राजस्थान चुनाव के रण में प्रण

कांग्रेस ने कहा-सचिन-गहलोत एक, सत्ता पर फिर होंगे काबिज

  • भाजपा ने कहा-इसबार भाजपा सरकार
  • आप भी तिरंगा यात्रा से बनाएगी पैठ
  • आवेैसी की भी नजर

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
जयपुर। जैसे-जैसे राजस्थान में चुनाव की आहट तेज हो रही वहां के माहौल में सियासत तेजी से फैल रही है। राजनैतिक पार्टियां जीत के लिए प्रण ले रही हैं। बीजेपी जहां मोदीे को आगे कर, वसुंधरा के चेहरे पर सत्ता पर काबिज होने मंसूबे पाल रही है, वहीं कांग्र्रेस अपने दोनों दिग्गज नेताओं अशोक गहलोत व सचिन पायलट को एक जुट दिखाकर दुबारा राजस्थान पर कब्जा बरकार रखने की जुगत में लगी हैै। उधर दिल्ली की आप पार्टी भी इन दोनों पार्टिेयों की नीदं उड़ाने की कोशिश में जुटी है। सियासी समीक्षको का कहना है कि परंपरा को देखते हुए तो ऐसा ही लगता है कि कांग्रेस को नुकसान होगा व भाजपा की वापसी होगी। पर कर्नाटक में कांगेस का मिली बंपर जीत से राजस्थान की इकाई खुश है और जीत को लेकर आश्वस्त है। अन्य दल भी इस बार अपनी मौजूदगी रखेंगे। ओवैसी की एमआईएम, केजरीवाल की आप भी भाजपा व कांग्रेस को नुकसान पहुंचा सकती है।
प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी सुखजिन्दर सिंह रंधावा के ताजा बयान ने राजस्थान के कई कांग्रेसी नेताओं की बोलती बंद कर दी है। जयपुर पहुंचने पर रंधावा ने कहा कि अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच चल रहे विवाद को सुलझा लिया गया है। उन्होंने दावा किया कि 90 फीसदी मसले सुलझ गए हैं अब 10 परसेंट कोई मसला नहीं है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस आलाकमान के साथ हुई बैठक में गहलोत और पायलट दोनों ने एकजुट होकर चुनाव लडऩे की बातों पर सहमति दे दी है। ऐसे में अब इनके बारे में चल रही अनबन की खबरों का कोई आधार नहीं है। रंधावा के इस बयान से गहलोत और पायलट दोनों गुटों के नेताओं की बोलती बंद कर दी है। दरअसल, अभी सियासी गलियारों में यही चर्चा है कि 11 जून को सचिन पायलट बड़ा धमाका करने वाले हैं। 11 जून को ही उनके नई पार्टी का ऐलान करने की अटकलें भी लगाई जा रही है। ऐसे में रंधावा के बयान ने फिर से कांग्रेस के भीतर सचिन पायलट को अलग नहीं होने देने के प्रयासों की चर्चा शुरू कर दी है। चर्चा ये भी है कि रंधावा अभी पार्टी संगठन और कार्यकर्ताओं के बीच किसी तरह की गुटबाजी से बचने के लिए ही ये दांव खेल रहे हैं। अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच चल रही खींचतान कैसे हल हुई? पायलट की मांगों का क्या हुआ? और सुलह का फॉर्मूला क्या रहा? मीडिया के इन सवालों का रंधावा ने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। उन्होंने सिर्फ इतना ही कहा कि सुलह का फॉर्मूला पार्टी आलाकमान के साथ गहलोत और पायलट को पता है। इसे मीडिया में सार्वजनिक नहीं किया जाएगा। गहलोत और पायलट के कट्टर समर्थक सुलह का फॉर्मूला जानना चाहते हैं लेकिन यह फॉर्मूला किसी को नहीं बताया गया है। ऐसे में दोनों की गुट के नेताओं बैचेनी सी है।

