UP : थोक के भाव पार्टी पदाधिकारी बना रही भाजपा
- पार्टी संगठन को विस्तार देने में लगी हैं
लखनऊ। उत्तर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह इस समय पार्टी संगठन को विस्तार देने में लगे हैं। वे हर जिले की टीम मजबूत कर विधानसभा चुनाव में पार्टी की जीत सुनिश्चित करना चाहते हैं। कार्यकर्ताओं को पद देते समय हर जिले में सामाजिक समीकरणों को पूरा ध्यान दिया जा रहा है और संबंधित जिले के हर प्रभावी वर्ग को साथ लेने की कोशिश की जा रही है। हालांकि पार्टी के कई वरिष्ठ कार्यकर्ता ही पार्टी की इस रणनीति से सहमत नहीं हैं। उनका कहना है कि सभी वर्गों को साथ लेने में काफी देर हो चुकी है और चुनाव से पहले इस तरह की कोशिश से पार्टी को बड़ा लाभ होने की उम्मीद नहीं है। दरअसल, 15 अगस्त के दिन भी भाजपा ने लखनऊ, गोंडा, बाराबंकी, उन्नाव और लखीमपुर जिले के पदाधिकारियों की नियुक्ति की। इसके साथ ही मेरठ और इटावा जिले में भी नए पदाधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई। इन पदों पर नियुक्ति के समय भी ब्राह्मणों, पिछड़ों और एससी/एसटी वर्ग को जिम्मेदारी देने की कोशिश की गई। पूर्वांचल जिले के एक ब्राह्मण नेता के मुताबिक पार्टी ने पूरे पांच साल कार्यकर्ताओं की कोई सुध नहीं ली। 2017 में मिली प्रचंड जीत के बाद पार्टी ने कार्यकर्ताओं की सुननी ही बंद कर दी। पूरा महकमा सरकार के दो-तीन लोगों तक केंद्रित होकर रह गया था। कार्यकर्ताओं की कोई बात नहीं सुनी जा रही थी। इसके बारे में शिकायत की गई कि सरकार की तो बात छोडिये, जिले प्रशासन तक में कार्यकर्ताओं की कोई सुनवाई नहीं हो रही है। लेकिन उसे कार्यकर्ताओं की कोई याद नहीं आई।