तेजस्वी जाति आधारित जनगणना को लेकर घेर रहे हैं केंद्र सरकार को, जदयू के सुर भी हैं भाजपा से अलग

पटना। 15 अगस्त भारत के इतिहास में वह खूबसूरत दिन है, जब भारत को 200 साल के ब्रिटिश शासन से आजादी मिली थी। इस बीच बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राजद के वरिष्ठ नेता तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर कहा कि 75वें स्वतंत्रता दिवस पर रविवार को लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गरीबों, वंचितों, उपेक्षितों और पिछड़ों का उत्थान के लिए और समावेशी विकास कार्यों को उचित गति देने के लिए, मैं जाति जनगणना के संचालन की घोषणा करने की मांग करता हूं।
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री बिहार के सीएम समेत सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को मिलने का समय नहीं दे पा रहे हैं। केंद्र सरकार ने जाति जनगणना से इनकार किया है। ऐसे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रविवार को गांधी मैदान, पटना से अपने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में राज्य की कीमत पर बिहार में जाति जनगणना कराने की घोषणा करें।
बता दें कि तेजस्वी यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर जाति जनगणना की मांग उठाई थी। तेजस्वी इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला करना नहीं भूले. उन्होंने कहा कि सीएम नीतीश कुमार ने विपक्षी दलों को आश्वासन दिया था कि जाति गणना पर प्रधानमंत्री के साथ बैठक की जाएगी इतना ही नहीं इसी क्रम में मुख्यमंत्री ने 4 अगस्त को प्रधानमंत्री को पत्र भी लिखा था, लेकिन पीएमओ की ओर से अभी तक समय नहीं दिया गया है. तेजस्वी ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री नीतीश कुमार को बैठक का समय नहीं देते हैं तो यह मुख्यमंत्री का अपमान है।
आपको बता दें कि जाति जनगणना को लेकर विपक्षी दल केंद्र सरकार पर लगातार दबाव बना रहे हैं। एनडीए में शामिल जदयू का लहजा भी इस मामले में मोदी सरकार से अलग नजर आ रहा है। इसे लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भी लिखा है. वहीं जाति जनगणना के मुद्दे पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भारतीय जनता पार्टी और जनता दल यूनाइटेड दोनों पर निशाना साध रहे हैं. सीएम नीतीश कुमार द्वारा पीएम मोदी को लिखे गए पत्र के 9 दिन बाद तेजस्वी ने प्रधानमंत्री को पत्र भी लिखा है. इस पत्र में उन्होंने नीतीश कुमार के नेतृत्व में विपक्षी दलों को समय देने की मांग की है. तेजस्वी ने कहा है कि अगर पीएम विपक्षी दलों को बैठक का समय नहीं देते हैं तो उन्हें दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना देना चाहिए।

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