैसरबाग स्थित बंगाली टोला निवासी अपनी मालकिन बुजुर्ग सुशीला त्रिपाठी पर दो दिन पहले इस पिटबुल डॉग ने हमला कर दिया था। उनकी इलाज के दौरान मौत हो गयी थी।