सचिन की नई पार्टी की अटकलों पर लगा विराम

सुखजिंदर सिंह रंधावा ने सचिन पायलट की ओर से नई पार्टी बनाए जाने की खबरों को मीडिया की देन बताया है। उन्होंने कहा कि पायलट कांग्रेस के साथ हैं। पहले भी उनके मन में नई पार्टी बनाने का विचार नहीं था और संभवतया अब भी नहीं है। उन्होंने कहा कि सचिन पायलट कांग्रेस के एसेट थे, हैं और आगे भी रहेंगे। रंधावा ने कहा कि आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनाव कांग्रेस पूरी एकजुटता से लड़ेगी। रंधावा के इन दावों ने गहलोत और पायलट खेमें में बैचेनी ला दी। यह रंधावा का कोई नया दांव तो नहीं है। खैर राजस्थान कांग्रेस का भविष्य क्या होगा, यह आगामी 4-5 दिन में साफ होने की संभावना है। दरअसल, राहुल गांधी 8 जून को विदेश दौरे से वापस लौट रहे हैं। 11 जून से पहले सचिन पायलट की राहुल गांधी से मुलाकात संभव है। इसी मुलाकात पर आगे की रणनीति तय होगी

गहलोत ने विधायकों को खरीदने का आरोप लगाया, ईडी को दे सबूत : राठौड

प्रदेश में ईडी की कार्रवाई को लेकर नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कई बार सार्वजनिक मंचों से यह आरोप लगाया है कि मानेसर गए विधायकों को बड़ी धनराशि दी गई थी। उन्होंने अपने विधायकों से भी कहा था कि जो धनराशि खर्च हो गई है। वो वे दे देंगे अथवा एआईसीसी से दिलवा देंगे। लेकिन शेष पैसा जहां से आया उन्हें लौटा दे। राठौड़ ने कहा कि अब मैं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से कहना चाहूंगा कि राजस्थान में ईडी आई हुई है। उनके पास सोर्स है कि कालाधन कहां से आया। तो वो ईडी को काले धन का सोर्स बता दें। वे बिना मतलब ही ईडी की कार्रवाई की चिंता कर रहे है। उन्हें तो आगे बढक़र ईडी को सबूत सौंपने चाहिए। नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने आज प्रदेश भाजपा कार्यालय में जिला परिषद सदस्यों की बैठक ली। बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि ईडी की कार्रवाई को लेकर जिस तरह से कांग्रेस विरोध व प्रदर्शन करने की बात कह रही है। यह पूरी तरह से गलत है। देश के संविधान में केन्द्र व राज्य की किसी भी एजेंसी के काम में बाधा डालना पूरी तरह से संघवाद का कमजोर करने की तरह है।

पायलट ने टेरिटोरियल आर्मी की सिख यूनिट में किया काम

सियासी चर्चाओं के बीच सचिन पायलट ने दिल्ली में टेरिटोरियल आर्मी की यूनिट में साथी अफसरों से मुलाकात की। पायलट ने आज 124 सिख यूनिट में कुछ देर कामकाज भी किया। सचिन पायलट टेरिटोरियल आर्मी में कैप्टन हैं। पेपरलीक मामले में ईडी की छापेमारी खत्म, दिल्ली टीम करेगी जांच

सरकार का किसान विरोधी चेहरा आया सामने

नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि सरकार का अब किसान विरोधी चेहरा सबके सामने आ गया है। सरकार डेब्ट एक्ट लाकर किसानों की नीलामी रोक नहीं पाएगी। अब 19 हज़ार किसानों की कुर्की की बात सामने आ रही है। वहीं प्रदेश में 6 लाख किसान ऐसे है, जिनका नेशनलाइज़ औऱ शेड्यूल बैंक की फूटी कौड़ी भी माफ नहीं हुई। वहीं 1लाख 13 हज़ार किसान ऐसे है, जिनके खाते एनपीए हो चुके है। इनकी जमीनें भी अब नीलाम होगी। लेकिन सरकार ने इसे रोकने के लिए कुछ नहीं किया। पेपरलीक को लेकर ईडी की कार्रवाई पर नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि रीट के मामलें में डीपी जारौली ने उस समय कहा था कि मुझे बलि का बकरा बनाया जा रहा है। इसके तार तो कहीं ओर जुड़े हुए है। रीट परीक्षा के सुपरविजऩ की जिम्मेदारी राजीव गांधी सर्किल से जुड़े लोगों को दी गई। जिसका उन्हें कोई अधिकार नहीं था। जिस बाबूलाल कटारा को सरकार ने नामजद किया। उसने स्वीकार किया है कि वो डेढ़ करोड़ रुपए देकर आरपीएससी सदस्य बना। ऐसे में अब इस मामलें में ईडी आ गई है तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। इसलिए कांग्रेस इस मामलें में बौखलाई हुई है।

