कांग्रेस में पूर्ण परिवर्तन मेरा एजेंडा, पार्टी को सॉफ्ट हिंदुत्व की जरूरत नहीं: थरूर

वरिष्ठ नेताओं के असहयोग से आहत दिखे थरूर

कांग्रेस अध्यक्ष के उम्मीदवार थरूर प्रचार के लिए पहुंचे थे गुजरात

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
अहमदाबाद। कांग्रेस के अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ रहे वरिष्ठ नेता शशि थरूर पार्टी के प्रदेश अध्यक्षों से खिन्न नजर आए। उनके प्रतिद्वंद्वी मल्लिकार्जुन खडग़े के साथ प्रदेश अध्यक्ष व अन्य वरिष्ठ नेता होते हैं लेकिन जब वे राज्यों में कांगेस प्रतिनिधियों से मिलने जा रहे हैं तो बड़े नेता उनसे किनारा कर लेते हैं।
गुजरात कांग्रेस के प्रदेश कार्यालय राजीव गांधी भवन में पत्रकारों से चर्चा के दौरान थरूर ने कहा कि गुजरात व अन्य राज्यों में उनके साथ प्रदेश अध्यक्ष, नेता विपक्ष या अन्य वरिष्ठ नेताओं का नहीं होना उन्हें अखर रहा है। साथ ही थरूर ने यह भी कहा कि वे पार्टी में बदलाव के लिए लड़ रहे हैं इसलिए यह बात लाजमी है कि वर्तमान में ऊंचे ओहदों पर आराम फरमा रहे लोग उनका साथ क्यों देंगे जबकि उनका एजेंडा ही पार्टी में जड़मूल से परिवर्तन का है।
थरूर का कहना है कि कांग्रेस को समावेशी, कार्यकर्ता की व्यापक भागीदारी व कांग्रेस के मूल सिद्धांत पर चलने वाला संगठन बनाने की जरूरत है। उन्होंने कांग्रेस को सॉफ्ट हिंदुत्व अपनाने की जरूरत को भी नकारा है। थरूर ने राजस्थान कांग्रेस में बगावत के बारे में कहा कि नेताओं को अधिकार दिए जाते हैं तो उन पर एक जिम्मेदारी भी आती है। पार्टी के वरिष्ठ नेता ऐसी बयानबाजी करें जिससे विरोधी दल भाजपा को लाभ हो, ऐसा नहीं होना चाहिए।

जी 23 के नेताओं को कभी एक कमरे में बैठे नहीं देखा

अध्यक्ष के चुनाव के बाद जी 23 समूह के नेताओं की रणनीति के बारे में थरूर ने कहा कि यह कोई संगठन नहीं था, कोरोना के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष तक अपनी बात पहुंचाने की भावना से करीब सौ नेता सहमत थे, जिनमें से 23 नेताओं ने दस्तखत कर पत्र कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजा। उनका दावा है कि उन्होंने इन 23 नेताओं को कभी एक कमरे में बैठे नहीं देखा।

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