स्कूल के बाथरूम में लगाए जय श्रीराम के नारे, रस्टीकेट किए गए 10 स्टूडेंट

नई दिल्ली। नवी मुंबई के वाशी स्थित सेंट लॉरेंस स्कूल के 10 छात्रों को रस्टीकेट कर दिया गया। ये सभी दसवीं कक्षा में पढ़ते थे। छात्रों ने पर आरोप है कि इन सभी ने स्कूल में जय श्रीराम के नारे लगाए। नारे लगाने का मामला जब स्कूल प्रिंसिपल के पास पहुंचा तो उन्होंने सभी छात्रों को रस्टीकेट कर दिया। प्रिंसिपल के एक्शन से छात्र धबराए हुए हैं। उन्हें अपने भविष्य का डर सता रहा है। छात्रों का कहना है कि अब उनका पूरा साल बर्बाद हो जाएगा।
दरअसल, सेंट लॉरेंस स्कूल के 10 छात्रों ने शौचालय में इक_ा होकर शरारतपूर्ण तरीके से जय श्रीराम के नारे लगाए थे। इसकी खबर जैसे ही स्कूल के प्रिंसिपल तक पहुंची तो उन्होंने छात्रों को बुलाकर जमकर डांट लगाई और एक्शन लेते हुए छात्रों को रस्टीकेट कर दिया। हालांकि जानकारी मिल रही है बाद में तीन छात्रों को वापस स्कूल में आने की अनुमति दे दी गई।
सभी छात्र दसवीं कक्षा में पढ़ते हैं। आखरी वर्ष होने के कारण वे घबरा रहे हैं। छात्रों का कहना है उनका भविष्य खराब हो जाएगा। उनका पूरा साल बर्बाद हो जाएगा। यदि स्कूल प्रशासन उन्हें वापस स्कूल आने की अनुमति दे भी देता है तो आगे चलकर उनका नुकसान तय है। क्योंकि बोर्ड परीक्षा में प्रैक्टिकल नंबर स्कूल के हाथ में होते हैं। उनके साथ छेडख़ानी हो सकती है। जिसका असर उनके भविष्य पर पड़ सकता है।
यही कारण है कि अब तक कोई भी विद्यार्थी खुलकर सामने नहीं आया है। वहीं अब स्कूल की तरफ से दी गई। सेंट लॉरेंस स्कूल की प्रिंसिपल सायरा केंडी ने बताया कि हमने चार छात्रों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की थी, न कि किसी भी प्रकार के धार्मिक नारे लगाने के चलते कार्रवाई की थी। वो बच्चे कॉरिडोर से नारे लगाते हुए शौचालय में गए थे। उस समय स्कूल में कक्षाएं चल रही थीं। उनके इस शोर-शराबे का असर बाकी के बच्चों की शिक्षा पर पड़ा। इसलिए उनके ऊपर कार्रवाई की गई है। छात्रों को पेरेंट्स को पूरा घटनाक्रम बताया गया था। वो सभी बच्चे हमारे हैं। हम उनका साल बर्बाद नहीं होने देंगे।
आज सुबह मनसे समेत कुछ हिंदू संगठनों ने स्कूल के बाहर प्रदर्शन कर छात्रों को वापस लेने की मांग की। एक पीडि़त छात्र के पिता ने कहा कि मामला बीते सोमवार का है। मेरे बच्चे ने मुझे घर पर आकर बताया कि 6 लोगों ने वाशरूम के पास जयश्री राम के नारे लगाए थे। जिसके बाद मेरे बच्चे को बोला गयाकि अपने पापा को बुलाओ, लेकिन मैं बाहर था तो नहीं आ पाया। बच्चे को स्कूल नहीं आने दिया जा रहा था। जब मैटर बढ़ा तो बच्चे को वापस स्कूल में लिया गया।

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