200 सीटों पर चुनाव लड़ेगी आप

  • 18 जून से केजरीवाल की फिर से तिरंगा महारैली

राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 में कांग्रेस और बीजेपी को टक्कर देने के लिए आम आदमी पार्टी ने भी कमर कस ली है। पार्टी की ओर से प्रदेश के हर जिलों में तिरंगा यात्राएं निकाली जा रही है। इनका आगाज जयपुर में 13 मार्च को दिल्ली के मुख्यमंत्री और पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविन्द केजरीवाल ने किया था। अब 18 जून को श्रीगंगानगर में तिरंगा यात्रा निकाली जा रही है। आप पार्टी के नेता लगातार सक्रिय है। जिला और तहसील स्तर पर बैठके आयोजित करके ज्यादा से ज्यादा लोगों को पार्टी से जोड़ा जा रहा है। साथ ब्लॉक स्तर तक पदाधिकारियों की नियुक्तियां की जा रही हैं। अब तक पांच हजार से ज्यादा पदाधिकारियों को नियुक्ति प्रदान कर दी गई है। मंगलवार 6 जून को पार्टी के सह प्रभारी नरेश यादव मीडिया से रूबरू हुए। उन्होंने कहा कि पार्टी पूरे दमखम के साथ राजस्थान की सभी 200 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
13 जनवरी को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में जयपुर में तिरंगा यात्रा निकाली गई थी। अब एक बार फिर केजरीवाल और भगवंत मान राजस्थान दौर पर आ रहे हैं। 18 जून को पार्टी की ओर से श्रीगंगानगर में तिरंगा महारैली का आयोजन किया जाएगा। इस महारैली के दौरान अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान जनता से सीधा संवाद करेंगे। सह प्रभारी नरेश यादव ने दावा किया कि श्रीगंगानगर में होने वाली तिरंगा महारैली ऐतिहासिक होगी जिसमें लाखों की संख्या में लोग हिस्सा लेंगे। इसकी तैयारियों के तहत हर जिले में तिरंगा यात्राएं निकाल पर लोगों से आहवान किया जा रहा है कि ज्यादा से ज्यादा संख्या में 18 जून को श्रीगंगानगर की महारैली से पहुंचे।

कांग्रेस और बीजेपी का विकल्प है आप

आम आदमी पार्टी के सह प्रभारी नरेश यादव का कहना है कि राजस्थान की जनता अब काग्रेस और बीजेपी से ऊब गई है। दोनों दल बारी बारी से सत्ता पर काबिज होते हैं लेकिन जनता को राहत प्रदान करने में विफल रहे है। जनता के पास कांग्रेस और बीजेपी के बाद तीसरे विकल्प के रूप में आम आदमी पाटी को चुनने का अवसर मौजूद है। दिल्ली की तर्ज पर प्रदेश में भी शिक्षा और स्वास्थ्य सहित तमाम तरह की सुविधाएं देना पार्टी का मुख्य ध्येय है। यादव ने कहा कि पार्टी का विस्तार लगातार हो रहा है। करीब 5 हजार पदाधिकारियों की नियुक्तियां की जा चुकी है। जिला, ब्लॉक, सर्किल और ग्राम पंचायत स्तर तक पदाधिकारियों की नियुक्ति देने का सिलसिला जारी है।

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