कानून मंत्रियों के सम्मेलन में बोले पीएम मोदी, न्याय मिलने में देरी बड़ी चुनौती
नागरिकों को समझने में कानून की भाषा न बने बाधक
- लोक अदालतों से न्यायालयों का बोझ हुआ कम
डेढ़ हजार से ज्यादा अप्रासंगिक कानूनों को किया खत्म
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कानून मंत्रियों के सम्मेलन को वर्चुअली संबोधित किया। उन्होंने कहा, स्वस्थ समाज के लिए मजबूत न्यायपालिका का होना जरूरी है। ऐसे में जरूरी है कि कानून बनाते हुए हमारा फोकस ऐसा हो कि गरीब से गरीब व्यक्ति भी नए बनने वाले कानून को अच्छी तरह समझ सके। किसी भी नागरिक के लिए कानून की भाषा बाधा न बने, हर राज्य इसके लिए भी काम करें। इसके लिए लॉजिस्टिक और इंफ्रास्ट्रक्चर का सपोर्ट भी चाहिए। उन्होंने न्याय मिलने में देरी पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि न्याय मिलने में देरी देश के लोगों के सामने सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है।
उन्होंने कहा, देश के लोगों को सरकार का अभाव नहीं लगना चाहिए और न देशवासियों को सरकार का दबाव महसूस होना चाहिए इसलिए सरकार ने डेढ़ हजार से ज्यादा पुराने और अप्रासंगिक कानूनों को रद्द कर दिया है। इनमें से अनेक कानून तो गुलामी के समय से चले आ रहे थे। उन्होंने लोक अदालतों की प्रशंसा करते हुए कहा कि इन अदालतों ने लाखों मामलों को सुलझाया है। इनसे न्यायालयों का बोझ कम हुआ है और गांव में रहने वाले लोगों को, गरीबों को न्याय मिलना भी बहुत आसान हुआ है। उन्होंने कहा, टेक्नोलॉजी किस तरह से आज न्याय व्यवस्था का भी अभिन्न अंग बन गई है, इसे हमने कोरोना काल में देखा है। आज देश में ई-कोट्र्स मिशन तेजी से आगे बढ़ रहा है।
कुरीतियों को हटा रहा समाज
प्रधानमंत्री ने कहा, आज जब देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है तब लोकहित को लेकर सरदार पटेल की प्रेरणा हमें सही दिशा की ओर ले जाएगी। यह हमें लक्ष्य तक पहुंचाएगी। भारतीय समाज की विकास यात्रा हजारों वर्षों पुरानी है। तमाम चुनौतियों के बावजूद भारतीय समाज ने निरंतर प्रगति की है। हमारे समाज की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि वह प्रगति के पथ पर बढ़ते हुए खुद में आंतरिक सुधार भी करता चलता है। हमारा समाज अप्रासंगिक हो चुके कायदे-कानूनों, कुरीतियों और गलत रिवाजों को हटाता भी चलता है।
सीएसआईआर बैठक की अध्यक्षता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कानून मंत्रियों को संबोधित करने के बाद वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) सोसायटी की बैठक में पहुंचे। उन्होंने बैठक की अध्यक्षता की। इस दौरान केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण, पीयूष गोयल और जितेंद्र सिंह भी मौजूद रहे।
दिवाली के पहले महंगाई का एक और झटका, दूध के दाम बढ़े
- अमूल का फुल क्रीम मिल्क अब मिलेगा 63 रुपये लीटर
मदर डेयरी भी नई कीमतों का कर सकती है ऐलान
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। दिवाली से पहले आम आदमी को महंगाई का एक और झटका लगा है। भारत की नामी डेयरी कंपनी अमूल ने फुल क्रीम और भैंस के दूध की कीमत में दो रुपये का इजाफा किया है।
अमूल का अब फुल क्रीम दूध 61 की जगह 63 रुपये प्रतिलीटर के हिसाब से मिलेगा। वहीं अब मदर डेयरी भी कीमत बढ़ाने की तैयारी में है। मदर डेयरी जल्द नई कीमत की घोषणा कर सकती है। अमूल के फुल क्रीम मिल्क की बढ़ी कीमत को लेकर गुजरात कोऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन लिमिटेड के एमडी आरएस सोढ़ी ने कहा है कि अमूल ने गुजरात को छोडक़र सभी राज्यों में फुल क्रीम दूध और भैंस के दूध की कीमतों में दो रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की है। वहीं पंजाब में डेयरी कंपनी वेरका ने भी दूध के दाम फिर से बढ़ा दिए हैं। आधा किलो के पैकेट में एक रुपये की बढ़ोतरी की गई है जबकि एक किलो में दो रुपये रेट बढ़ गए हैं। नए रेट 16 तारीख से लागू होंगे।
बुलंदशहर: टहलने निकले हार्डवेयर व्यापारी के अपहरण से सनसनी
- खुर्जा से दिनदहाड़े कार में डालकर कारोबारी को ले गए बदमाश
- व्यापारियों में आक्रोश पुलिस कर रही जांच
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
बुलंदशहर। प्रदेश में बदमाशों के हौसले बुलंद हैं। आज बुलंदशहर के खुर्जा में सुबह घर से टहलने निकले सत्तर वर्षीय हार्डवेयर व्यापारी राजकुमार का कार सवारों ने अपहरण कर लिया और फरार हो गए। दिनदहाड़े हुए इस घटना से पुलिस के होश उड़ गए। सूचना पर पहुंची पुलिस मामले की जांच में जुटी है।
खुर्जा कोतवाली क्षेत्र की गोइनका कॉलोनी निवासी 70 वर्षीय राजकुमार की कबाड़ी बाजार चौराहे के निकट मथुरादास के नाम से हार्डवेयर की दुकान है। आज सुबह वह स्कूटी लेकर टहलने के लिए घर से निकले थे। जब वह नावल्टी मार्ग पर एनआरईसी कॉलेज के निकट पहुंचे तो कार सवार बदमाशों ने उन्हें रोक लिया। बदमाश व्यापारी को कार में डालकर फरार हो गए। व्यापारी की स्कूटी सडक़ किनारे पड़ी देखकर स्थानीय लोगों ने उनके घर सूचना दी जिसके बाद परिजनों ने पुलिस को इसकी सूचना दी। व्यापारी के अपहरण की जानकारी पर स्थानीय व्यापारियों में आक्रोश है।