बसपा ऑफिस से हटाई गईं मायावती, कांशीराम और अंबेडकर की मूर्तियां
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बहुजन समाज पार्टी के मुख्यालय पर लगीं तीन बड़ी प्रतिमाएं हटा दी गईं हैं। पार्टी ऑफिस के बड़े प्लेटफॉर्म पर कांशीराम, डॉ। बीआर अंबेडकर और बसपा प्रमुख मायावती की प्रतिमाएं मौजूद रहती थीं, जो अब नहीं दिख रही हैं। हालांकि अभी प्रतिमाएं हटाने की वजह स्पष्ट नहीं है। बीएसपी चीफ मायावती कई मौकों पर इन प्रतिमाओं के पास पहुंचकर पुष्प अर्पित करती रहीं हैं।
बता दें कि साल के अंत तक पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। वहीं अगले साल की शुरुआत में देश में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं। वहीं विपक्षी दल एकजुट होकर एनडीए को सत्ता से बाहर करने के लिए प्लान बना रहे हैं। ऐसे में सबसे ज्यादा सांसद चुनकर भेजने वाले सूबे उत्तर प्रदेश में सियासी पारा हाई होना स्वाभाविक है।
मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और तेलंगाना में इसी साल होने जा रहे विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियां एक्टिव मोड में आती दिख रही हैं। एक तरफ जहां भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और कांग्रेस ने चुनाव को लेकर जनता के बीच पहुंचना शुरू कर दिया है। वहीं दूसरी तरफ मायावती की बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने भी चुनावी तैयारी शुरू कर दी है।
बसपा ने इन राज्यों के चुनाव में मायावती के भतीजे आकाश आनंद को बड़ी जिम्मेदारी दी है। आकाश आनंद को बसपा ने चुनावी राज्यों की जिम्मेदारी सौंपी है। आकाश ने चुनावी राज्यों की जिम्मेदारी मिलने के बाद ट्वीट कर एक तरह से ये संकेत दे दिए हैं कि उनकी रणनीति दलित-आदिवासी और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को हाथी के साथ लाने की होगी।
आकाश आनंद में मायावती के राजनीतिक वारिस की छवि देखी जाती है। ऐसे में उनको चार चुनावी राज्यों की जिम्मेदारी मिलना नहीं चौंकाता, लेकिन सियासी गलियारों में इस बात को लेकर चर्चा जरूर शुरू हो गई है कि क्या आकाश आनंद चार ऐसे राज्यों की जिम्मेदारी के साथ न्याय कर पाएंगे, जहां एक ही साथ विधानसभा चुनाव होने हैं?
क्या आकाश की सांगठनिक क्षमता इतनी है? बसपा से जुड़े लोग आकाश की संगठन क्षमता और नेतृत्व पर भरोसा व्यक्त कर रहे हैं, चमत्कार की आस व्यक्त कर रहे हैं तो वहीं सियासत के जानकारों की राय कुछ और ही है।