अयोध्या में हेडक्वार्टर बनाना चाहता है संघ

 

अयोध्या। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ 2025 में अपना शताब्दी वर्ष मनाने की तैयारी में है। इससे पहले वह अयोध्या में अपना एक और मुख्यालय बनाना चाहती है। इसके लिए आवास विकास परिषद से 100 एकड़ जमीन मांगी है। संघ यह जमीन ग्रीन फील्डशिप योजना (नव्य अयोध्या) में चाहती है। इसके लिए बाकायदा आवेदन भी किया है।
दरअसल, कोविड की 4 लहर थमने के साथ ही संघ के 3 बड़े राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम यहां आयोजित हो चुके हैं। आने वाले साल में संघ की स्थापना का शताब्दी वर्ष है। संंघ अयोध्या में बड़ा कार्यक्रम करने की तैयारी में है। इस वर्ष संघ यहां मुख्यालय तैयार करा लेना चाहता है। ये यूपी का सबसे बड़ा कार्यालय होगा। जहां, इतना पर्याप्त स्थान होगा कि बड़े आयोजन परिसर में ही आयोजित किए जा सकें। इसमें कार्यकर्ताओं के रहने की व्यवस्था होगी।
अभी संघ का मुख्यालय नागपुर में है। दिल्ली के झंडेवालान में भी बड़ा केंद्र है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शीर्ष पदाधिकारियों में से कुछ का केंद्र नागपुर और कुछ का दिल्ली है। मुंबई भी इनका बड़ा केंद्र है। बीते दिनों में हुए अखिल भारतीय शारीरिक शिक्षा वर्ग और बौद्धिक शिक्षा वर्ग के आयोजन भी कराए गए।
हालांकि अयोध्या के निकट ही पुराने फैजाबाद नगर की साकेतपुरी कालोनी में लगभग 1 लाख वर्ग फीट में संघ का प्रांतीय मुख्यालय बनकर तैयार हो चुका है। लेकिन श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के प्रारंभ होने के बाद से जिस तरह से संगठन की गतिविधियां और कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों का आवागमन बढ़ा है, साकेत निलयम का विशाल परिसर भी छोटा महसूस होने लगा है।
कारसेवकपुरम और रामसेवकपुरम का स्थान विश्व हिंदू परिषद की ही गतिविधियों से व्यस्त रहता है। दूसरी तरफ, इन स्थानों से ही श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास भी संचालित होता है। ट्रस्ट के सचिव चंपत राय का केंद्र भी कारसेवकपुरम ही है। इन परिस्थितियों में भविष्य में अंतरराष्ट्रीय केंद्र के रूप में विकसित हो रही अयोध्या को ध्यान में रखते हुए बड़े परिसर की स्थापना के लिए जमीन खोजी जा रही है। यह भी संभव है कि नव्य अयोध्या परियोजना में इसके लिए भूमि ली जाए।
हालांकि अभी यह योजना लेआउट सर्वे की स्थिति में भी नहीं आई है, केवल भूमि अधिग्रहण ही हुआ है। संघ की प्राथमिकता अयोध्या धाम में ही स्थान सुरक्षित करने की है, जोकि शताब्दी वर्ष में आकार ले सके। अयोध्या को केंद्र बनाकर पूरे विश्व में मौजूद राम भक्तों को संघ की मुख्य धारा से जोड़ संगठन को विश्व में मजबूत करने और अयोध्या में अपनी जड़ें सीधे तौर पर सबसे प्रभावी करने की है।
अब तक अयोध्या में विहिप सबसे मजबूत संगठन रहा है। जो राम मंदिर विवाद समाप्त होने के बाद सीमित हो चला है। अब संघ अयोध्या की बागडोर सीधे अपने हाथ में और सबसे प्रभावी भूमिका में रखने की तैयारी में है। उसका यह निर्णय राम, रामजन्मभूमि और अयोध्या को लेकर पूरे देश सहित विश्व में बड़ी आस्था और लोकप्रियता को लेकर है।

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